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शनिवार, 24 जून 2023

क्या है वेगनर ग्रुप ?जिसने रूस में कर दी तख्ता पलट करने की तैयारी । जानिए ..

 

रूस को इस वक्त बहुत बड़ा झटका लगा है क्योंकि देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो गई है ।


क्या है वेगनर ग्रुप ?जिसने रूस में कर दी तख्ता पलट करने की तैयारी । जानिए ..



इस समूह को रूस की निजी सैन्य कंपनी के तौर पर जाना जाता है। पिछले साल युद्ध शुरू होने के बाद रूस की तरफ से इस ग्रुप को यूक्रेन के राष्ट्रपति को ही निशाना बनाने की सुपारी दी गई थी। बताया गया था कि रूस ने किराए पर काम करने वाले हत्यारों के समूह- वैगनर ग्रुप को जेलेंस्की की हत्या का जिम्मा सौंपा था।
देश की जो प्राइवेट आर्मी (Russian Wagner Group) के तौर पर काम करने वाले वैगनर ग्रुप ने अपने ही देश के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया है । इसी बीच राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ( Vladimir Putin) ने कसम खाई है कि पीठ में छुरा भोंकने वालों को बख्‍शा नहीं जाएगा। 

यहां बता दें कि वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवेगनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) ने चेतावनी दी है कि वे अपना बदला लेकर रहेंगे । इसी बीच रुसी अधिकारियों ने राजधानी सहित देश के अलग-अलग इलाकों में सुरक्षा और  कड़ी कर दी है ।


जानिए क्‍या है यह वैगनर ग्रुप जिसने पुतिन के सामने उनके जीवन की सबसे मुश्किल घड़ी पैदा कर दी है।

क्या है वेगनर ग्रुप ?जिसने रूस में कर दी तख्ता पलट करने की तैयारी । जानिए ..



कैसे पड़ा वैगनर नाम ??
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समूह में रूस की विशिष्ट रेजीमेंट्स और विशेष बलों के लगभग 5,000 लड़ाके हैं। जनवरी महीने में, यूके के रक्षा मंत्रालय ने यह बताया कि वैगनर समूह में अब यूक्रेन में 50,000 के लगभग लड़ाके शामिल हैं। प्रिगोझिन की अगुवाई वाले वैगनर का नाम उसके पहले कमांडर, दिमित्री उत्किन के नाम पर पड़ा। वह रूस की सेना के विशेष बलों के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल थे और वैगनर उनका निकनेम था। जल्‍द ही वैगनर ने क्रूर और बेरहम संगठन के तौर पर अपनी इमेज (IMAGE )कायम कर ली। पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्‍ट्र (UN) के विशेषज्ञों ने वैगनर के सैनिकों पर मध्य अफ्रीकी गणराज्य,माली  और लीबिया सहित पूरे अफ्रीका में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।



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रूसी वेगनर ग्रुप क्या है ? कैसे काम करता है जानिए :-


रूसी वेगनर ग्रुप (Russian Wagner Group) एक निजी मिलिटरी कंपनी है जिसे रूसी वायुसेना के अधिकारियों के द्वारा समर्थित किया जाता है। इस कंपनी का मुख्यालय रूस में स्थित है और यह विशेष रूप से नगरोद्नोये, संयुक्त राष्ट्र में संघटित दण्डसेना के साथ युद्ध करने और सुरक्षा सेवाओं के लिए भर्ती किया जाता है।



क्या होता है रेलवे कवच जानिए? 



वैगनर ग्रुप आधिकारिक तौर पर पीएमसी वैगनर के रूप में जाना जाता है ।  ये एक रुसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून और नियम लागू नहीं होता । इसे देश की एक प्राइवेट आर्मी के तौर पर देख सकते हैं । इस संगठन को साल 2014 में यूक्रेन से संघर्ष के दौरान पहचान मिली । उस दौर में इसे एक खुफिया सैनिक समूह के रूप में जाना जाता था जो अधिकांश अफ्रीका और मध्य पूर्व में अधिक सक्रीय थे ।




वेगनर ग्रुप को दर्जनों देशों में व्यापार गतिविधियों के लिए जाना जाता है, जिसमें माइनिंग, गैस उत्खनन, निर्माण, औद्योगिक सुरक्षा और रक्षा शामिल हैं। इसके अलावा, वेगनर ग्रुप अन्य देशों में भी सुरक्षा संबंधित सेवाएं प्रदान करती है, जैसे कि निजी सुरक्षा, नियंत्रण कक्ष, परिवहन और अन्य सुरक्षा संबंधित सेवाएं।

हालांकि, वेगनर ग्रुप की गतिविधियों पर रूस सरकार ने स्पष्ट रूप से अपनी जिम्मेदारी या संलग्नता को अस्वीकार किया है और कहा है कि यह एक निजी कंपनी है और उससे मेरी किसी भी प्रकार की युद्ध कार्रवाई संबंधित नहीं हैं। तथापि, वेगनर ग्रुप की गतिविधियों के बारे में कई रिपोर्ट्स और विवाद हैं जो इसे समर्थित रूसी सैन्य अभियांत्रिकी और असामान्य सैन्य कार्रवाई से जोड़ते हैं।





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रविवार, 4 जून 2023

क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद खूब चर्चा हो रही है, जानें...


ओडिशा के बालासोर ट्रेन (Balasore Train) के   दर्दनाक हादसे में 288 लोगों की मौत के बाद अब रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बहुत से सवाल खड़े हो गए हैं, और इसी बीच कवच सिस्टम (kavach System) की चर्चा भी खूब हो रही है...


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...


जिसका उद्घाटन पिछले ही साल ही जोर-शोर से भारत में किया गया था । ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर उड़ीसा हादसे वाली ट्रेनों में कवच लगा होता तो इतनी बड़ी दुर्घटना नहीं घटती, जो कि इस रूट पर नहीं लगा था ।
आइए जानते हैं कि क्या है कवच सिस्टम और ये कैसे काम करता है ....

एसीडी नेटवर्क (एंटी-कोलिजन डिवाइस नेटवर्क) यानी की कवच एक ट्रेन-टक्कर रोकथाम प्रणाली है जिसका आविष्कार राजाराम बोज्जी ने किया था और कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन द्वारा पेटेंट कराया गया था।  इसे ट्रेनों के बीच टकराव को रोककर रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...

सिस्टम वास्तविक समय में सटीक स्थान और ट्रेनों की आवाजाही को ट्रैक करने के लिए जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) संचार जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करता है।  यह सिस्टम को संभावित टकराव परिदृश्यों का पता लगाने और उचित निवारक कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है।

एसीडी ( ACD) नेटवर्क निम्नलिखित प्रमुख घटकों और कार्यात्मकताओं के माध्यम से काम करता है:

👉 टक्कर रोधी उपकरण (ACD): नेटवर्क की प्रत्येक ट्रेन लोकोमोटिव पर स्थापित ACD से सुसज्जित है।  इस डिवाइस में एक जीपीएस रिसीवर, आरएफ ट्रांसीवर और एक माइक्रोकंट्रोलर शामिल है।

क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...



👉 जीपीएस पोजिशनिंग: एसीडी में जीपीएस रिसीवर ट्रेन की सटीक स्थिति, गति और दिशा निर्धारित करता है।  ट्रेन के चलने के साथ ही यह इस जानकारी को लगातार अपडेट करता रहता है।

👉 आरएफ संचार: एसीडी आरएफ संकेतों का उपयोग करके ट्रेन के स्थान और अन्य प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करता है।  ये सिग्नल पास की ट्रेनों और नेटवर्क में वेसाइड उपकरणों को प्रेषित किए जाते हैं।

👉 डाटा प्रोसेसिंग: अन्य ट्रेनें और वेसाइड रिसीवर आरएफ सिग्नल प्राप्त करते हैं और प्राप्त जानकारी को संसाधित करते हैं।  डेटा का विश्लेषण करके, सिस्टम ट्रेनों की सापेक्ष स्थिति, गति और दिशा निर्धारित कर सकता है।


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...


👉 टक्कर का पता लगाना: संसाधित डेटा का उपयोग करके, एसीडी नेटवर्क संभावित टक्कर परिदृश्यों की पहचान कर सकता है।  यदि यह पता चलता है कि दो या दो से अधिक ट्रेनें टकराव की स्थिति में हैं, तो यह टकराव को रोकने के लिए चेतावनी प्रणाली और सुरक्षा उपायों को ट्रिगर करता है।

👉 चेतावनी प्रणाली और सुरक्षा उपाय: जब टकराव के जोखिम का पता चलता है, एसीडी नेटवर्क प्रभावित ट्रेनों पर चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करता है।  इन प्रणालियों में ट्रेन ऑपरेटरों को सचेत करने और टकराव को रोकने के लिए ऑडियो-विजुअल अलार्म, स्वचालित ब्रेकिंग और अन्य सुरक्षा तंत्र शामिल हो सकते हैं।इस टेक्नोलॉजी की वजह से जैसे ही दो ट्रेन एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं, तो एक निश्चित दूरी पर ये सिस्टम दोनों ही ट्रेनों को रोक देता है । मतलब, अगर किसी कारणवश लोको पायलट ब्रेक लगाने में फेल हो जाता है तो इस सिस्टम से ऑटोमैटिक रूप से ब्रेक लग जाता है और दो इंजनों के बीच टक्कर को रोका जा सकता है ।


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...

👉 एसीडी नेटवर्क को लागू करने का लक्ष्य ट्रेन की आवाजाही के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करके और समय पर निवारक कार्रवाई को सक्षम करके ट्रेन टक्कर के जोखिम को काफी कम करना है।  प्रणाली समग्र रेलवे सुरक्षा में सुधार करती है और ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एसीडी नेटवर्क विशेष रूप से भारत में कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित और पेटेंट कराया गया था।  जबकि सिस्टम के मूल सिद्धांतों को अन्य रेलवे नेटवर्क में लागू किया जा सकता है, प्रत्येक रेलवे सिस्टम की आवश्यकताओं और बुनियादी ढांचे के आधार पर विशिष्ट कार्यान्वयन भिन्न हो सकता है।



देश में कवच की वर्तमान स्थिति क्या है?

(स्रोत :- TV9hindi)


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...


अभी कवच सिर्फ 1500 किलोमीटर रेल ट्रैक पर उपलब्ध है । दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर काम चल रहा है । जल्दी ही इसे पूरा कर लिया जाएगा । रेलवे हर साल चार से पाँच हजार किलो मीटर ट्रैक को कवच से सुरक्षित करने पर काम कर रहा है । मतलब यह हुआ कि अभी पूरे देश को कवच का कवर मिलने में व्यक्त लगेगा ।
कुछ और जरूरी तथ्य


भारत में रेलवे की कुल लंबाई लगभग 65 हजार किलो मीटर ।


सबसे लंबी दूरी की ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है जो 4189 किमी, डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के बीच चलती है ।


दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारत में है ।













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सोमवार, 29 मई 2023

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें क्या है इसकी खासियत ?

 

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर 75 रुपये का सिक्का जारी किया। इस दौरान उन्होंने विशेष स्मारक डाक टिकट भी जारी किया।

 बता दें कि देश अपनी आजादी की 75वीं वर्षगांठ मना रहा है।हाल ही में मन की बात के 100वें एपिसोड के मौके पर 100 रुपए के सिक्के जारी किए गए थे। 1947 से लेकर अब तक करीब 350 से ज्यादा ऐसे विशेष सिक्के जारी किए जा चुके हैं। 



प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें क्या है इसकी खासियत ?


क्या है 75 रुपये के सिक्के की खासियत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें क्या है इसकी खासियत ?



भारत के प्रधानमंत्री मोदी जी ने जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें इसकी खासियत

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें क्या है इसकी खासियत ?



भारत देश को आजादी के 75 साल बाद नए संसद भवन का तोहफा मिला है । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने पूरे विधि-विधान के साथ अनुष्ठान के बाद संसद में सेंगोल की स्थापना की और नया संसद भवन भारत देश को समर्पित किया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी जी ने संसद के उद्घाटन समारोह पर आयोजित कार्यक्रम के दूसरे चरण में स्मारक डाक टिकट और 75 रुपये का सिक्का भी जारी किया ।

जानिये नये संसद भवन के उद्घाटन पर जारी होने वाले 75 रुपये के विशेष सिक्के की ये खास बातें ....


सिक्के की सभी खासियतें 👇👇👇

इसका मानक वजन 35 ग्राम है। सिक्के के अग्र भाग पर मध्य में अशोक स्तम्भ का सिंह शीर्ष है और इसके नीचे 'सत्यमेव जयते' लिखा हुआ है। उसके बाईं ओर देवनागरी लिपि में 'भारत' शब्द और दाईं ओर अंग्रेजी में 'इंडिया' शब्द लिखा हुआ है।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें क्या है इसकी खासियत ?


यह 75 रुपये का सिक्का 44 मिलीमीटर के व्यास के साथ एक गोलाकार आकार का होगा। इसके किनारों पर 200 सेरेशन होंगे।


प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें क्या है इसकी खासियत ?



जानें भारत की नई #संसद #भवन की खास बातें ...


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किनारों के साथ 200 सेरेशन के आकार के गोलाकार सिक्कों को लेकर वित्त मंत्रालय की ओर से कहा गया था कि इनका निर्माण दूसरी अनुसूची में दिए गए निर्देशों के मुताबिक ही किया जाएगा ।

प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी ने नए संसद भवन के उद्घाटन के अवसर पर जारी किया 75 रूपए का सिक्का, जानें क्या है इसकी खासियत ?



35 ग्राम वजन का यह सिक्का 4 धातुओं से बना होगा। इस सिक्के में 50% चांदी, 40% तांबा, 5% निकेल और 5% जस्ता होगा।



75 रुपये के सिक्के पर नए संसद भवन के चित्र के ठीक नीचे वर्ष 2023 लिखा है । इन सिक्कों पर अशोक स्तंभ भी अंकित है और हिंदी में संसद संकुल, अंग्रेजी में पार्लियामेंट कॉम्प्लेक्स लिखा हुआ है । 75 रुपये के इन सिक्कों पर हिंदी में भारत और अंग्रेजी में इंडिया भी लिखा हुआ है ।











Thanks 

ABHIDFAITH












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गुरुवार, 25 मई 2023

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...

 

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...



भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...


नए संसद भवन का निर्माण अब पूरा हो गया है। भारत के प्रधान मंत्री श्री नरेंद्र मोदी 28 मई को इसे देश को समर्पित करेंगे।  इसमें लाउंज, लाइब्रेरी, कमेटी हॉल, कैंटीन और पार्किंग जैसी कई सुविधाएं हैं। करीब 12 सौ करोड़ की लागत से बनी आलीशान संसद में सुरक्षा के लिए अत्याधुनिक तकनीक अपनाई गई हैं। 

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है?

संसद भवन की नई इमारत (New Parliament Building) बनकर पूरी तरह से तैयार है । 28 मई रविवार को इस बिल्‍डिंग का उद्घाटन होने जा रहा है । 28 मई को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) और लोकसभा अध्यक्ष ओम बिरला नए संसद भवन को राष्ट्र को समर्पित करेंगे ।


भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...


भारत की नई संसद भवन का वास्तुकार कौन है ?
भारत की नई संसद भवन के वास्तुकार बिमल पटेल हैं, जिन्हें प्रधानमंत्री 'मोदी का आर्किटेक्ट' भी कहा जाता है ।देश की कई दिग्गज परियोजनाओं का कॉन्ट्रैक्ट उन्हें मिल चुका है ।


भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...


कैसी है नए संसद भवन की डिजाइन ?
नए संसद भवन की डिजाइन नए संसद भवन का आकार तिकोना है। नया संसद भवन 65,00 वर्ग मीटर क्षेत्र में फैला हुआ है ।
यह अंतरिक्ष का इष्टतम उपयोग सुनिश्चित करता है। इस भवन की आयु 150 वर्ष से अधिक होगी।नए संसद भवन में सासंदों के बैठने के लिए बेहतर व्यवस्था की गई है । सदन में हर सांसद की सीट के आगे मल्टीमीडिया डिस्प्ले भी लगा है साथ ही वोटिंग आदि के लिए नई तकनीत का इस्तेमाल किया गया है ।

नए संसद भवन की आवश्यकता क्यों ??
पिछले कुछ वर्षों में संसदीय गतिविधियों और उसमें काम करने वाले लोगों और आगंतुकों की संख्या में कई गुना वृद्धि हुई है। भवन के मूल डिजाइन का कोई रिकॉर्ड या दस्तावेज नहीं है। इसलिए, नए निर्माण और संशोधन एक तदर्थ तरीके से किए गए हैं।

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...

भारत की नई संसद किसने डिजाइन की थी?

नए भवन की डिजाइनिंग अहमदाबाद स्थित एचसीपी डिजाइन एंड मैनेजमेंट प्राइवेट लिमिटेड द्वारा की गई थी। टाटा प्रोजेक्ट्स ने नए संसद भवन के निर्माण का ठेका हासिल किया, जो केंद्र की सेंट्रल विस्टा पुनर्विकास योजनाओं का एक हिस्सा था।



नई संसद भवन का निर्माण कब हुआ?

इसका निर्माण 15 जनवरी 2021 को शुरू हुआ था. इसे बनाने का टेंडर टाटा प्रोजेक्ट को साल 2020 के सितंबर में दिया गया था ।  नए संसद भवन के आर्किटेक्ट बिमल पटेल हैं ।  वर्ष 2019 में उन्हें पद्मश्री से नवाजा जा चुका है ।

भारत की नई संसद का नाम क्या है?
नई दिल्ली में संसद भवन (IAST: संसद भवन) भारत की संसद की सीट है। इसके घर लोकसभा और राज्यसभा हैं जो भारत की द्विसदनीय संसद में क्रमशः निचले और ऊपरी सदनों का प्रतिनिधित्व करते हैं।

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...

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संसद भवनमें कितने कमरे हैं?

सेंट्रल हॉल में लोकसभा, राज्यसभा और लाइब्रेरी हॉल के कक्ष होते हैं। इन तीन कक्षों के चारों ओर चार मंजिला गोलाकार संरचना है जो सदस्यों और सदनों के लिए संसदीय समितियों, कार्यालयों और संसदीय मामलों के मंत्रालय के लिए आवास प्रदान करती है।
नए संसद भवन की खासियत यह है कि इसमें लोकसभा में 590 और राज्‍यसभा में 280 लोगों की सिटिंग कैपेसिटी है । जबकि नए संसद भवन की बात करें तो लोकसभा में 888 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्यादा लोगों के बैठने का इंतजाम है. वहीं नई राज्‍यसभा में 384 सीटें हैं और विजिटर्स गैलरी में 336 से ज्‍यादा लोगों के बैठने की क्षमता है

नए संसद भवन में सेंगोल क्या है?

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...


सेंगोल का नाम तमिल शब्द 'सेम्माई' से लिया गया है, जिसका अर्थ धार्मिकता है। राजदंड स्वतंत्रता का एक ऐतिहासिक प्रतीक है क्योंकि यह अंग्रेजों से भारतीयों को सत्ता के हस्तांतरण का प्रतीक है। जानकारी के मुताबिक तमिलनाडु से आए कुछ विद्वान पीएम मोदी को यह राजदंड देंगे या फिर इसे संसद में स्थापित कर दिया जाएगा। इसे स्पीकर की कुर्सी के पास रखा जाएगा, इसके पहले अब तक ये इलाहाबाद के एक संग्रहालय में रखा हुआ था। 

राष्ट्रीय स्तंभ में क्या है खास ?

भारत की नई संसद भवन का उद्घाटन कब है? क्या है संसद भवन की खासियत ? जाने इस लेख में ...


यह राष्ट्रीय स्तंभ संसद भवन की छत पर बना है, इस वजह से अपने आप खास है । इसके साथ ही इसका वजन 9500 किलो बताया जा रहा है मतलब की यह करीबन 9.5 टन का है । अगर इसकी विशालता की बात करें तो यह 6.5 मीटर ऊंचा है । इतने ऊंचे इस अशोक स्तंभ को सहारा देने के लिए इसके आसपास करीब 6500 किलो की स्टील की एक सरंचना भी लगाई गई है ताकि यह मजबूती से अपने स्थान पर टिका रहे । यह शुद्ध कांस्य से बनाया गया है, ऐसे में कहा जा सकता है कि इसकी लागत भी काफी ज्यादा है । ये माना जा रहा है कि इस पर लगभग एक हजार करोड़ रुपए का खर्चा आया है ।

पुराने संसद भवन की स्थापना कब हुई थी?

पुराने संसद भवन का न‍िर्माण और उद्घाटन कब हुआ? पुराने संसद भवन का निर्माण साल 1921 में शुरू हुआ था। ड्यूक ऑफ कनॉट ने 12 फरवरी 1921 को इसकी आधारशिला रखी थी। 18 जनवरी 1927 को तत्कालीन वायसराय लॉर्ड इरविन ने इसका उद्घाटन क‍िया था।





आपको यह जानकारी कैसी लगी comment में जरूर बताएं ।

धन्यवाद ।

ABHIDFAITH 







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शुक्रवार, 19 मई 2023

2000₹ का नोट हुआ चलन से बाहर । अब आपको क्या करना है जानिए... !!

 


भारतीय रिज़र्व बैंक ने घोषणा की है कि 2000 के नोट चलन से बाहर होंगे ।




अभी तक की बड़ी खबर….

2000₹  का नोट हुआ चलन से बाहर । अब आपको क्या करना है जानिए... !!




आरबीआई का बड़ा फैसला, 2000₹ का नोट प्रचलन से होगा बाहर। हालाँकि, 30 सितंबर तक वैध मुद्रा (सर्कुलेशन) में बना रहेगा। 23 मई से 30 सितंबर तक बैंक में जमा करा सकते हैं। एक बार में बीस हज़ार ₹ यानी दस नोट जमा हो सकते हैं।


आखिर RBI ने क्‍या फैसला लिया है?
आरबीआई ने 2000 रुपये के बैंक नोटों को अब और नहीं छापने का फैसला किया है। 2000₹ के नोटों को नोटबंदी के बाद नवंबर 2016 में शुरू किया गया था। इन्‍हें सिस्‍टम से तेजी से वापस लिया जाएगा। केंद्रीय बैंक का मानना है कि इन नोटों को छापने का मकसद अब पूरा हो चुका है।


देखें जारी सर्कुलर...



2000₹  का नोट हुआ चलन से बाहर । अब आपको क्या करना है जानिए... !!


आरबीआई ने कहा है कि सभी बैंकों में यह सुविधा 30 सितंबर तक उपलब्ध रहेगी । बैंकों से एक बार में 20,000 रुपये तक बदल सकते हैं ।

2000₹  का नोट हुआ चलन से बाहर । अब आपको क्या करना है जानिए... !!


DO YOU KNOW BENIFITS OF GREEN COFFEE ☕??Wait loose with Green cofee.Green cofee ke fayde

  DO YOU KNOW BENIFITS OF GREEN COFFEE ☕?? Green coffee is coffee that has not been roasted, and it has gained popularity in recent years du...