मंगलवार, 1 अक्तूबर 2019

मोहनदास करम चंद गांधी ।बापू के प्रेरक वचन ।150वीं जयंती विशेष


मोहनदास करमचन्द गांधी संछिप्त जीवन परिचय एवम प्रेरक वचन 



जन्म ➡2 अक्टूबर 1869 ई0
मृत्यु ➡ 30 जनवरी 1948 ई0

आज सम्पूर्ण भारत उनकी याद में 150वीं जयन्ती मना रहा है। जो एक ऐसी शख्शियत थे जिनको पूरी दुनिया प्यार व सम्मान आज भी देती है और उनके विचारों का अनुकरण करती है ।

मोहनदास करमचन्द गांधी

 इस महापुरुष का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात में पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। आपका पूरा नाम मोहनदास थे । इनके पिता कर्मचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। माता पुतलीबाई धार्मिक स्वभाव वाली अत्यंत सरल महिला थी ।



मोहनदास करम चंद गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।
 प्रति वर्ष उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर  को भारत वर्ष  "गाँधी जयन्ती" के रूप में और पूरे विश्व में "अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस" के नाम से मनाया जाता है।
मोहनदास करम चंद गांधी हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से हम 'बापू' कहते हैं, महान सोच वाले एक साधारण व्यक्ति थे । वे करोड़ों देशवासियों के जीवन में बदलाव लाना चाहते थे ।
कहते हैं कि इन्सान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं। विचार और काम की शुद्धता और सरलता ही महान लोगों को आम लोगों से अलग करती हैं । वे वही काम करते हैं, जो दूसरे करते हैं, लेकिन समाज में बदलाव लाना उनका मकसद होता है ।


यहां हम उनके कुछ प्रेरक वचन पेश कर रहे हैं, जो हमारी आंखें खोल सकते हैं
1➡ व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है। वह जो सोचता है, वह बन जाता है ।
2 ➡ कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है । क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है ।
3 ➡ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है । यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है ।
4 ➡ धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है ।
5 ➡गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में ।
6➡ आप जो करते हैं वह नगण्य होगा ,लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है ।
7 ➡हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा ।
8 ➡किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते है ।
9 ➡कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है; यह तो बहादुर की निशानी है ।
10 ➡बापू ने कहा कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी ।
11 ➡ किसी एक आदमी के कृत्य से किसी एक आदमी को खुशी पहुंचाना, प्रार्थना में हजारों सिरों के झुकने से बेहतर है।
12➡ मैं हिंसा को पसंद नहीं करता हैं क्योंकि भले ही इसको अच्छाई के लिए अपनाया गया हो लेकिन इसकी अच्छाई कम समय तक रहती है और बुराई हमेशा।
13➡ जहां प्रेम है, वहीं जीवन है।
14➡भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप आज क्या करते हैं।
15➡अगर गलती करने की आजादी न हो, तो ऐसी आजादी का कोई मतलब नहीं है।
16➡अगर मुझमें हास्य न होता, तो मैं कब का खुदकुशी कर चुका होता।
17➡पृथ्वी पर हर इंसान की जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत कुछ है लेकिन हर इंसान की लालच को पूरा करने के लिए नहीं।
18➡ पहले वो आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर वो आप पर हंसेंगे, फिर वो आपसे लड़ेंगे और फिर आप जीत जाएंगे।