शुक्रवार, 22 फ़रवरी 2019

बोगीबील क्या है ? जानें

देश के सबसे लंबे रेल सह सड़क पुल से जुड़े अति महत्वपूर्ण तथ्य और उनसे संबंधित परीक्षापयोगी प्रश्न !!! जो सभी परीक्षाओं के लिये अति महत्वपूर्ण हैं ।
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प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने  ब्रह्मपुत्र नदी पर देश के सबसे लंबे रेल और  सड़क सेतु को राष्ट्र को दिनांक 25 दिसंबर 2018 को समर्पित किया। असम को अरुणाचल प्रदेश से जोड़ने वाला यह सेतु पूर्वोत्तर के लिए बहुत खास तोहफा है।  अटलजी के जन्मदिवस पर प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने यह सेतु राष्ट्र को समर्पित किया। इस सेतु रेलवे मार्ग से 705 किमी और सड़क मार्ग से 150 किमी की दूरी को कम करते हुए डिब्रूगढ़ से नाहरलागुन तक सीधा संपर्क स्थापित होगा।

इससे पहले रेलवे पुल डिब्रूगढ़ से तकरीबन 450 किमी. की दूरी पर गुवाहटी में ही मौजूद था साथ ही सड़क पुल यहां 250 किमी. दूर।
इस पुल को डेनमार्क और स्वीडन को जोड़ने वाले रोजमैन ब्रिज की तर्ज पर बनाया गया है ।
ब्रह्मपुत्र जलस्तर से 32 मी. ऊंचाई पर बने इस पुल में कुल 42 डबल डी वेल फाउंडेशन खंभों का इस्तेमाल हुआ है। लोगो के लिए खुल जाने के बाद अब लोगों को डिब्रूगढ से धीमाजी जाने के लिए 700 किमी.की दूरी तय नहीं करनी पड़ेगी। साथ ही ख़तरनाक तरीक़े से नदी को नाव के ज़रिए पार करने से भी मुक्ति मिलेगी। 

पुल बनने से ईटानगर तक जाने के लिए रेलवे सुविधा को विस्तार मिलेगा। इसके अलावा भारत की सामरिक दृष्टि से चीन से लगती हुई सीमा की निगेहबानी को भी मज़बूती मिलेगी। अपने कार्यारंभ से 16 साल बाद यह पुल बनकर तैयार हुआ।  

जानें बोगीबील पुल से जुड़ी 5 खास बातें

बोगीबील

1➡खास बा
 इस पुल के पूरा होने में दो दशक से अधिक का समय लगा। बीजी (बड़ी लाइन) ट्रैक पर डबल लाइन और सड़क के तीन लेन के साथ निर्मित यह पुल देश के अधिकत्तर पूवोर्त्तर इलाकों की लाइफ लाइन है। यह असम और अरुणाचल प्रदेश के पूर्वी क्षेत्र में ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तर और दक्षिण तट के बीच संपर्क की सुविधा भी प्रदान करेगा।

2➡देवेगौड़ा ने रखी आधारशिला

बोगीबील पुल परियोजना असम समझौते 1985 का एक हिस्सा है और इसे वर्ष 1997-1998 में स्वीकृत किया गया था। तत्कालीन प्रधान मंत्री एच डी देवेगौड़ा ने 22 जनवरी 1997 को इस परियोजना की आधारशिला रखी थी। इसके बाद तत्कालीन प्रधानमंत्री  अटल बिहारी वाजपेयी ने 21 अप्रैल 2002 को इस परियोजना का काम शुरू किया गया था और उनकी जयंती के मौके पर मंगलवार 25 दिसंबर 2018 को यह पुल राष्ट्र को समर्पित किया गयाा है।

3 ➡ इसे 2007 में राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया गया

केंद्र सरकार ने वर्ष 2007 में इसे राष्ट्रीय परियोजना घोषित किया था, जिससे शीघ्र निमार्ण के लिए निधि की उपलब्धता सुनिश्चित हुई। परियोजना की स्वीकृत अनुमानित लागत 3230.02    करोड़ रुपये थी जो कि संशोधित अनुमान के साथ लगभग 5800 करोड़ रुपये हो गयी है। रेलवे बोर्ड ने बढ़ाई गई पुल की लंबाई को मंजूरी दी है। रेल लिंक ब्रह्मपुत्र नदी के उत्तरी और दक्षिणी सिरों पर चलने वाले दो मौजूदा रेलवे नेटवर्क को भी जोड़ेगी।

4 ➡सेना को करेगा मदद

रेल संपर्क प्रदान करने के अलावा यह पुल दो मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों- दक्षिण में स्थित एनएच-37 को उत्तरी क्षेत्र के  एनएच-52 को जोड़ेगा। इससे अरुणाचल प्रदेश के सुदूरवर्ती जिलों अंज, चांगलांग, लोहित, निचली दिबांग घाटी, दिबांग घाटी और तिरप को काफी फायदा होगा। भारत के चीन के साथ 4 हजार किलोमीटर लंबी सीमा का लगभग 75 प्रतिशत हिस्सा अरुणाचल प्रदेश में है और यह पुल भारतीय सेना को इस सीमा में प्रवेश करने में मदद करेगा।

5➡ डिब्रूगढ़ से रंगिया की दूरी 170 किमी कम हो जाएगी

यह पुल असम के पूर्वी भाग में डिब्रूगढ़ को ब्रह्मपुत्र के उत्तर हिस्से के जरिये दिल्ली और कोलकाता का भाया रंगिया से वैकल्पिक और छोटा मार्ग प्रदान करेगा। डिब्रूगढ़ से रंगिया की दूरी 170 किमी कम हो जाएगी। असम के ईटानगर में डिब्रूगढ़ से सड़क की दूरी 150 किलोमीटर कम हो जाएगी और इन दोनों बिंदुओं के बीच की रेलवे यात्रा दूरी 708 किमी कम हो जाएगी।

6➡बोगिबील पुल के लिए भारतीय इस्‍पात प्राधिकरण लि. द्वारा इस्‍पात की आपूर्ति 

स्टील अथॉरिटी ऑफ इंडिया लिमिटेड (सेल) ने ब्रह्मपुत्र नदी पर बोगिबील सड़क और रेल पुल के निर्माण के लिए लगभग 35400 मीट्रिक टन इस्‍पात की आपूर्ति की है। इस्‍पात की यह मात्रा इस पुल के लिए आपूर्ति की जाने वाली इस्‍पात की कुल मात्रा के 50 प्रतिशत से अधिक है। सेल ने इस4.94 किमी. लंबे इस पुल के लिए टीएमटी रिबारों,प्लेट्स और स्ट्रक्चरल की भी आपूर्ति की है, जो पुल के ढांचे में मिश्रित वेल्डेड स्टील ट्रस गर्डर्स हैं। इससे पहले, सेल ने भारत के सबसे लंबे पुल ढोला-सादिया ब्रिज के निर्माण के लिए 90 प्रतिशतइस्‍पात की आपूर्ति की थी। ब्रह्मपुत्र नदी पर बना यह पुल 4.94 किमी लंबा है जो एशिया का दूसरा सबसे लंबा रेल और सड़क पुल है। इसकी सेवा अवधि 120 वर्ष है।

बोगीबील पुल पर आगामी परीक्षाओं में पूंछे जाने वाले कुछ अतिमहत्वपूर्ण प्रश्न :-

1 ➡बोगिबील पुल किस नदी पर बना है ?
अ- कृष्णा।                   ब- माही
स- ब्रह्मपुत्र।                  द- नर्मदा

2➡बोगीबील पुल कौन से दो जिलों को आपस में जोड़ता है ?
अ- तिनसुकिया- ढोला        ब-   धेमाजी - डिब्रूगढ़
स- धेमाजी - बारपेटा।         द- डिब्रूगढ़-दिसपुर

3➡बोगिबील पुल की लंबाई है ?
अ- 4.96किमी।           ब  -   4.94किमी
स- 4.98किमी।            द - 4.92किमी

4➡इस पुल में कुल कितने डबल डी वेल फाउंडेशन खंभों का इस्तेमाल हुआ है।
अ 40                         ब 41
स 42                         द43

5➡बोगीबील पुल का निर्माण कब शुरू हुआ ?
अ -2001                 ब-   2002
स -2003                 द - 1998

6➡ बोगीबील पुल दो मौजूदा राष्ट्रीय राजमार्गों को जोड़ता है वह कौन से हैं ?
अ- NH-34 और NH-54    
ब-NH-32 और NH-52
स NH-34 और NH-54 
द- NH-37 और NH-52

7 ➡बोगीबील पुल को नेशनल प्रोजेक्ट कब घोषित किया गया था ?
अ- 2002            ब- 2004
स- 2005             द -2007

8 ➡बोगीबील पुल का एशिया के सबसे लंबे पुल में कौन सा स्थान है ?
अ  पहला।               ब दूसरा
स तीसरा।                 द चौथा

9 ➡बोगीबील पुल का भारत में सबसे लंबे पुल में कौन सा स्थान है ?
अ- पहला                      ब - दूसरा
स -तीसरा।                     द- चौथा

10➡बोगिबील पुल को बनाने में लगी कुल लगभग लागत ?
अ -30458 करोड़ रुपये।      ब-  4857 करोड़ रुपये    
स- 36887 करोड़ रुपये     द- 5900 करोड़ रुपये

11➡बोगीबील पुल ब्रह्मपुत्र नदी से कितनी ऊंचाई पर है ?
अ- 21 मीटर।                 ब- 30 मीटर
स- 32 मीटर।                द- 35 मीटर

12➡ बोगीबील पुल परियोजना की आधारशिला कब रखी गई ?
अ- 1995                    ब -1996
स- 1997                    द- 1998

इन प्रश्नों के उत्तर पाने के लिए  नीचे दिए लिंक पर जायँ

https://youtu.be/Fw1Ac3f9WUc

इस महत्व पूर्ण जानकारी के साथ एक और जानकारी आप लोगों के लिये ➡

भूपेन हाजारिका सेतु



असाम में स्थित ढोला-सादिया पुल भारत का सबसे लंबा पुल है।

भूपेन हाजरिका सेतु या ढोला-सादिया सेतु भारत का सबसे लम्बा पुल है।
1 ➡जिसका उद्घाटन 26 मई 2017 को प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी द्वारा किया  गया। यह 9.15 किलोमीटर (5.69 मील) लम्बा सेतु लोहित नदी को पार करता है, जो ब्रह्मपुत्र नदी की एक मुख्य उपनदी है। इसका एक छोर अरुणाचल प्रदेश के ढोला कस्बे में और दूसरा छोर असम के तिनसुकिया जिले के सादिया कस्बे में है।
इस से अरुणाचल प्रदेश और असम के बीच के यातायात के समय में चार घंटे की कमी आएगी।

2➡ ढोला-सादिया सेतु महाराष्ट्र के मुंबई नगर के बान्द्रा-वर्ली समुद्रसेतु से 3.55 किमी (2.21 मील) अधिक लम्बा है।

3➡भूपेन हाजरिका सेतु 
ढोला-सदिया सेतु
स्थानीय ढोला (अरुणाचल प्रदेश) - सदिया (असम)भारत

आधिकारिक नाम:-  भूपेन हाजरिका
सेतुरखरखाव:- सड़क यातायात और राजमार्ग मंत्रालय - नवयुग इंजीनियरिंग कम्पनी लिमिटेड के साथ (सरकारी-निजी योजना)
विशेषता:-
कुल लंबाई :-9.15 कि॰मी॰ (30,000 फीट)
चौड़ाई:-12.9 मी॰ (42 फीट)
Longest span:- 50 मी॰ (160 फीट)
No. of spans :-183
इतिहास
निर्माण शुरू:- 2011
निर्माण बंद:-10 मार्च 2017
पुल शुरू हुआ:-26 मई 2017

दिनांक 25 दिसंबर 2018 को ही प्रधानमंत्री श्री नरेन्‍द्र मोदी ने ‘भारत रत्‍न’ श्री अटल बिहारी वाजपेयी के सम्‍मान में स्‍मारक सिक्‍के का लोकार्पण किया 🔜

  ➡पूर्व प्रधानमंत्री श्री अटल बिहारी वाजपेयी की फोटो वाले 100 रुपये के  सिक्‍के पर उनका नाम हिंदी और अंग्रेजी में अंकित है।
➡इस सिक्‍के का वजन 35 ग्राम है और इस पर 1924 एवं 2018 अंकित हैं, जो श्री वाजपेयी के जन्‍म वर्ष एवं निधन वर्ष को दर्शाते हैं।
➡ इस सिक्‍के के दूसरी ओर अशोक स्‍तंभ का चिन्‍ह अंकित है।
➡इसके ठीक नीचे ‘सत्‍यमेव जयते’ अंकित है।

By
ABHI D. FAITH
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धन्यवाद ।।

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