सोमवार, 8 मार्च 2021

अंतर्राष्ट्रीय महिला पर दिवस विशेष ! MAHILA DIVAS ! 2021

                              !! अंतर्राष्ट्रीय महिला पर दिवस विशेष !!

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" International Womens Day " हर साल मार्च की 8 तारीख को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाया जाता है। इस दिन महिलाओं के लिए खास तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। 

लेकिन क्या आप जानते हैं कब और कैसे हुई थी इस दिन को मनाने की शुरुआत????





आइये जानते हैं ⏩⏩⏩

अंतरराष्ट्रीय महिला दिवस हर साल 8 मार्च को दुनियाभर में सेलिब्रेट किया जाता है। जिसमें महिलाओं के विकास, सम्मान और अधिकारों के बारे में बात की जाती है और स्कूल से लेकर कॉलेजों में तरह-तरह के कार्यक्रमों का आयोजन किया जाता है। इस दिन को खास बनाने के लिए उन्हें गिफ्ट भी दिए जाते हैं। लेकिन आखिर कहां से आया इस दिन को मनाने का आइडिया और कब से हुई इसे मनाने की शुरूआत, जानेंगे इसके बारे में..




कब से हुई थी इस दिन को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की शुरुआत ⏩
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महिला दिवस को मनाने की शुरुआत साल 1908 में महिला मजदूर आंदोलन से हुई थी। जो अमरीका के न्यूयॉर्क शहर में हुआ था। तकरीबन 15 हज़ार महिलाओं ने इसमें हिस्सा लिया था और बराबरी के अधिकार की मांग की थी। जिसमें काम करने के समय को कम करवाने, अच्छी तनख़्वाह और वोटिंग के अधिकार के मुद्दे खास थे। लगभग एक साल बाद, अमरीका की सोशलिस्ट पार्टी ने पहले राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने की घोषणा की थी। जिसके बाद महिला दिवस को अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर मनाने का विचार एक महिला क्लारा ज़ेटकिन ने दिया था।

 

क्लारा उस वक़्त कोपेनहेगेन में कामकाजी महिलाओं की अंतर्राष्ट्रीय कांफ्रेंस में शिरकत कर रही थीं। कांफ्रेंस में उस समय  लगभग 100 महिलाएं मौजूद थीं, जो 17 देशों से आई थीं। इन सभी महिलाओं ने सर्वसम्मति से इस प्रस्ताव को मंज़ूर किया। पहला अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस साल 1911 में ऑस्ट्रिया, डेनमार्क, जर्मनी और स्विटज़रलैंड में मनाया गया था। लेकिन इसे औपचारिक मान्यता साल 1975 में उस समय मिली थी जब संयुक्त राष्ट्र संघ ने इसे मनाना शुरू किया था।



वर्तमान वर्ष 2021 की अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की थीम ⏩
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इस साल इसका थीम 'Women in leadership: an equal future in a COVID-19 world' ("महिला नेतृत्व: COVID-19 की दुनिया में एक समान भविष्य को प्राप्त करना") रखी गई है। यह थीम COVID-19 महामारी के दौरान दुनिया भर में लड़कियों और महिलाओं के योगदान को समर्पित करती है।



अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस मनाने का उद्देश्य ⏩
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“अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस” मनाने का उद्देश्य महिलाओं किसी भी मामले में पुरुषों से कम नहीं ये बताना है। साथ ही महिलाओं को उनके अधिकारों के प्रति जागरूक भी करना है। स्वास्थ्य, सुरक्षा, नौकरी, पद्दोन्नति किसी भी मामले में महिला हैं ये सोचकर उन्हें पीछे रखने वालों को जगाना है। 

वह स्त्री है जिसने तुम्हें इस पृथ्वी पर अस्तित्व दिया और आज उसे ही अपने अस्तित्व की लड़ाई लड़नी पड़ रही है 

पुरुष प्रधान समाज की रूढ़िवादिता से आगे बढ़ो स्त्रियों का सम्मान करो उन्हें भी अपने जीवन का पूरा हक है।

स्त्री बेटी है बहन है बहू है मां है पत्नी है उसका हर रूप बहुत ही अद्भुत और विशाल है आओ स्त्री का झुक कर करे सम्मान केवल 1 दिन ही नहीं ...





कथा व्यास आचार्य श्री राजललन (गोपाल) जी महाराज के सौजन्य से।।

                         नारी          


नारी माता, बहन है , नारी व परिवार । ...

नारी से घरबार है, है रिश्तों में जान । ...

नारी लक्ष्मी, शारदा, नारी दुर्गा रूप । ...

नारी शिशु को जन्म दे, करे जगत विस्तार । ...

नारी से घर स्वर्ग है, रहता प्रभु का वास

सृष्टि नहीं नारी बिना, यही जगत आधार।

नारी के हर रूप की, महिमा बड़ी अपार।।


जिस घर में होता नहीं, नारी का सम्मान।

देवी पूजन व्यर्थ है, व्यर्थ वहाँ सब दान।।


लक्ष्मी, दुर्गा, शारदा, सब नारी के रूप।

देवी सी गरिमा मिले, नारी जन्म अनूप।।


कठिन परिस्थिति में सदा, लेती खुद को ढाल।

नारी इक बहती नदी, जीवन करे निहाल।।


नारी, नारी का नहीं, देती आयी साथ।

शायद उसका इसलिए, रिक्त रहा है हाथ।।


खुशियों का गेरू लगा, रखती घर को लीप।

नारी रंग गुलाल है, दीवाली का दीप।।


खुशियों को रखती सँजो, ज्यों मोती को सीप।

नारी बंदनवार है, नारी संध्या दीप।।


तार-तार होती रही, फिर भी बनी सितार।

नारी ने हर पीर सह, बाँटा केवल प्यार।।


पायल ही बेड़ी बनी, कैसी है तकदीर।

नारी का क़िरदार बस, फ्रेम जड़ी तस्वीर।।


नारी को अबला समझ, मत कर भारी भूल।

नारी इस संसार में, जीवन का है मूल।।


है सावित्री सी सती, बनती पति की ढाल।

पतिव्रत नारी सामने, घुटने टेके काल।।


नारी मूरत त्याग की, प्रेम दया की खान।

करना जीवन में सदा, नारी का सम्मान।।


सूना है नारी बिना, सारा यह संसार।

वह मकान को घर करे, देकर अपना प्यार।।


नारी तू अबला नहीं ,स्वयं शक्ति पहचान।

अपने हक को लड़ स्वयं, तब होगा उत्थान।।


क्यों नारी लाचार है, लुटती क्यों है लाज।

क्या पुरुषत्व विहीन ही, हुई धरा ये आज।।


जब तक वह सहती रही, थी अबला लाचार।

ज्यों ही वह कहने लगी, बनी अनल, अंगार।।


संस्कृति की वाहक यही, इससे रीति- रिवाज।

नारी ही निर्मित करे, सुंदर सभ्य समाज।।


मन के जख़्मों की कहो, कहाँ लगाऊँ हाँक।

पत्नी ने यह सोचकर लिया चोट को ढाँक।।


दिन भर वह खटती रही, हुई सुबह से शाम।

घर आकर पति ने कहा, क्या करती हो काम?


कुक, टीचर, आया कभी , करे नर्स का रोल।

फिर भी क्यों घर में नहीं, नारी का कुछ मोल।।


नयी वधू के स्वप्न नव, अभी न पाये झूम।

औ दहेज की आग में, झुलस गयी मासूम।।


नारी, अबला ही रही, बदला कहाँ समाज।

अब भी लगती दाँव पर, द्रोपदियों की लाज।।


'साँप-नेवले'- सा हुआ, सास- बहू का प्यार।

छोटी सी तकरार में, टूट गया परिवार।।


अग्निपरीक्षा कब तलक, लेगा सभ्य समाज।

नारी की खातिर नहीं, बदला कल या आज।।


जयद्रथ, दु:शासन खड़े, गली-गली में कंस।

द्रौपदियाँ लाचार हैं, कौन करे विध्वंस।।


पहनावा ही था ग़लत, किया सभी ने सिद्ध।

चिड़िया रोती रह गई, बरी हो गये गिद्ध।।


हुआ पराया मायका, अपना कब ससुराल।

किस घर को अपना कहूँ, नारी करे सवाल।।


बनें आर्थिक रूप से, नारी सभी सशक्त।

बदलेगा यह देश तब, यही कह रहा वक्त।।


ओ नारी! सुन तू नहीं, एक उतारा वस्त्र।

पा ले हर अधिकार को, उठा स्वयं अब अस्त्र।।


घर कोई उजड़े नहीं, बदलें अगर विचार।

बहुओं को भी मिल सके, बेटी जैसा प्यार।।


ज्यों ही फैला गाँव में, कोई भीषण रोग।

नई बहू मनहूस है, लगा दिया अभियोग ।





हमारे ब्लॉग से जुड़े समस्त महिला मित्रों एवं देश की सभी माताओं बहनो को अंतर्राष्ट्रीय महिला दिवस की हार्दिक शुभकामनाएं !!!!  🙏🙏🙏
हमारी इस पोस्ट को पढ़ने के लिए आपका धन्यवाद ।

#ABHI D FAITH