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शनिवार, 24 जून 2023

क्या है वेगनर ग्रुप ?जिसने रूस में कर दी तख्ता पलट करने की तैयारी । जानिए ..

 

रूस को इस वक्त बहुत बड़ा झटका लगा है क्योंकि देश में गृहयुद्ध की स्थिति पैदा हो गई है ।


क्या है वेगनर ग्रुप ?जिसने रूस में कर दी तख्ता पलट करने की तैयारी । जानिए ..



इस समूह को रूस की निजी सैन्य कंपनी के तौर पर जाना जाता है। पिछले साल युद्ध शुरू होने के बाद रूस की तरफ से इस ग्रुप को यूक्रेन के राष्ट्रपति को ही निशाना बनाने की सुपारी दी गई थी। बताया गया था कि रूस ने किराए पर काम करने वाले हत्यारों के समूह- वैगनर ग्रुप को जेलेंस्की की हत्या का जिम्मा सौंपा था।
देश की जो प्राइवेट आर्मी (Russian Wagner Group) के तौर पर काम करने वाले वैगनर ग्रुप ने अपने ही देश के खिलाफ विद्रोह शुरू कर दिया है । इसी बीच राष्ट्रपति ब्लादिमीर पुतिन ( Vladimir Putin) ने कसम खाई है कि पीठ में छुरा भोंकने वालों को बख्‍शा नहीं जाएगा। 

यहां बता दें कि वैगनर ग्रुप के प्रमुख येवेगनी प्रिगोझिन (Yevgeny Prigozhin) ने चेतावनी दी है कि वे अपना बदला लेकर रहेंगे । इसी बीच रुसी अधिकारियों ने राजधानी सहित देश के अलग-अलग इलाकों में सुरक्षा और  कड़ी कर दी है ।


जानिए क्‍या है यह वैगनर ग्रुप जिसने पुतिन के सामने उनके जीवन की सबसे मुश्किल घड़ी पैदा कर दी है।

क्या है वेगनर ग्रुप ?जिसने रूस में कर दी तख्ता पलट करने की तैयारी । जानिए ..



कैसे पड़ा वैगनर नाम ??
कुछ मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक इस समूह में रूस की विशिष्ट रेजीमेंट्स और विशेष बलों के लगभग 5,000 लड़ाके हैं। जनवरी महीने में, यूके के रक्षा मंत्रालय ने यह बताया कि वैगनर समूह में अब यूक्रेन में 50,000 के लगभग लड़ाके शामिल हैं। प्रिगोझिन की अगुवाई वाले वैगनर का नाम उसके पहले कमांडर, दिमित्री उत्किन के नाम पर पड़ा। वह रूस की सेना के विशेष बलों के सेवानिवृत्त लेफ्टिनेंट कर्नल थे और वैगनर उनका निकनेम था। जल्‍द ही वैगनर ने क्रूर और बेरहम संगठन के तौर पर अपनी इमेज (IMAGE )कायम कर ली। पश्चिमी देशों और संयुक्त राष्‍ट्र (UN) के विशेषज्ञों ने वैगनर के सैनिकों पर मध्य अफ्रीकी गणराज्य,माली  और लीबिया सहित पूरे अफ्रीका में मानवाधिकारों के उल्लंघन का आरोप लगाया है।



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रूसी वेगनर ग्रुप क्या है ? कैसे काम करता है जानिए :-


रूसी वेगनर ग्रुप (Russian Wagner Group) एक निजी मिलिटरी कंपनी है जिसे रूसी वायुसेना के अधिकारियों के द्वारा समर्थित किया जाता है। इस कंपनी का मुख्यालय रूस में स्थित है और यह विशेष रूप से नगरोद्नोये, संयुक्त राष्ट्र में संघटित दण्डसेना के साथ युद्ध करने और सुरक्षा सेवाओं के लिए भर्ती किया जाता है।



क्या होता है रेलवे कवच जानिए? 



वैगनर ग्रुप आधिकारिक तौर पर पीएमसी वैगनर के रूप में जाना जाता है ।  ये एक रुसी अर्धसैनिक संगठन है जिसपर देश का कोई भी कानून और नियम लागू नहीं होता । इसे देश की एक प्राइवेट आर्मी के तौर पर देख सकते हैं । इस संगठन को साल 2014 में यूक्रेन से संघर्ष के दौरान पहचान मिली । उस दौर में इसे एक खुफिया सैनिक समूह के रूप में जाना जाता था जो अधिकांश अफ्रीका और मध्य पूर्व में अधिक सक्रीय थे ।




वेगनर ग्रुप को दर्जनों देशों में व्यापार गतिविधियों के लिए जाना जाता है, जिसमें माइनिंग, गैस उत्खनन, निर्माण, औद्योगिक सुरक्षा और रक्षा शामिल हैं। इसके अलावा, वेगनर ग्रुप अन्य देशों में भी सुरक्षा संबंधित सेवाएं प्रदान करती है, जैसे कि निजी सुरक्षा, नियंत्रण कक्ष, परिवहन और अन्य सुरक्षा संबंधित सेवाएं।

हालांकि, वेगनर ग्रुप की गतिविधियों पर रूस सरकार ने स्पष्ट रूप से अपनी जिम्मेदारी या संलग्नता को अस्वीकार किया है और कहा है कि यह एक निजी कंपनी है और उससे मेरी किसी भी प्रकार की युद्ध कार्रवाई संबंधित नहीं हैं। तथापि, वेगनर ग्रुप की गतिविधियों के बारे में कई रिपोर्ट्स और विवाद हैं जो इसे समर्थित रूसी सैन्य अभियांत्रिकी और असामान्य सैन्य कार्रवाई से जोड़ते हैं।





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रविवार, 4 जून 2023

क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद खूब चर्चा हो रही है, जानें...


ओडिशा के बालासोर ट्रेन (Balasore Train) के   दर्दनाक हादसे में 288 लोगों की मौत के बाद अब रेल यात्रियों की सुरक्षा को लेकर बहुत से सवाल खड़े हो गए हैं, और इसी बीच कवच सिस्टम (kavach System) की चर्चा भी खूब हो रही है...


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...


जिसका उद्घाटन पिछले ही साल ही जोर-शोर से भारत में किया गया था । ऐसे में कहा जा रहा है कि अगर उड़ीसा हादसे वाली ट्रेनों में कवच लगा होता तो इतनी बड़ी दुर्घटना नहीं घटती, जो कि इस रूट पर नहीं लगा था ।
आइए जानते हैं कि क्या है कवच सिस्टम और ये कैसे काम करता है ....

एसीडी नेटवर्क (एंटी-कोलिजन डिवाइस नेटवर्क) यानी की कवच एक ट्रेन-टक्कर रोकथाम प्रणाली है जिसका आविष्कार राजाराम बोज्जी ने किया था और कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन द्वारा पेटेंट कराया गया था।  इसे ट्रेनों के बीच टकराव को रोककर रेलवे सुरक्षा बढ़ाने के लिए डिज़ाइन किया गया है।


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...

सिस्टम वास्तविक समय में सटीक स्थान और ट्रेनों की आवाजाही को ट्रैक करने के लिए जीपीएस (ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम) और आरएफ (रेडियो फ्रीक्वेंसी) संचार जैसी उन्नत तकनीकों का उपयोग करता है।  यह सिस्टम को संभावित टकराव परिदृश्यों का पता लगाने और उचित निवारक कार्रवाई करने में सक्षम बनाता है।

एसीडी ( ACD) नेटवर्क निम्नलिखित प्रमुख घटकों और कार्यात्मकताओं के माध्यम से काम करता है:

👉 टक्कर रोधी उपकरण (ACD): नेटवर्क की प्रत्येक ट्रेन लोकोमोटिव पर स्थापित ACD से सुसज्जित है।  इस डिवाइस में एक जीपीएस रिसीवर, आरएफ ट्रांसीवर और एक माइक्रोकंट्रोलर शामिल है।

क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...



👉 जीपीएस पोजिशनिंग: एसीडी में जीपीएस रिसीवर ट्रेन की सटीक स्थिति, गति और दिशा निर्धारित करता है।  ट्रेन के चलने के साथ ही यह इस जानकारी को लगातार अपडेट करता रहता है।

👉 आरएफ संचार: एसीडी आरएफ संकेतों का उपयोग करके ट्रेन के स्थान और अन्य प्रासंगिक जानकारी प्रसारित करता है।  ये सिग्नल पास की ट्रेनों और नेटवर्क में वेसाइड उपकरणों को प्रेषित किए जाते हैं।

👉 डाटा प्रोसेसिंग: अन्य ट्रेनें और वेसाइड रिसीवर आरएफ सिग्नल प्राप्त करते हैं और प्राप्त जानकारी को संसाधित करते हैं।  डेटा का विश्लेषण करके, सिस्टम ट्रेनों की सापेक्ष स्थिति, गति और दिशा निर्धारित कर सकता है।


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...


👉 टक्कर का पता लगाना: संसाधित डेटा का उपयोग करके, एसीडी नेटवर्क संभावित टक्कर परिदृश्यों की पहचान कर सकता है।  यदि यह पता चलता है कि दो या दो से अधिक ट्रेनें टकराव की स्थिति में हैं, तो यह टकराव को रोकने के लिए चेतावनी प्रणाली और सुरक्षा उपायों को ट्रिगर करता है।

👉 चेतावनी प्रणाली और सुरक्षा उपाय: जब टकराव के जोखिम का पता चलता है, एसीडी नेटवर्क प्रभावित ट्रेनों पर चेतावनी प्रणाली को सक्रिय करता है।  इन प्रणालियों में ट्रेन ऑपरेटरों को सचेत करने और टकराव को रोकने के लिए ऑडियो-विजुअल अलार्म, स्वचालित ब्रेकिंग और अन्य सुरक्षा तंत्र शामिल हो सकते हैं।इस टेक्नोलॉजी की वजह से जैसे ही दो ट्रेन एक ही ट्रैक पर आ जाती हैं, तो एक निश्चित दूरी पर ये सिस्टम दोनों ही ट्रेनों को रोक देता है । मतलब, अगर किसी कारणवश लोको पायलट ब्रेक लगाने में फेल हो जाता है तो इस सिस्टम से ऑटोमैटिक रूप से ब्रेक लग जाता है और दो इंजनों के बीच टक्कर को रोका जा सकता है ।


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...

👉 एसीडी नेटवर्क को लागू करने का लक्ष्य ट्रेन की आवाजाही के बारे में वास्तविक समय की जानकारी प्रदान करके और समय पर निवारक कार्रवाई को सक्षम करके ट्रेन टक्कर के जोखिम को काफी कम करना है।  प्रणाली समग्र रेलवे सुरक्षा में सुधार करती है और ट्रेनों के सुचारू और सुरक्षित संचालन को सुनिश्चित करने में मदद करती है।

यह ध्यान रखना महत्वपूर्ण है कि एसीडी नेटवर्क विशेष रूप से भारत में कोंकण रेलवे कॉर्पोरेशन द्वारा विकसित और पेटेंट कराया गया था।  जबकि सिस्टम के मूल सिद्धांतों को अन्य रेलवे नेटवर्क में लागू किया जा सकता है, प्रत्येक रेलवे सिस्टम की आवश्यकताओं और बुनियादी ढांचे के आधार पर विशिष्ट कार्यान्वयन भिन्न हो सकता है।



देश में कवच की वर्तमान स्थिति क्या है?

(स्रोत :- TV9hindi)


क्या होता है " कवच" ? जिसकी रेल हादसे के बाद  खूब चर्चा हो रही है, जानें...


अभी कवच सिर्फ 1500 किलोमीटर रेल ट्रैक पर उपलब्ध है । दिल्ली-मुंबई और दिल्ली-हावड़ा रूट पर काम चल रहा है । जल्दी ही इसे पूरा कर लिया जाएगा । रेलवे हर साल चार से पाँच हजार किलो मीटर ट्रैक को कवच से सुरक्षित करने पर काम कर रहा है । मतलब यह हुआ कि अभी पूरे देश को कवच का कवर मिलने में व्यक्त लगेगा ।
कुछ और जरूरी तथ्य


भारत में रेलवे की कुल लंबाई लगभग 65 हजार किलो मीटर ।


सबसे लंबी दूरी की ट्रेन विवेक एक्सप्रेस है जो 4189 किमी, डिब्रूगढ़ से कन्याकुमारी के बीच चलती है ।


दुनिया का चौथा सबसे बड़ा रेल नेटवर्क भारत में है ।













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