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रविवार, 6 फ़रवरी 2022

नहीं रहीं भारत रत्न स्वर कोकिला। लता मन्गेशकर । सुरों ने अपना एक वतन खो दिया....

नहीं रहीं भारत रत्न स्वर कोकिला  :-

सुरों ने अपना एक वतन खो दिया....
भारत ने अपना एक  रतन खो दिया...



लताजी नहीं रहीं।
ये सरस्वती का सुर विराम है।

भारत में 2 दिन का राष्ट्रीय शोक, तिरंगा आधा झुका रहेगा; शिवाजी पार्क में आज शाम 6.30 बजे अंतिम संस्कार

लता जी ने 4-5 दिन पहले काफी रिकवर किया था, कोरोना और निमोनिया दोनों से लड़ीं

लता मंगेश्कर जी की उम्र 92 साल हो चली थी। कोरोना और निमोनिया से 29 दिन लड़ीं भी, लेकिन आखिरकार दिनांक 6 फरवरी 2022 की रविवार सुबह 8: 12 बजे हम सबको, देश को, दुनिया को ना कह गईं। इलाज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था। लताजी के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा। देशभर में झंडा आधा झुका रहेगा।

पार्थिव देह को दोपहर 12 बजे प्रभु कुंज स्थित घर पर ले जाया जाएगा। अंतिम संस्कार आज शाम शिवाजी पार्क के श्मशान में किया जाएगा। शाम साढ़े छह बजे।

लताजी की कोरोना रिपोर्ट 8 जनवरी को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि भर्ती होने की खबर भी दो दिन बाद, यानी 10 जनवरी को सामने आई।

सुबह 8.12 बजे लता जी ने अंतिम सांस ली
मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में डॉ. प्रतीत समधानी की देखरेख में ही डॉक्टर्स की टीम लता जी का इलाज कर रही थी। इलाज के दौरान उनकी हेल्थ में सुधार भी देखा जा रहा था। उन्हें लगातार ऑब्जर्वेशन में रखा गया। करीब 5 दिन पहले उनकी सेहत में सुधार होना भी शुरू हो गया था। ऑक्सीजन निकाल दी गई थी, लेकिन ICU में ही रखा गया, लेकिन रविवार को सुबह 8.12 बजे उनका निधन हो गया। डॉ. प्रतीत ने बताया कि मल्टी ऑर्गन फेल्योर उनकी मौत की वजह रही।

घर के नौकर के पॉजिटिव आने के बाद आईं कोरोना की चपेट में
लता जी लगभग दो साल से घर से नहीं निकली थीं। वे कभी-कभी सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के लिए संदेश देती थीं। बढ़ती उम्र और गिरती सेहत के कारण वे ज्यादातर समय अपने कमरे में ही गुजारती थीं। उनके घर के एक स्टॉफ मेंबर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनका टेस्ट कराया गया था। 8 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

संगीत की दुनिया के उनके 8 सुरमयी दशक
92 साल की लता जी ने 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। उनकी आवाज गानों के हिट होने की गारंटी हुआ करती थी। सन 2000 के बाद से उन्होंने फिल्मों में गाना कम कर दिया और कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही गाने गाए। उनका आखिरी गाना 2015 में आई फिल्म डुन्नो वाय में था।

करीब 80 साल से संगीत की दुनिया में सक्रिय लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। 13 साल की छोटी उम्र में 1942 से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।

लता मंगेश्कर जी का संछिप्त जीवन परिचय
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लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इन्दौर में हुआ जो कि अब मध्यप्रदेश में स्थित है। वे पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती की बड़ी बेटी हैं। लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे जबकि मां गुजराती थीं। शेवंती उनकी दूसरी पत्नी थी। उनकी पहली पत्नी का नाम नर्मदा था जिसकी मृत्यु के बाद दीनानाथ ने नर्मदा की छोटी बहन शेवंती को अपनी जीवन संगिनी बनाया। 
लता के जन्म के समय उनका नाम हेमा रखा गया था जिसे बदल कर लता कर दिया गया। यह नाम दीनानाथ को अपने नाटक 'भावबंधन' के एक महिला किरदार लतिका के नाम से सूझा। लता के बाद मीना, आशा, उषा और हृदयनाथ का जन्म हुआ। 

 

हार्डीकर से मंगेशकर बनीं

पंडित दीनानाथ का सरनेम हार्डीकर था जिसे बदल कर उन्होंने मंगेशकर कर दिया। वे गोआ में मंगेशी के रहने वाले थे और इसके आधार पर उन्होंने अपना नया सरनेम चुना। 


प्रभु कुंज में स्वरों का सन्नाटा :-


लता मंगेशकर अपनी बहन उषा और भाई हृदयनाथ के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित प्रभुकुंज में पहले फ्लोर पर रहती थीं। कई सालों से वे यहां रह रही थीं। बहन आशा भोसले भी यहां से कुछ दूरी पर ही रहती हैं। सालों तक प्रभाकुंज सोसायटी की सुबह लता मंगेशकर के संगीत के रियाज से ही शुरू होती रहीं। खराब सेहत के कारण करीब 4 साल से उनका रियाज लगभग बंद सा ही था। नवंबर 2019 में भी लता जी को निमोनिया और सांस की तकलीफ के कारण ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। जहां वे 28 दिन भर्ती रही थीं। नवंबर 2019 के बाद से उनका घर से निकलना भी लगभग बंद हो चुका था।


लता मंगेशकर की जान लेने की की गई थी कोशिश ? 

वर्ष 1962 में लता की जान लेने की कोशिश की गई। लता को एक दिन सुबह उठते ही उन्हें पेट में जबरदस्त दर्द हुआ। उनकी हालत ऐसी थी कि अपनी जगह से हिलने में भी उन्हें दिक्कत होने लगी। लता जी को स्लो प्वॉइजन दिया गया था। हालांकि उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इस बारे में आज तक खुलासा नहीं हो पाया। 

 
कितने गीत गाए लता जी ने? 

लता ने कितने गाने गाए इसको लेकर भी बढ़ा-चढ़ा कर दावे किए गए हैं । लता ने कहा कि वे नहीं जानती कि उन्होंने कितने गाने गाए क्योंकि उन्होंने इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा। गिनीज़ बुक में भी उनका नाम शामिल किया गया था, लेकिन इसको लेकर भी खासा विवाद हुआ। लगभग 25 या 30 हजार गानों की बातें करना बेमानी है। हांलाकि लगभग 5 से 6 हजार गीतों में लता ने अपनी आवाज जरूर दी है। 

 
भारत सरकार द्वारा लता जी को दिये गए विभिन्न पुरस्कार 


2001 में मिला था भारत रत्न
लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं। कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म "लेकिन" थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। इसके अलावा भी फिल्म "लेकिन" को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे।अन्य पुुुरस्कार   नीचे  देखें  ~~


1969 - पद्म भूषण

1989 - दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

1999 - पद्म विभूषण

2001 - भारत रत्न

 

 

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 

1972 - फिल्म परी के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

1974 - फ़िल्म कोरा कागज़ के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार

1990 - फिल्म लेकिन के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

 

फिल्मफेयर अवार्ड्स
लता जी को निम्न लिखित फिल्मफेयर अवार्ड दिए गए ।
1959 - "आजा रे परदेसी" (मधुमती) 

1963 - "काहे दीप जले कही दिल" (बीस साल बाद)

1966 - "तुम मेरे मंदिर तुम मेरी पूजा" (खानदान)

1970 - "आप मुझसे अच्छे लगने लगे" (जीने की राह से)

1993 - फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

1994 - "दीदी तेरा देवर दीवाना" (हम आपके हैं कौन) के लिए विशेष पुरस्कार

2004 - फ़िल्मफ़ेयर स्पेशल अवार्ड : 50 साल पूरे करने वाले फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड्स के अवसर पर एक गोल्डन ट्रॉफी प्रदान की गई

 

महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार

1966 - सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका

1966 - सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक ('आनंदघन' नाम से)

1977 - जैत रे जैत के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका 

1997 - महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार 

2001 - महाराष्ट्र रत्न

 

बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड्स

बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर निम्न लिखित फिल्मों के लिए प्रदान किया गया ।

1964 - वो कौन थी

1967 - ‍मिलन

1968 - राजा और रंक

1969 - सरस्वतीचंद्र

1970 - दो रास्ते 

1971 - तेरे मेरे सपने

1972 - पाकीज़ा

1973 - बॉन पलाशिर पदबाली (बंगाली फिल्म)

1973 - अभिमान

1975 - कोरा कागज़

1981 - एक दूजे के लिए

1983 - A Portrait Of Lataji (ए पोट्रेट ऑफ लताजी)

1985 - राम तेरी गंगा मैली

1987 - अमरसंगी (बंगाली फिल्म)

1991 - लेकिन

 

इनके अलावा अन्य  ढेर सारे पुरस्कार, सम्मान और ट्रॉफियांलता जी को प्रदान की गईं । मध्यप्रदेश सरकार ने लता मंगेशकर के नाम पर पुरस्कार भी जारी किया है। 























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