शुक्रवार, 21 जून 2019

21 जून को ही क्यों मनाया जाता है अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस । योग दिवस का इतिहास । महत्वपूर्ण जानकारी ।



इस साल योग दिवस की थीम क्या है ? और क्या है  21 जून अंतराष्ट्रीय योग दिवस का इतिहास, जो 21 जून को खास बनाता है ??






इंटरनेशनल योगा डे (International Yoga day) 21 जून को मनाया जा रहा है. इस दिन हर कोई योग के जुड़े फायदों के बारे में बात करता है और योगा करते हुए तस्वीरों को शेयर करता है। पीएम मोदी से लेकर शिल्पा शेट्टी तक सभी योग दिवस के दिन खास वीडियो और तस्वीरें साझा करते हैं । साथ ही मैसेज देते हैं कि किस तरह योग हमारे शरीर को स्वस्थ और निरोगी बनाए रखने के लिए अत्यधिक  आवश्यक है । इसके साथ ही  योग दिवस के खास मैसेजेस भी एक-दूसरे से शेयर किए जाते हैं और इस साल योग दिवस की थीम क्या है ? और क्या है जो 21 जून को खास बनाता है ।




आइये जानते हैं आगे ।
बता दें, 21 जून को ही साल का सबसे बड़ा दिन होता है और इसी दिन वर्ल्ड म्यूजिक डे (World Music Day) भी मनाया जाता है.
योग दिवस की
उत्पत्ति
कैसे हुई आइये जानते हैं :-
औपचारिक व अनौपचारिक योग शिक्षकों और अन्य उत्साही लोगों के समूह ने 21 जून के अलावा अन्य तारीखों पर विश्व योग दिवस को विभिन्न कारणों के समर्थन में मनाया।
दिसंबर 2011 में, अंतर्राष्ट्रीय मानवतावादी, ध्यान और योग गुरू श्री श्री रविशंकर
 और अन्य योग गुरुओं ने पुर्तगाली योग परिसंघ के प्रतिनिधि मंडल का समर्थन किया और दुनिया को एक साथ योग दिवस के रूप में 21 जून को घोषित करने के लिए संयुक्त राष्ट्र को सुझाव दिया।


इसके पश्चात 'योग: विश्व शांति के लिए एक विज्ञान' नामक सम्मेलन 4 से 5 दिसंबर 2011 के बीच आयोजित किया गया। यह संयुक्त रूप से लिस्बन, पुर्तगाल के योग संघ, आर्ट ऑफ़ लिविंग फाउंडेशन और SVYASA योग विश्वविद्यालय,
बेंगलूर के द्वारा आयोजित किया गया। जगत गुरु अमृत सूर्यानंद के अनुसार विश्व योग दिवस का विचार वैसे तो 10 साल पहले आया था लेकिन, यह पहली बार था जब भारत की ओर से योग गुरु इतनी बड़ी संख्या में इस विचार को समर्थन दे रहे थे।
लेकिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस मनाने की शुरुआत भारत की पहल के चलते हुई. प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने संयुक्त राष्ट्र महासभा में 27 सितंबर 2014 को दुनियाभर में योग दिवस मनाने का आह्वान किया था. संयुक्त राष्ट्र महासभा ने प्रस्ताव आने के बाद सिर्फ तीन महीने के अंदर इसके आयोजन का ऐलान कर दिया 
उस दिन श्री श्री रवि शंकर के नेतृत्व में विश्व योग दिवस के रूप में 21 जून को संयुक्त राष्ट्र और यूनेस्को द्वारा घोषित करने के लिए हस्ताक्षर किए गए ।
जिसके बाद 21 जून को " अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस" घोषित किया गया।
"अभी तक हुए किसी भी संयुक्त राष्ट्र महासभा के संकल्प के लिए यह सह प्रायोजकों की सबसे अधिक संख्या है।"
11 दिसंबर 2014 को 193 सदस्यीय संयुक्त राष्ट्र महासभा ने सर्वसम्मति से 'योग के अंतर्राष्ट्रीय दिवस' के रूप में 21 जून को मंजूरी दे दी गयी।
प्रधानमंत्री मोदी के इस प्रस्ताव को 90 दिन के अंदर पूर्ण बहुमत से पारित किया गया, जो संयुक्त राष्ट्र संघ में किसी दिवस प्रस्ताव के लिए सबसे कम समय है।
योग दिवस की पहल
नरेन्द्र मोदी ने 27 सितम्बर 2014 को संयुक्त राष्ट्र महासभा में अपने भाषण से की थी जिसमें उन्होंने कहा:
"योग भारत की प्राचीन परंपरा का एक अमूल्य उपहार है यह दिमाग और शरीर की एकता का प्रतीक है; मनुष्य और प्रकृति के बीच सामंजस्य है; विचार, संयम और पूर्ति प्रदान करने वाला है तथा स्वास्थ्य और भलाई के लिए एक समग्र दृष्टिकोण को भी प्रदान करने वाला है। यह व्यायाम के बारे में नहीं है, लेकिन अपने भीतर एकता की भावना, दुनिया और प्रकृति की खोज के विषय में है। हमारी बदलती जीवन- शैली में यह चेतना बनकर, हमें जलवायु परिवर्तन से निपटने में मदद कर सकता है। तो आयें एक अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को गोद लेने की दिशा में काम करते हैं।"
—नरेंद्र मोदी, संयुक्त राष्ट्र महासभा
संयुक्त राष्ट्र के घोषणा करने के बाद, श्री श्री रविशंकर ने नरेंद्र मोदी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा:
"किसी भी दर्शन, धर्म या संस्कृति के लिए राज्य के संरक्षण के बिना जीवित रहना बहुत मुश्किल है। योग लगभग एक अनाथ की तरह अब तक अस्तित्व में था। अब संयुक्त राष्ट्र द्वारा आधिकारिक मान्यता योग के लाभ को विश्वभर में फैलाएगी।"
— श्री श्री रविशंकर



विवाद के घेरे में योग दिवस :-
इस दिवस का विवादों में अपना हिस्सा था।
सरकार ने 'अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस' के दौरान विवाद से बचने के लिए "सूर्य नमस्कार" व "श्लोक" जप की अनिवार्यता को आधिकारिक योग कार्यक्रम से हटा दिया और मुसलमानों से इस आयोजन में भाग लेने की अपील की। आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने मुसलमानों से इस कार्यक्रम के दौरान श्लोक के स्थान पर अल्लाह के नाम को पढ़ लेने का सुझाव दिया।
ऑल इंडिया मुस्लिम पर्सनल लॉ बोर्ड ने सूर्य नमस्कार को धर्म के खिलाफ बताते हुए इसका विरोध किया।मुस्लिम अल्पसंख्यक इसे केवल "हिंदू एजेंडा" मानते थे ।
भारत में पहले अंतर्राष्ट्रीय योग दिवस को मनाने के लिए भाजपा के साथ बाबा रामदेव ने भी इस आयोजन के लिए खास तैयारियां की थी, विश्व योग दिवस को यादगार बनाने और पूरे विश्व को योग के प्रति जागरूक करने के लिए रामदेव ने 35 मिनट का विशेष पैकेज तैयार किया था।
राजपथ पर हुए समारोह में भारत ने दो गिनीज रिकॉर्ड्स की स्थापना की:
21 जून 2015 को सबसे बड़ी योग क्लास 35,985 लोगों के साथ योग करने का
और
दूसरा चौरासी देशों के लोगों द्वारा इस आयोजन में एक साथ भाग लेने का रिकॉर्ड अपने नाम किया। इस रिकॉर्ड को आयुष मंत्री श्रीपद नाइक ने स्वयं ग्रहण किया।
 21 जून को ही क्यों मनाया जाता है योग दिवस?
21 जून के दिन को अंतरराष्ट्रीय योग दिवस के लिए चुनने की भी एक खास वजह है. दरअसल यह दिन उत्तरी गोलार्द्ध का सबसे लंबा दिन है, जिसे ग्रीष्म संक्रांति भी कह सकते हैं. भारतीय संस्कृति के दृष्टिकोण से, ग्रीष्म संक्रांति के बाद सूर्य दक्षिणायन हो जाता है और सूर्य के दक्षिणायन का समय आध्यात्मिक सिद्धियां प्राप्त करने में बहुत लाभकारी है. इसी कारण 21 जून का दिन अंतरराष्ट्रीय योग दिवस (International Yoga Day) मनाने के लिए निर्धारित किया गया ।

धन्यवाद ।

अगर ये जानकारी आपको अच्छी लगी हो तो इसे अपने दोस्तों के साथ जरूर शेयर करें ।
आपका 

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thanx