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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

KANYA SUMANGLA YOJNA। कन्या सुमंगला योजना । HOW TO APPLY । FULL DETAIL

KANYA SUMANGLA YOJNA कन्या सुमंगला योजना 

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·         राज्य मे कन्या की स्वास्थ्य एवम शिक्षा की की स्थिति को सुधारना
·         राज्य मे कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना
·         राज्य मे समान लिंगानुपात स्थापित करना
·         बाल विवाह को रोकना
·         नवजात कन्या के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना



कन्या सुमंगला योजना ऑनलाइन आवेदन

     ·     इस योजना को उत्तर प्रदेश सरकार ध्वारा बेटियो के लिए लागू किया गया है।·         इस योजना का मुख्य आशय बेटियो को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।·         इस योजना का कुल बजट 1200 करोड़ रुपए है।·         इस योजना के तहत बेटियो का जन्म दर को बढ़ानासमाज मे पुरुष समान स्थान देनापढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करनाबाल-विवाह को रोकना आदि जैसे आशय को पूरा करना है।·         इस योजना के तहत आवेदक दो बेटियो के तहत आवेदन कर सकता है।·         इस योजना का लाभ दोनों बेटियो को बराबर प्राप्त होगा।·         योजना का लाभ बेटी के जन्म से उसके स्नातक तक के अभ्यास तक प्राप्त होगा।·         योजना के तहत मिलने वाले लाभ आवेदन की तिथि से महीने के भीतर मे आवेदक के बैंक खाते मे जमाहोगे।·         इसके तहत भुगतान जूनसितम्बरदिसंबर व फरवरी माह मे होगे।·         इसके तहत मिलने वाली धनराशि Online रूप से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते मे जमा होगी।·         इस योजना का लाभ लेने के लिए बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक मे होना अनिवार्य है।·         नाबालिग आवेदको के लिए मिलने वाला लाभ उसके माता पिता या अभिभावक के खाते मे जमा होगा।



·         राशन कार्ड
·         आधार कार्ड (माता-पिता अभिभावक का यदि उपलब्ध हो तो बालिका का) \ PAN कार्ड \ Voter ID \ Driving Licence \ Passport \ बैंक पासबूक
·         परिवार की वार्षिक आय के संबंध मे स्व-सत्यापन।
·         बालिका का नवीनतम फोटो।
·         शपथ पत्र 10 रुपए के स्टम्प पेपर पर।
·         बैंक पासबूक
·         आवेदक व बालिका का नवीनतम सयुंक्त फोटो
·         परिवार आई. डी. हेतु पहेले से पंजीकृत बालिका की कन्या सुमंगला पहचान पंजीकरण संख्या / रशीद (यदि लागू हो)
·         गोद लेने का प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
·         मृत्यु प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)


Online Registration for Kanya Sumangala Yojana
Online Registration के लिए आपको Website, CSC Centre, साइबर कैफे आदि के जरिये हो सकता है।
·         Online Registration के लिए आपको सबसे पहेले योजना की अधिकृत Website पर जाना होगा।
(अभी इस योजना की अधिकृत Website का निर्माण कार्य हो रहा हैजैसे ही यह हो जाता है हम आपको आगे की प्रक्रिया से अवगत करेंगे।)
Offline Apply
  • कन्या सुमंगला योजना में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा
  • आप जैसे ही होम पर जायेंगे आपके सामने कन्या सुमंगला योजना का एक लिंक प्राप्त होगा, आपको इस लिंक पर क्लिक करना है, इसके बाद आपके सामने इसका आवेदन फॉर्म ओपन हो जायेगा
  • आपको आवेदन फॉर्म में पूछी गयी सभी सूचना को सही से भरना होगा,  सभी सूचनाए भरने के बाद आपको नीचे एक कैप्चा कोड को भरना है,  अब आपको सबमिट पर क्लिक करना है,  इस प्रकार आप इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है,  यह योजना 1 अप्रैल 2019 से शुरू की जाएगी इसके बाद आप आवेदन कर सकते है


·         सबसे पहेले आपको Kanya Sumangala Yojana Application Form प्राप्त करना होगा।
·         अब आपको Form को सही से भरना है और उसके साथ सभी जरूरी दस्तावेज़ को जोड़ना है।
·         याद रखे हर श्रेणी के लिए आपको हर बार अलग से आवेदन करना होगा।
·         अब प्राप्त सभी Offline आवेदनो को जिला परिवीक्षा अधिकारी ध्वारा Online अपलोड किया जाएगा। अब आगे की सारी प्रक्रिया Online रूप से होगी।
·         ध्यान दे डाक ध्वारा भेजे गए आवेदन मान्य नहीं होगे ।
·         आपको इसके तहत आवेदन करने के लिए जो भी श्रेणी लागू होती है उसके लिए आप आवेदन कर सकते है।
·         जब आप एक बार इस YOJNA के तहत आवेदन करते है तब आपको एक पहचान संख्या नंबर या Login ID मिलता हैउसे आवेदक को संभाल कर रखना होगा। क्योकि आगे के सभी आवेदन के लिए यह आपको काम आएगा।




श्रेणी 1 – नवजात बालिकाओ हेतु



·         इस श्रेणी के तहत 01-04-2019 या उसके बाद जन्मी बालिका के लिए ही आवेदन कर सकती है।
·         इसके तहत आवेदन बालिका की जन्म तिथि के माह के भीतर करना अनिवार्य है।
·         बालिका का जन्म प्रमाणपत्र अपलोड करना है।
·         संस्थागत प्रसव पंजीकरण का प्रमाणपत्र अपलोड करना है।
·         शपथ पत्र


श्रेणी 2 – टिकाकरण पूर्ण करने वाली बालिकाओ हेतु



·         टिकाकरण कार्ड अपलोड करना होगा।
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


श्रेणी 3 – कक्षा मे प्रवेश प्राप्त करने वाली बालिकाओ हेतु



·         प्रार्थना पत्र किसी सरकारीअनुदानित या मान्यता प्राप्त विधालय मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 31 जुलाई तक या विधालय मे दाखिले की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         बालिका के कक्षा मे प्रवेश लेने संबंधी प्रमाणपत्र विधालय का U-DISE कोड या विधालय का कोड
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


श्रेणी 4 – कक्षा मे प्रवेश प्राप्त करने वाली बालिकाओ हेतु



·         प्रार्थना पत्र किसी सरकारीअनुदानित या मान्यता प्राप्त विधालय मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 31 जुलाई तक या विधालय मे दाखिले की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         बालिका के कक्षा मे प्रवेश लेने संबंधी प्रमाणपत्र विधालय का U-DISE कोड या विधालय का कोड
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


·         प्रार्थना पत्र किसी सरकारीअनुदानित या मान्यता प्राप्त विधालय मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 30 सितम्बर तक या बोर्ड मे पंजीकरण की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         बालिका के कक्षा मे प्रवेश लेने संबंधी प्रमाणपत्र विधालय का U-DISE कोड या विधालय का कोड
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


श्रेणी 6 – स्नातकडिग्री तथा दो साल के डिप्लोमा मे प्रवेश प्राप्त करने वाली बालिकाओ हेतु



·         प्रार्थना पत्र स्नातकडिग्री तथा दो साल के डिप्लोमा मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 30 सितम्बर तक या चालू सत्र मे पंजीकरण की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         12वी कक्षा का प्रमाणपत्र
·         किसी महाविधालय विश्वविधालय अन्य शैक्षणिक संस्थान मे स्नातकडिग्री तथा दो साल के डिप्लोमा मे दाखिला लेने का प्रवेश शुल्क की रशीद तथा संस्थान का परिचय पत्र की छायाप्रति।
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।



शपथ पत्र SHAPATH PATRA  :-

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APPLY LINK :-

यहाँ पर हमनें आपको कन्या सुमंगल योजना के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |



मंगलवार, 26 नवंबर 2019

खानवा का युद्ध/Battle of Khanwa 1527

खानवा का युद्ध - Battle of Khanwa 1527

पानीपत के बाद बाबर द्वारा भारत में लड़े गए युद्धों में सबसे महत्त्वपूर्ण खानवा का युद्ध था. जहाँ पानिपत के युद्ध ने बाबर को दिल्ली और आगरा का शासक बना दिया, वहीं खानवा के युद्ध (Battle of Khanwa) ने बाबर के प्रबलतम शत्रु राणा सांगा का अंत कर बाबर की विजयों को एक स्थायित्व प्रदान किया.

खानवा युद्ध के कारण:-

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बाबर (Babar) और राणा सांगा के बीच युद्ध के अनेक कारण (causes) थे. इनमें से कुछ निम्नलिखित थे -
राणा सांगा (Rana Sanga) भी अफगानों की सत्ता समाप्त कर अपना राज्य स्थापित करना चाहता था. उसने अपनी शक्ति बहुत बढ़ा ली थी. उसके राज्य की सीमा आगरा के निकट तक पहुँच गई थी. बाबर को उससे किसी भी समय खतरा उत्पन्न हो सकता था.
राणा सांगा समझता था कि बाबर भी अन्य मध्य एशियाई लूटेरों की तरह लूट-पाट करके चला जायेगा. फिर उसके जाने के बाद वह दिल्ली पर अधिकार कर लेगा. परन्तु जब उसे अहसास हुआ कि बाबर दिल्ली छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला तो वह सोच में पड़ गया.
सिन्धु-गंगा घाटी में बाबर के वर्चस्व ने सांगा के लिए खतरा बढ़ा दिया. उसने बाबर को देश से भगाने का निर्णय लिया.
इसी बीच जब बाबर ने अफगान विद्रोहियों को कुचलने का निर्णय लिया तब अनेक अफगान सरदार राणा सांगा के शरण में जा पहुँचे. इनमें प्रमुख थे इब्राहीम लोदी का भाई महमूद लोदी और मेवात का सूबेदार हसन खां मेवाती. इन लोगों ने राणा सांगा को बाबर के विरुद्ध युद्ध करने को उकसाया और अपनी सहायता का वचन भी दिया.
राणा सांगा बाबर द्वारा कालपी, बयाना, आगरा और धौलपुर पर अधिकार किए जाने से गुस्से में था क्योंकि वह इन क्षेत्रों को अपने साम्राज्य के अन्दर मानता था.


खानवा का युद्ध   :-


राणा सांगा ने बाबर पर आक्रमण करने के पहले ही अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली थी. उसकी सहायता के लिए हसन खां मेवाती, महमूद लोदी और अनेक राजपूत सरदार अपनी-अपनी सेना के साथ एकत्रित हो गए. वह हौसले के साथ एक विशाल सेना के साथ बयाना और आगरा पर अधिकार करने के लिए बढ़ा. बायाना के शासक ने बाबर से सहायता माँगी. बाबर ने ख्वाजा मेंहदी को मदद के रूप में भेजा पर राणा सांगा ने उसे परास्त कर बयाना पर अधिकार कर लिया. सीकरी के पास भी आरंभिक मुठभेड़ में मुग़ल सेना को पराजय का मुंह देखना पड़ा. लगातार मिल रही पराजय से मुग़ल सैनिक आतंकित हो गए. उनका मनोबल गिर गया.
अपनी सेना का मनोबल गिरते देखकर बाबर ने धैर्य से काम लिया. उसने 'जिहाद” की घोषणा की. उसने शराब न पीने की कसम खाई. उसने मुसलामानों पर से तमगा (एक प्रकार का सीमा कर) भी उठा लिया और अपनी सेना को कई तरह के प्रलोभन दिए . उसने अपने-अपने सैनिकों से निष्ठापूर्वक युद्ध करने और प्रतिष्ठा की सुरक्षा करने का वचन लिया. फलस्वरूप बाबर के सैनकों में उत्साह का संचार हुआ I
बाबर राणा सांगा का मुकाबला करने के लिए फतेहपुर सिकरी के निकट खानवा नामक जगह पर पहुँचा. राणा सांगा उसकी प्रतीक्षा में था. बाबर ने जिस चक्रव्यूह-रचना का प्रयोग पानीपत में किया था उसी रचना को खानवा में भी किया !
 16 मार्च, 1527 को खानवा के मैदान में दोनों सेनाओं की मुठभेड़ हुई. राजपूत वीरता से लड़े पर बाबर ने गोला-बारूद का जमकर इस्तेमाल कर राणा के सेना को पराजित कर दिया. राणा रणक्षेत्र से भाग निकला ताकि वह पुनः बाबर से युद्ध कर सके. पर कालांतर में उसके ही सामंतों ने उसे विष देकर मार डाला. बाबर के लिए यह एक बड़ी जीत थी!



युद्ध के परिणाम     :-
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                                 खानवा का युद्ध बाबर के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण इसलिए था कि क्योंकि उसने एक वीर शासक को हराया और यह बात पूरे भारत में फ़ैल गई. इस युद्ध ने उसे भारत में पाँव फैलाने का अवसर प्रदान किया.
इस युद्ध के बाद राजपूत-अफगानों का संयुक्त 'राष्ट्रीय मोर्चा” ख़त्म हो गया.
भारत में 'हिन्दू राज्य” राज्य स्थापित करने का सपना भंग हो गया.
खानवा युद्ध के बाद बाबर की शक्ति का आकर्षण केंद्र अब काबुल नहीं रहा, बल्कि आगरा-दिल्ली बन गया.

मंगलवार, 1 अक्तूबर 2019

मोहनदास करम चंद गांधी ।बापू के प्रेरक वचन ।150वीं जयंती विशेष


मोहनदास करमचन्द गांधी संछिप्त जीवन परिचय एवम प्रेरक वचन 



जन्म ➡2 अक्टूबर 1869 ई0
मृत्यु ➡ 30 जनवरी 1948 ई0

आज सम्पूर्ण भारत उनकी याद में 150वीं जयन्ती मना रहा है। जो एक ऐसी शख्शियत थे जिनको पूरी दुनिया प्यार व सम्मान आज भी देती है और उनके विचारों का अनुकरण करती है ।

मोहनदास करमचन्द गांधी

 इस महापुरुष का जन्म 2 अक्टूबर सन् 1869 को गुजरात में पोरबंदर नामक स्थान पर हुआ था। आपका पूरा नाम मोहनदास थे । इनके पिता कर्मचंद गांधी राजकोट के दीवान थे। माता पुतलीबाई धार्मिक स्वभाव वाली अत्यंत सरल महिला थी ।



मोहनदास करम चंद गांधी भारतीय स्वतंत्रता आंदोलन
के एक प्रमुख राजनैतिक एवं आध्यात्मिक नेता थे।
 प्रति वर्ष उनके जन्मदिन 2 अक्टूबर  को भारत वर्ष  "गाँधी जयन्ती" के रूप में और पूरे विश्व में "अन्तर्राष्ट्रीय अहिंसा दिवस" के नाम से मनाया जाता है।
मोहनदास करम चंद गांधी हर व्यक्ति के लिए एक प्रेरणा स्रोत हैं । राष्ट्रपिता महात्मा गांधी, जिन्हें प्यार से हम 'बापू' कहते हैं, महान सोच वाले एक साधारण व्यक्ति थे । वे करोड़ों देशवासियों के जीवन में बदलाव लाना चाहते थे ।
कहते हैं कि इन्सान महान पैदा नहीं होता है, उसके विचार उसे महान बनाते हैं। विचार और काम की शुद्धता और सरलता ही महान लोगों को आम लोगों से अलग करती हैं । वे वही काम करते हैं, जो दूसरे करते हैं, लेकिन समाज में बदलाव लाना उनका मकसद होता है ।


यहां हम उनके कुछ प्रेरक वचन पेश कर रहे हैं, जो हमारी आंखें खोल सकते हैं
1➡ व्यक्ति अपने विचारों के सिवाय कुछ नहीं है। वह जो सोचता है, वह बन जाता है ।
2 ➡ कमजोर कभी क्षमाशील नहीं हो सकता है । क्षमाशीलता ताकतवर की निशानी है ।
3 ➡ताकत शारीरिक शक्ति से नहीं आती है । यह अदम्य इच्छाशक्ति से आती है ।
4 ➡ धैर्य का छोटा हिस्सा भी एक टन उपदेश से बेहतर है ।
5 ➡गौरव लक्ष्य पाने के लिए कोशिश करने में हैं, न कि लक्ष्य तक पहुंचने में ।
6➡ आप जो करते हैं वह नगण्य होगा ,लेकिन आपके लिए वह करना बहुत अहम है ।
7 ➡हम जो करते हैं और हम जो कर सकते हैं, इसके बीच का अंतर दुनिया की ज्यादातर समस्याओं के समाधान के लिए पर्याप्त होगा ।
8 ➡किसी देश की महानता और उसकी नैतिक उन्नति का अंदाजा हम वहां जानवरों के साथ होने वाले व्यवहार से लगा सकते है ।
9 ➡कोई कायर प्यार नहीं कर सकता है; यह तो बहादुर की निशानी है ।
10 ➡बापू ने कहा कि स्वास्थ्य ही असली संपत्ति है, न कि सोना और चांदी ।
11 ➡ किसी एक आदमी के कृत्य से किसी एक आदमी को खुशी पहुंचाना, प्रार्थना में हजारों सिरों के झुकने से बेहतर है।
12➡ मैं हिंसा को पसंद नहीं करता हैं क्योंकि भले ही इसको अच्छाई के लिए अपनाया गया हो लेकिन इसकी अच्छाई कम समय तक रहती है और बुराई हमेशा।
13➡ जहां प्रेम है, वहीं जीवन है।
14➡भविष्य इस बात पर निर्भर करता है कि आप आज क्या करते हैं।
15➡अगर गलती करने की आजादी न हो, तो ऐसी आजादी का कोई मतलब नहीं है।
16➡अगर मुझमें हास्य न होता, तो मैं कब का खुदकुशी कर चुका होता।
17➡पृथ्वी पर हर इंसान की जरूरतों को पूरा करने के लिए बहुत कुछ है लेकिन हर इंसान की लालच को पूरा करने के लिए नहीं।
18➡ पहले वो आपको नजरअंदाज करेंगे, फिर वो आप पर हंसेंगे, फिर वो आपसे लड़ेंगे और फिर आप जीत जाएंगे।


मंगलवार, 24 सितंबर 2019

क्या है मतलब howdy modi का?? । क्या हुआ खास इस कार्यक्रम में जानें











Howdy शब्द का मतलब है How do you do यानी आप कैसे हैं ? Howdy शब्द How do you do का छोटा रूप है । यह शब्‍द अब अमेरिकी समाज में प्रचलन से धीरे-धीरे बाहर होता जा रहा है । हालांकि अमेरिका के दक्षिणी राज्यों में इस शब्द का प्रयोग आम बोलचाल की भाषा में किया जाता है ।
कौन है इस प्रोग्राम का आयोजक
Howdy Modi प्रोग्राम का आयोजन टेक्सास इंडिया फोरम कर रहा है । टेक्सास इंडिया फोरम एक गैर लाभकारी संगठन है जिसका काम भारत और अमेरिका के बीच सहयोग को बढ़ाना है । हाउडी मोदी प्रोग्राम 1,000 से अधिक वॉलिंटियर्स और 650 टेक्सास स्थित वेलकम पार्टनर ऑर्गनाइजेशन के सहयोग से आयोजित किया जा रहा है ।
मोदी और ट्रम्प की यह इस साल तीसरी मुलाकात हुई । इससे पहले दोनों ने जापान में जून में जी20 शिखर सम्मेलन के इतर और फ्रांस में जुलाई में आयोजित जी7 (G7 )शिखर सम्मेलन के इतर मुलाकात की थी ।



प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने डोनाल्ड ट्रम्प को भारत आने का निमंत्रण दिया !
Howdy Modi ( हाऊडी मोदी ):-
भारत के प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 22 सितंबर 2019 को अमेरिका स्थित ह्यूस्टन के NRG स्टेडियम से 50,000 भारतीय समुदाय के लोगों को Howdy Modi कार्यक्रम में संबोधित किया । प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने संबोधन में आतंकवाद, जम्मू-कश्मीर और आर्थिक विकास जैसे कई मुद्दों पर चर्चा की । प्रधानमंत्री मोदी ने आतंकवाद के निर्याणक हल की आवश्यकता पर बल दिया. इसके अतिरिक्त प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प को भारत आने का न्योता भी दिया ।
Howdy Modi  ह्यूस्टन में मेगा शो में अपने भाषण के दौरान पीएम मोदी ने एक कविता भी सुनाई। पीएम मोदी ने कहा, यहां पूरी कविता सुनाने का तो समय नहीं है, लेकिन मैं मेरी लिखी एक कविता की दो लाइने आपको सुनाना चाहता हूं, 'वो जो मुश्किलों का अंबार है, वही तो मेरे हौसलों की मीनार है।' इस पर वहां उपस्थित लोगों ने जमकर तालियां बजाई। पीएम नरेंद्र मोदी ने कई भारतीय भाषाओं में 'हाउडी मोदी' का जवाब दिया। पीएम ने कहा कि भारत में सब अच्छा है। पीएम और राष्ट्रपति ने कई जरूरी मुद्दों पर प्रतिक्रिया दी।
भारतीय समुदाय को संबोधित करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने जम्मू-कश्मीर में आर्टिकल 370 हटाने के बाद शांति बहाली के लिए सरकार द्वारा किए जा रहे कार्यों का भी उल्लेख किया. इसके अतिरिक्त उन्होंने भारत सरकार द्वारा चलाई जा रहीं विभिन्न योजनाओं के बारे में भी बात भी की।
आतंकवाद के खिलाफ वचनबद्ध:-
प्रधानमंत्री मोदी ने अपने भाषण में स्पष्ट रूप से कहा कि आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई को निर्णायक रूप दिया जाना चाहिए. प्रधानमंत्री मोदी ने पाकिस्तान का नाम लिए बिना कहा कि आतंक को पालने वाले देशों को अब संभल जाना चाहिए. उन्होंने कहा कि आतंकवाद की समस्या को लेकर भारत अब निर्णायक लड़ाई की तरफ बढ़ रहा है और बहुत जल्द इस चुनौती पर विजय प्राप्त कर लेगा. पीएम मोदी ने आतंकवाद के खिलाफ लड़ाई में भारत का साथ देने के लिए अमेरिका और इज़राइल की तारीफ की.
5 ट्रिलियन अर्थव्यवस्था के बारे में:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने भारत की अर्थव्यवस्था को 5 ट्रिलियन इकॉनमी बनाने के प्रयासों के बारे में भी लोगों को बताया. उन्होंने भारतीय अर्थव्यवस्था की मजबूती के बारे में बोलते हुए कहा कि तमाम अनिश्चितताओं के बाद भी भारत की औसतन वृद्धि दर रेट 7.3 प्रतिशत रही है ।
अनुच्छेद 370 के बारे में:-
स्टेडियम में बोलते हुए प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि एक भी भारतीय विकास की राह से न छूटे इसके लिए सरकार प्रयास कर रही है । उन्होंने अनुच्छेद 370 की समाप्ति पर बोलते हुए कहा कि  70 साल से चले आ रहे इस अनुच्छेद को समाप्त करके जम्मू-कश्मीर और लद्दाख के लोगों को विकास और समान अधिकारों से रूबरू कराया गया है.
डिजिटलाईजेशन के बारे में:-
प्रधानमंत्री मोदी ने डिजिटलाईजेशन पर बल देते हुए कहा कि मौजूदा समय में केंद्र सरकार की दस हज़ार से भी अधिक सेवायें ऑनलाइन उपलब्ध हैं. उन्होंने इस पहल का लाभ बताते हुए कहा कि डिजिटल होने से एक दिन में लगभग 50 लाख लोगों ने इनकम टैक्स रिटर्न भरा जो पहले दो महीने में होता था. साथ ही उन्होंने पासपोर्ट सेवाओं के ऑनलाइन होने के लाभ भी गिनाये।
ट्रंप को भारत आने का न्योता:-
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने भाषण के अंत में अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रम्प की तारीफ़ करते हुए उन्हें कार्यक्रम के लिए धन्यवाद दिया तथा उन्हें सपरिवार भारत आने का निमंत्रण भी दिया ।
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बुधवार, 28 अगस्त 2019

हिंदी व्याकरण । महत्वपूर्ण प्रश्नोत्तर ।

प्रश्‍न 1- जो बहुत बात करता हो । 

उत्‍तर - वाचल । 


प्रश्‍न 2- जहॉ पहुँचा न जा सके । 

उत्‍तर - अगम । 

प्रश्‍न 3- हर काम को देर से करने वाला ।

उत्‍तर - दीर्घसूत्री । 

प्रश्‍न 4- जिसका भोजन दूध ही हो । 

उत्‍तर - दुग्‍धाहारी । 

प्रश्‍न 5- जिसके आर पार देखा जा सके । 

उत्‍तर - पारदर्शी । 

प्रश्‍न 6- दो पर्वतों के बीच की भूमि । 

उत्‍तर - उपत्‍यका । 

प्रश्‍न 7- बिना घर का । 

उत्‍तर - अनिकेत । 

प्रश्‍न 8- पुरूष एवं स्‍त्री का जोडा । 

उत्‍तर - दम्‍पती । 

प्रश्‍न 9- जिसने देश के साथ विश्‍वासघात किया हो । 

उत्‍तर - देशद्रोही । 

प्रश्‍न 10- जो शत्रु की हत्‍या करता हो । 

उत्‍तर - शत्रुघ्‍न । 

प्रश्‍न 11- क्रिया का मूल रूप क्या् कहलाता है। 

उत्‍तर - धातु । 

प्रश्‍न 12- सर्वनाम के साथ प्रयुक्त होने वाली विभक्तियॉं होती है। 

उत्‍तर - संश्लिष्ट । 

प्रश्‍न 13- हिन्दी में कारक चिन्ह कितने होते है। 

उत्‍तर - 8 होते है।

जबकि संस्कृत भाषा में कारक चिन्ह 7 होते है। 

प्रश्‍न 14- संज्ञा कितने प्रकार की होती है। 

उत्‍तर - संज्ञा 5 प्रकार की होती है।

1. व्यवक्ति वाचक संज्ञा

2. जाति वाचक संज्ञा

3. भाव वाचक संज्ञा

4. समूह वाचक संज्ञा

5. द्वव्या वाचक संज्ञा 

प्रश्‍न 15- वे शब्द‍ जो विशेषण की भी विशेषता बतलाते है। उन्हे क्या कहते है। 

उत्‍तर - प्रविशेषण । 

प्रश्‍न 16- सर्वनाम किसे कहते है। 

उत्‍तर - सर्वनाम वे शब्द कहलाते है। जो संज्ञा के स्थान पर प्रयोग मे लाये जाते है।

जैसे – यह , वह , वे , उनका , इनका , इन्हे आदि 

प्रश्‍न 17- सर्वनाम के कितने भेद होते है। 

उत्‍तर - सर्वनाम के 6 भेद होते है।

1. पुरूषवाचक सर्वनाम

2. निश्चवयवाचक सर्वनाम

3. अनिश्चायवाचक सर्वनाम

4. प्रश्नावाचक सर्वनाम

5. संबंधवाचक सर्वनाम

6. निजवाचक सर्वनाम 

प्रश्‍न 18- क्रिया किसे कहते है। 

उत्‍तर - जिस शब्द – से किसी काम के करने या होने का बोध हो उसे क्रिया कहते है।

जैसे – खाना , हँसना , रोना , बैठना आदि 

प्रश्‍न 19- क्रिया मुख्य रूप से कितने प्रकार की होती है। 

उत्‍तर - मुख्य रूप से क्रिया 2 प्रकार की होती है।

1. अकर्मक क्रिया

2. सकर्मक क्रिया 

प्रश्‍न 20- काल कितने प्रकार के होते है।

उत्‍तर - काल 3 प्रकार के होते है।

1. वर्तमान काल

2. भूतकाल

3. भविष्य काल 

प्रश्‍न 21- 'श' व्‍यंजन का उच्‍चारण स्‍थान कौन सा है। 

उत्‍तर - तालु । 

प्रश्‍न 22- 'व' वर्ण का उच्‍चारण स्‍थान कौन सा है । 

उत्‍तर - दन्‍त + ओष्‍ठ । 

प्रश्‍न 23- 'ड.' का उच्‍चारण स्‍थान क्‍या है। 

उत्‍तर - कण्‍ठ । 

प्रश्‍न 24- 'क' वर्ण उच्‍चारण की दृष्टि से क्‍या है। 

उत्‍तर - कंठ्य । 

प्रश्‍न 25- वर्ग के द्वितीय व चतुर्थ व्‍यंजन क्‍या कहलाते है। 

उत्‍तर - महाप्राण । 

प्रश्‍न 26- 'ए' और 'ऐ' का उच्‍चारण स्‍थान है। 

उत्‍तर - कंठतालु । 

प्रश्‍न 27- 'घ' का उच्‍चारण स्‍थान क्‍या है। 

उत्‍तर - कंठ । 

प्रश्‍न 28- वर्ण के प्रथम, तृतीय व पंचम वर्ण क्‍या कहलाते है। 

उत्‍तर - अल्‍पप्राण । 

प्रश्‍न 29- मात्रा के आधार पर हिन्‍दी स्‍वरों के दो भेद कौन से है।

उत्‍तर - हस्‍व और दीर्घ । 


प्रश्‍न 30- सर्वनाम के साथ प्रयुक्‍त्‍ा होने वाली विभक्तियॉ होती है । 

उत्‍तर - संश्लिष्‍ट । 

प्रश्‍न 31- 'शिक्षक विद्यार्थी को हिन्‍दी पढ़ाते है। वाक्‍य में क्रिया के किस रूप का प्रयोग हुआ है। 

उत्‍तर - द्विकर्मक क्रिया । 

प्रश्‍न 32- 'मुझे' किस प्रकार का सर्वनाम है। 

उत्‍तर - उत्‍तम पुरूष । 

प्रश्‍न 33- मानव शब्‍द का विशेषण बनेगा । 

उत्‍तर - मानवीय । 

प्रश्‍न 34- चिडि़या आकाश में उड़ रही है। उस वाक्‍य में उड़ रही क्रिया किस प्रकार की है। 

उत्‍तर - अकर्मक । 

प्रश्‍न 35- पशु शब्‍द का विशेषण है। 

उत्‍तर - पाशविक । 

प्रश्‍न 36- नेत्री शब्‍द का पुल्लिंग रूप है। 

उत्‍तर - नेता । 

प्रश्‍न 37- उत्‍कर्ष का विशेषण क्‍या होगा । 

उत्‍तर - उत्‍कृष्‍ट । 

प्रश्‍न 38- काम का तत्‍सम रूप है। 

उत्‍तर - कर्म । 

प्रश्‍न 39- दूध का तत्‍सम रूप क्‍या है। 

उत्‍तर - दुग्‍ध । 

प्रश्‍न 40- प वर्ग का उच्‍चारण मुँह के किस भाग से होता है। 

उत्‍तर - ओष्‍ठ । 

प्रश्‍न 41- च, छ, ज, झ व्‍यंजन के उच्‍चारण को मुखांगो के व्‍यवहार के आधार पर क्‍या नाम दिया जाता है। 

उत्‍तर - तालव्‍य । 

प्रश्‍न 42- मुझे किस प्रकार का सर्वनाम है। 

उत्‍तर - उत्‍तम पुरूष सर्वनाम । 

प्रश्‍न 43- वह धीरे धीरे आ रहा है। वाक्‍य अव्‍यय के किस भेद के अन्‍तर्गत आता है। 

उत्‍तर - क्रिया विशेषण । 

प्रश्‍न 44- मानव शब्‍द से विशेषण बनेगा । 

उत्‍तर - मानवीय । 

प्रश्‍न 45- चिडि़या आकाश में उड़ रही है। इस वाक्‍य में उड़ रही क्रिया किस प्रकार की है। 

उत्‍तर - अकर्मक । 

प्रश्‍न 46- बुढ़ापा भी एक प्रकार का अभिशाप है। इस वाक्‍य में बुढापा शब्‍द की संज्ञा का भेद बताइए । 

उत्‍तर - भाववाचक संज्ञा । 

प्रश्‍न 47- आलस्‍य शब्‍द का विशेषण क्‍या है। 

उत्‍तर - आलसी । 

प्रश्‍न 48- प्रवृत्ति का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - निवृत्ति । 

प्रश्‍न 49- अंतरंग का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - बहिरंग । 

प्रश्‍न 50- गुप्‍त का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - प्रकट । 

प्रश्‍न 51- सामिष का विलोम शब्‍द होगा ।

उत्‍तर - आमिष । 


प्रश्‍न 52- गमन का विलोम शब्‍द होगा । 

उत्‍तर - आगमन । 

प्रश्‍न 53- सम्‍मुख का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - विमुख । 

प्रश्‍न 54- सुकाराथ का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - अकारथ । 

प्रश्‍न 55- अगानत का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - आगत । 

प्रश्‍न 56- उपमान का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - उपमेय । 

प्रश्‍न 57- मौन का विलोम शब्‍द है। 

उत्‍तर - मुखर । 

प्रश्‍न 58- .............. प्रयास की अपेक्षा सामूहिक प्रयास का बल अधिक होता है। 

उत्‍तर - एकांगी । 

प्रश्‍न 59- गांधी जी के अनुसार अत्‍याचार का उत्‍तर ................ से देना ही मनुष्‍यता है। 

उत्‍तर - सदाचार । 

प्रश्‍न 60- श्रवण कुमार के माता पिता द्वारा दशरथ को दिया गया शाप भी उनके लिए ............... बन गया । 

उत्‍तर - वरदान । 

प्रश्‍न 61- सत्‍य बोलो मगर कटु सत्‍य मत बोलो । किस प्रकार का वाक्‍य है। 

उत्‍तर - संयुक्‍त्‍ा वाक्‍य । 


प्रश्‍न 62- जब तक वह घर पहुँचा तब तक उसके पिता जा चुके थे। यह वाक्‍य किस प्रकार का है। 

उत्‍तर - मिश्रित वाक्‍य । 

प्रश्‍न 63- यथासंभव अपना गृहकार्य शाम तक पूरा कर लो । मे वाक्‍य का प्रकार है। 

उत्‍तर - विधिवाचक । 

प्रश्‍न 64- हिन्‍दू विश्‍वविद्यालय की स्‍थापना मदनमोहन मालवीय ने की थी । में वाक्‍य का प्रकार है। 

उत्‍तर - कर्तृवाच्‍य । 

प्रश्‍न 65- व्‍यवहार में तुम बिलकुल वैसे ही हो, जैसे तुम्‍हारे पिताजी । में वाक्‍य का प्रकार है। 

उत्‍तर - मिश्र वाक्‍य । 

प्रश्‍न 66- हम अपनी संस्‍कृति के बारे में कितना जानते है। में वाक्‍य का प्रकार है।

उत्‍तर - प्रश्‍नवाचक । 

प्रश्‍न 67- क्रिया के होने का समय तथा उसकी पूर्णता और अपूर्णता का बोध किससे होता है। 

उत्‍तर - काल से । 

प्रश्‍न 68- मैने गीता पढ़ी वाक्‍य में वर्तमान काल का कौन सा भेद है। 

उत्‍तर - सामान्‍य वर्तमान । 

प्रश्‍न 69- वाक्‍य में जो शब्‍द काम करने के अर्थ में आता है। उसे कहते है। 

उत्‍तर - कर्त्‍ता । 

प्रश्‍न 70- मै खाना खा चुका हूँ । इस वाक्‍य में भूतकालिक भेद इंगित कीजिए । 

उत्‍तर - पूर्ण भूत । 

प्रश्‍न 71- क्रिया के साधन को बताने वाला शब्‍द कहलाता है। 

उत्‍तर - करण कारक । 


प्रश्‍न 72- से विभक्ति किस कारक की है। 

उत्‍तर - करण । 

प्रश्‍न 73- अपादान कारक की विभक्त्‍िा है। 

उत्‍तर - से, अलग । 

प्रश्‍न 74- वह चटाई पर बैठा है। इस वाक्‍य में कौन सा कारक है। 

उत्‍तर - अधिकरण कारक । 

प्रश्‍न 75- मोहन घोड़े से गिर पड़ा । इस वाक्‍य में कौन सा कारक है। 

उत्‍तर - अपादन कारक । 

प्रश्‍न 76- वृक्ष से पत्‍ते गिरते है। इस वाक्‍य में इस कारक का चिन्‍ह है। 

उत्‍तर - अपादान । 

प्रश्‍न 77- के लिए किस कारक का चिन्‍ह है। 

उत्‍तर - सम्‍प्रदान । 

प्रश्‍न 78- कारक के कितने भेद होते है। 

उत्‍तर - 8 । 

प्रश्‍न 79- जलमग्‍न में कौन सा कारक है। 

उत्‍तर - अधिकरण । 

प्रश्‍न 80- जलधारा में कारक होगा । 

उत्‍तर - संबंध । 

प्रश्‍न 81- देवेन्‍द्र में कौन सी सन्धि है। 

उत्‍तर - गुण । 


प्रश्‍न 82- निस्‍सार का सही सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - नि: + सार । 

प्रश्‍न 83- गिरीश का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - गिरि + ईश । 

प्रश्‍न 84- (अ + नि + आय) के मेल से कौन सा शब्‍द बनेगा । 

उत्‍तर - अन्‍याय । 

प्रश्‍न 85- परिच्‍छेद में कौन सी संधि है। 

उत्‍तर - व्‍यंजन । 

प्रश्‍न 86- निश्‍चल में कौन सी संधि है। 

उत्‍तर - विसर्ग । 

प्रश्‍न 87- जगन्‍नाथ में कौन सी संधि है। 

उत्‍तर - व्‍यंजन । 

प्रश्‍न 88- अत्‍याचार का संधि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - अति + आचार । 

प्रश्‍न 89- सन्‍तोष का संधि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - सम् + तोष । 

प्रश्‍न 90- सप्‍तर्षि का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - सप्‍त + ऋषि । 

प्रश्‍न 91- प्रत्‍येक में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - अव्‍ययीभाव समास । 


प्रश्‍न 92- विशेषण और विशेष्‍य के योग से कौन सा समास बनता है। 

उत्‍तर - कर्मधारय समास । 

प्रश्‍न 93- देशांतर में समास है। 

उत्‍तर - कर्मधाराय । 

प्रश्‍न 94- रामानुज में समास है। 

उत्‍तर - बहुव्रीहि समास । 

प्रश्‍न 95- वनवास में समास है। 

उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास । 

प्रश्‍न 96- नीलकमल में समास है। 

उत्‍तर - कर्मधारय समास । 

प्रश्‍न 97- अनायस में समास है। 

उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास । 

प्रश्‍न 98- लोकप्रिय शब्‍द में समास है। 

उत्‍तर - कर्मधारय समास । 

प्रश्‍न 99- कन्‍यादान में समास है। 

उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास । 

प्रश्‍न 100- चौराहा में समास है। 

उत्‍तर - द्विगु समास । 

प्रश्‍न 101- महीश का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - मही + ईश । 


प्रश्‍न 102- शुभेच्‍छा का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - शुभ + इच्‍छा । 

प्रश्‍न 103- भानूदय का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - भानु + उदय । 

प्रश्‍न 104- नवोढ़ा का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - नव + ऊढ़ा । 

प्रश्‍न 105- पावक का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - पौ + अक । 

प्रश्‍न 106- दुश्‍चरित्र का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - दु: + चरित्र । 

प्रश्‍न 107- मृगेन्‍द्र का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - मृग + इन्‍द्र । 

प्रश्‍न 108- सुरेन्‍द्र का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - सुर + इन्‍द्र । 

प्रश्‍न 109- सदाचार का संधि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - सत् + आचार । 

प्रश्‍न 110- महेन्‍द्र का सन्धि विच्‍छेद होगा । 

उत्‍तर - महा + इन्‍द्र । 

प्रश्‍न 111- हैदराबाद में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास । 

प्रश्‍न 112- रामकहानी में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - तत्‍पुरूष समास । 

प्रश्‍न 113- चन्‍द्रमौलि में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - बहुव्रीहि समास । 

प्रश्‍न 114- मंदबुद्धि में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - कर्मधाराय समास । 

प्रश्‍न 115- नीलगाय में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - कर्मधारय समास । 

प्रश्‍न 116- प्रतिमान में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - अव्‍ययीभाव समास । 

प्रश्‍न 117- नरसिंह में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - कर्मधारय समास । 

प्रश्‍न 118- शाखामृग में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - बहुव्रीहि समास । 

प्रश्‍न 119- वीणापाणि में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - बहुव्रीहि समास । 

प्रश्‍न 120- नवयुवक में कौन सी समास है। 

उत्‍तर - कर्मधारय समास । 

प्रश्‍न 121- विज्ञान शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - वि । 

प्रश्‍न 122- निर्वाह शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - निर् । 

प्रश्‍न 123- प्रतिकूल शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - प्रति । 

प्रश्‍न 124- चिरायु शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - चिर् । 

प्रश्‍न 125- संस्‍कार शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - सम् । 

प्रश्‍न 126- बेइन्‍साफ शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - बे । 

प्रश्‍न 127- प्रत्‍युत्‍पन्‍न‍मति शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - प्रति । 

प्रश्‍न 128- प्रतिकूल शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - प्रति । 

प्रश्‍न 129- सदाचार शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - सत् । 

प्रश्‍न 130- आदेश शब्‍द में कौन सा उपसर्ग प्रयुक्‍त है। 

उत्‍तर - आ । 

प्रश्‍न 131- धुंधला शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - ला । 

प्रश्‍न 132- दोषहर्ता शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - हर्ता । 

प्रश्‍न 133- अनुज शब्‍द को सत्रीवाचक बनाने के लिए आप किस प्रत्‍यय का प्रयोग करेगें। 

उत्‍तर - आ । 

प्रश्‍न 134- घुमक्‍कड़ शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - अक्‍कड़ । 

प्रश्‍न 135- ऊँचाई शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - आई । 

प्रश्‍न 136- जेठानी शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - आनी । 

प्रश्‍न 137- प्राचीन शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - ईन । 

प्रश्‍न 138- भगोड़ा शब्‍द में कौन सा प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - ओड़ा । 

प्रश्‍न 139- कब्रिस्‍तान शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - इस्‍तान । 

प्रश्‍न 140- यादव शब्‍द में प्रयुक्‍त प्रत्‍यय है। 

उत्‍तर - व । 

प्रश्‍न 141- जिन शब्दों के अन्त में ‘अ’ आता है, उन्हें क्या कहते है। 

उत्‍तर - अकारांत कहते है। 


प्रश्‍न 142- हिन्दी वर्ण माला में अयोगवाह वर्ण कौन से है। 

उत्‍तर - अं , अ: वर्ण अयोगवाह वर्ण है । 

प्रश्‍न 143- हंस मे लगा ( ं ) चिन्ह कहलाता है। 

उत्‍तर - अनुस्वार 

प्रश्‍न 144- चॉद शब्द‍ में लगा ( ँ ) चिन्ह कहलाता है। 

उत्‍तर - अनुनासिक । 

प्रश्‍न 145- भाषा की सबसे छोटी इकाई क्या है। 

उत्‍तर - वर्ण । 

प्रश्‍न 146- जिन शब्दों में किसी प्रकार का विकार या परिवर्तन नही होता, उसे क्या कहते है। 

उत्‍तर - तत्सम । 

प्रश्‍न 147- कार्य के होने का बोध कराने वाले शब्द को क्या् कहते है। 

उत्‍तर - क्रिया कहते है। 

प्रश्‍न 148- भाषा के शुद्ध रूप का ज्ञान किससे होता है। 

उत्‍तर - व्याकरण से होता है। 

प्रश्‍न 149- विशेषण जिस शब्द की विशेषता बताते है, उसे क्या कहते है। 

उत्‍तर - विशेष्ये । 

प्रश्‍न 150- हिन्दी में लिंग का निर्धारण किस से होता है। 

उत्‍तर - संज्ञा से ।

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