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रविवार, 19 मई 2024
गर्मी से बचाने वाले 11 देशी DRINKS । गर्मियों के लिए ठंडे रिफ्रेशिंग समर ड्रिंक्स (Drinks for Summer )
गर्मी ने अपना कहर बरपाना शुरू कर दिया है और ऐसे में न तो गर्मी कम हो सकती है और न ही हम काम करना ही बंद कर सकते हैं।गर्मी में बच्चों को हाइड्रेटेड रखते हैं ये ड्रिंक । अगर गर्मियों में लू से बचना है तो आज से इन11 ड्रिंक्स का करें सेवन ।
फिर कोल्ड ड्रिंक वाला जहर पीने से भी डर तो लगता ही है।
है न...????
तो लीजिये हम लाए हैं आपके लिये इस गर्मी में सेहत और स्वाद का अदभुत संगम...गर्मी से बचाने वाले 11 देशी DRINKS । गर्मियों के लिए ठंडे रिफ्रेशिंग समर ड्रिंक्स (Drinks for Summer )
गर्मी में बोतलबंद कोल्ड ड्रिंक नहीं बल्कि लायें हैं... आपके लोगों लिये 11 देसी ड्रिंक्स.!कोल्ड ड्रिंक की जगह पीएं ये हेल्दी पेय पदार्थ, शरीर को मिलेगी प्राकृतिक ठंडक
अब रोज बदल- बदल कर पीयें ये DRINKS और अपने परिवार और दोस्तों को भी पिलायें और INJOY करें..
गर्मी में डिहाइड्रेशन से बचने के लिए कोल्ड ड्रिंक या सोडा पीने के बजाय नेचुरल चीजों से बने ड्रिंक्स पीने की सलाह डॉक्टर्स भी देते हैं। इसमें डाले जाने वाले अलग-अलग मसालों से न सिर्फ टेस्ट बढ़ता है, बल्कि हेल्थ के लिए भी यह फायदेमंद है।स्वाद से भरपूर ये Summer Drinks आपको गर्मियों में रखेंगी कूल और फ्रेश, घर पर इस तरीके से बनाएं ।
हम बता रहे हैं ऐसे ही 11 देसी Cool ड्रिंक्स के बारे में।
1. आम का पना...
कच्चे आम का पना गर्मी में लू से बचने का बेस्ट ऑप्शन है। इसमें विटामिन सी की मात्रा ज्यादा होती है जिससे आपको तुरंत एनर्जी मिलती है।
कैसे बनाएं.?
कच्चे आम (कैरी) को छिलकर उबाल लें। इसमें काला नमक, पुदीना, शक्कर डालकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें।
इसे गिलास में निकालें और बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें।
2. शिकंजी...
गर्मी में शिकंजी पीने से आपको तुरंत एनर्जी मिलती है।
शिकंजी इस मौसम में होने वाली डलनेस को दूर करेगी।
इसे बनाकर कुछ दिन तक फ्रिज में रखा जा सकता है।
कैसे बनाएं.?
एक जग में पानी लें। उसमें नींबू का रस, जीरा पाउडर, काला नमक और शक्कर मिला लें। अब शिकंजी को छलनी से छालकर गिलास में डालें और बर्फ के टुकड़े मिलाकर सर्व करें।
3. मैंगो मिंट लस्सी...
आम और पुदीने से बनी लस्सी गर्मी में आपको फ्रेश रखेगी। इस एनर्जेटिक ड्रिंक को बनाकर तुरंत सर्व करें।
कैसे बनाएं..?
आम, शक्कर, पुदीना, इलायची पाउडर, नींबू का रस और दही को मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। आम के स्मूद हो जाने पर इसे गिलास में निकालें और बर्फ डालकर सर्व करें।
4. पुदीने का शर्बत...
पुदीने का शर्बत गर्मी में डिहाइड्रेशन और लू से बचाता है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रखता है।
कैसे बनाएं.?
ब्लेंडर में पुदीना, शक्कर या गुड़, शहद, काला नमक, कालीमिर्च और जीरा पाउडर मिलाकर पीस लें। इस पेस्ट की कम मात्रा को पानी के साथ मिलाकर गिलास में डालें और बर्फ मिलाकर सर्व करें।
5. छाछ...
इसे पीने से पेट की जलन और एसिडिटी दूर होती है। छाछ पीने से वेट लॉस होता है और डाइजेस्टिव सिस्टम ठीक रहता है।
कैसे बनाएं.?
दही में नमक, काला नमक, जीरा पाउडर और हींग मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसमें बर्फ मिलाकर गिलास में डालें और सर्व करें।
6. गुलाब का शर्बत...
इस शर्बत को पीने से पेट की जलन दूर होती है। यह बॉडी को कूल रखता है, और स्वाद में भी बेमिशाल है ।
कैसे बनाएं.?
एक पैन में पानी और शक्कर मिलाकर चाश्नी बना लें।
इसमें गुलाब जल, इलायची पाउडर और ताजी गुलाब की पत्तियों का पेस्ट डालें।
इसे छानकर फ्रिज में रख दें।
सर्व करते समय इस शर्बत को पानी के साथ मिलाकर बर्फ डालें और सर्व करें।
7. जलजीरा...
इसे पीने से एसिडिटी और डिहाइड्रेशन दूर होता है। जलजीरा गर्मी से राहत पाने का बेहतर ऑप्शन है।
कैसे बनाएं.?
पानी में जीरा पाउडर, काला नमक, अमचूर पाउडर, नींबू का रस, थोड़ी सी शक्कर और पुदीने की पत्तियों का पेस्ट मिला लें। इसे बर्फ के टुकड़े मिलाकर सर्व करें।
गर्मी लू, गर्मी लू, गर्मी से निर्जलीकरण से बचने के लिए आवश्यक उपाय एवम् बचाव.. अवश्य पढ़ें
8.ऐलोवेरा जूस...
यह जूस गर्मी से होने वाली स्किन टैनिंग को दूर करने में मददगार है। यह डाइजेस्टिव सिस्टम को इंप्रूव करता है। इसे पीने से तुरंत एनर्जी मिलती है और गर्मी में भी स्किन का ग्लो बरकरार रहता है।
कैसे बनाएं.?
एलोवेरा के कांटेदार किनारे हटा दें। इसकी पत्तियों के बीच जमा गूदा निकालें। इसे मिक्सी में डालकर लेमन या ऑरेंज जूस और नमक मिलाकर पीस लें और बर्फ के टुकड़े डालकर सर्व करें।
9.बेल का शर्बत...
गर्मी में इसे अमृत के समान माना गया है। यह डायरिया को दूर करने में मददगार है। डाइजेस्टिव सिस्टम को ठीक रखता है और लू से बचाता है।
कैसे बनाएं.?
बेल के फल का गूदा निकालकर अच्छी तरह मैश कर दें। इसमें शक्कर, काला नमक, जीरा पाउडर और चाट मसाला मिलाकर ब्लेंडर में ब्लेंड कर लें। इसे बर्फ मिलाकर सर्व करें।
10. इमली का अमलाना...
गर्मी से बचने के लिए इमली से बने इस राजस्थानी ड्रिंक को पीजिए। लू से राहत पाने का यह इफेक्टिव तरीका है।
कैसे बनाएं..??
इमली और पानी मिलाकर दो घंटे के लिए रख दें। मिश्रण को छानकर इसमें शक्कर, कालीमिर्च पाउडर, इलायची पाउडर, काला नमक, सादा नमक, बर्फ और पानी डालकर अच्छी तरह मिला लें। इसे गिलास में डालें और सर्व करें।
11. सत्तू ...
गर्मी से बचने के लिए इसे बिहार में बहुत ही लोकप्रियता प्राप्त है । यह ड्रिंक गर्मी में बहुत शीतलता प्रदान करता है ।
कैसे बनाएं..??
चने_का_सत्तू पानी में घोल कर उसमें नमक, बारीक कटा प्याज़ , #नींबू, भुना #जीरा डाल कर बनाया जाता है । ये आप भी ट्राई कर सकते हैं, स्वाद में बेजोड़ , प्रोटीन से भरपूर, बनाने में 2 मिनट #मैगी से भी आसान और पेट को शीतल रखने बाला बेजोड़ पेय है ये ।
आपको ये जानकारी कैसी लगी ।अपनी प्रतिक्रिया हमें comment अवश्य करें ।
आपका
ABHIDFAITH
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स्वाद से भरपूर Summer Drinks
गर्मियों के लिए ठंडे रिफ्रेशिंग समर ड्रिंक्स (Drinks for Summer in Hindi)
गर्मी व लू थकावट, हीटस्ट्रोक, निर्जलीकरण से बचने के लिए आवश्यक उपाय एवम् सावधानियां। बचाव उपाय ।
गर्मियां आते ही तापमान बढ़ना शुरू हो जाता है और खुद को गर्मी से बचाने के लिए आवश्यक सावधानी बरतना महत्वपूर्ण हो जाता है। उच्च तापमान और गर्म हवा कई स्वास्थ्य समस्याओं का कारण बन सकती है जैसे गर्मी का थकावट, हीटस्ट्रोक, निर्जलीकरण और बहुत कुछ।
इस लेख में, हम उन कुछ सावधानियों के बारे में चर्चा करेंगे, जिनका पालन करके आप गर्मी के महीनों में इन समस्याओं से बच सकते हैं और स्वस्थ रह सकते हैं।
गर्मी व लू थकावट, हीटस्ट्रोक, निर्जलीकरण से बचने के लिए आवश्यक उपाय एवम् सावधानियां। बचाव उपाय । नीचे दिए गए हैं जिनका आप पालन कर सकते हैं :-
हाइड्रेटेड रहना
As summer approaches, temperatures start to rise, and it becomes crucial to take necessary precautions to protect yourself from the heat. High temperatures and warm air can cause several health problems such as heat exhaustion, heatstroke, dehydration, and more. In this article, we'll discuss some of the precautions that you can take to avoid these issues and stay healthy during the hot summer months.
So, it's important to drink plenty of water, even if you don't feel thirsty. Try to avoid alcoholic and sugary drinks, as they can dehydrate you even more. Instead, opt for water, coconut water, or fresh fruit juice to stay hydrated.
Wear Lightweight Clothes
When it's hot outside, you want to wear clothes that are comfortable and breathable. Choose lightweight and loose-fitting clothing made of natural fibers like cotton, linen, or rayon. These materials allow air to circulate, keeping you cool and comfortable.
Stay Indoors During Peak Heat Hours
The sun's rays are strongest during midday, so it's best to avoid outdoor activities during this time. If you must be outside, try to schedule your activities in the morning or evening when it's cooler. When you're indoors, use air conditioning or fans to keep the air circulating.
Protect Your Skin
The sun's ultraviolet (UV) rays can cause sunburn, skin damage, and even skin cancer. To protect your skin, use sunscreen with an SPF of at least 30, wear a hat and sunglasses, and seek shade when you're outside. If possible, try to stay indoors during the hottest part of the day to reduce your exposure to the sun.
Take Frequent Breaks
If you're working or exercising outside, take frequent breaks to rest and cool down. Take breaks in the shade or indoors, and drink plenty of water during your breaks. If you feel dizzy, lightheaded, or nauseous, stop your activity immediately and rest in a cool place.
Conclusion
In conclusion, taking precautions during hot weather and warm air is essential to staying healthy and avoiding heat-related illnesses. Stay hydrated, wear lightweight clothes, stay indoors during peak heat hours, protect your skin, and take frequent breaks if you're working or exercising outside. By following these simple precautions, you can enjoy the summer months without compromising your health.
मंगलवार, 22 अगस्त 2023
चंद्रयान -3 मिशन । चंद्रयान- 3 लहराएगा तिरंगा चांद पर । चंद्रयान -3 का LIVE STREAMING देखें ।
भारत के चंद्रयान -3 का चांद पर उतरना एक यादगार मौका है जो न केवल भारतीयों की जिज्ञासा को बढ़ाएगा बल्कि युवाओं के मन में अन्वेषण के लिए एक जुनून भी जगाएगा। आप लोग इस ब्लॉग में इस महत्त्वपूर्ण अविस्मरणीय पल का सीधा प्रसारण देख सकते हैं ।
इतिहास रच दिया भारत ने .....
चंद्रयान -3 का LIVE STREAMING देखें
चंद्रयान -3 चांद पर खोजबीन करने के लिए भारतीय अंतरिक्ष अनुसंधान संगठन ISRO (इसरो) द्वारा तैयार किया गया तीसरा चंद्र मिशन है। इसमें चंद्रयान -2 के जैसा ही एक लैंडर एवं एक रोवर है, लेकिन इसमें कोई ऑर्बिटर नहीं है।
ये मिशन चंद्रयान -2 की अगली कड़ी है, क्योंकि पिछला चंद्रयान -2 मिशन सफलता पूर्वक चांद की कक्षा में प्रवेश करने के बाद अपने अंतिम समय में मार्गदर्शन SOFTWARE में तकनीकी खराबी के कारण सॉफ्ट लैंडिंग के प्रयास में विफल हो गया था, सॉफ्ट लैन्डिंग( SOFT LANDING) का पुनः सफल प्रयास करने हेतु इस नए चंद्र मिशन को प्रस्तावित किया गया था।
चंद्रयान -3 का लॉन्च सतीश धवन अंतरिक्ष केंद्र शार ( श्रीहरिकोटा) से 14 जुलाई, 2023 शुक्रवार को भारतीय समयानुसार दोपहर 2:35 बजे हुआ था। चंद्रयान -3 , चंद्रमा की सतह पर 23 अगस्त 2023 को भारतीय समयानुसार लगभग सायं 05:27 बजे लैंड करेगा। ।।
चंद्रयान -3 की लैंडिंग को देश व प्रदेश के सभी लोग यूट्यूब चैनल पर सीधे प्रसारण (LIVE STREAMING) के माध्यम से देखेंगे। ।।
चंद्रयान -3 का सीधा प्रसारण देखें
चंद्रयान -3 सफल अब चांद पर लहराएगा तिरंगा
चंद्रयान -3 का LIVE STREAMING देखें
भारत की अंतरिक्ष अन्वेषण की खोज चंद्रयान -3 मिशन के साथ ही एक उल्लेखनीय मील के पत्थर तक पहुंच गई है जो कि चंद्रमा पर उतरने के लिए तैयार है। यह भारतीय विज्ञान, इंजीनियरिंग, प्रौद्योगिकी और उद्योग के लिए एक बहुत ही महत्वपूर्ण कदम है।
बताया गया है कि 23 अगस्त को शाम 5:27 बजे चंद्रयान-3 का चंद्रमा पर उतरने की प्रक्रिया का सीधा प्रसारण LIVE, ISRO से आप यहां देख सकते हैं अथवा ISRO का आधिकारिक YouTube Channel और DD National पर भी इसका ब्रॉडकास्ट किया जाएगा।
चंद्रयान -3 का सीधा प्रसारण देखें
चंद्रयान -3 मिशन । चंद्रयान -3 का LIVE STREAMING देखें ।
चंद्रयान-3 मिशन का सीधा प्रसारण देखने के लिए 23 अगस्त को शाम 5:15 से 6:15 तक नीचे दिए गए लिंक पर क्लिक करें
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गुरुवार, 6 जुलाई 2023
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड ??क्या हैं इसके फायदे ? क्यों यह सामाजिक ढांचे के लिए जरूरी है?
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड ??क्या हैं इसके फायदे ? क्यों यह सामाजिक ढांचे के लिए जरूरी है?
यूनिफॉर्म सिविल कोड के मामले में भारत के PM के हालिया बयान के बाद बहस तेज हो चुकी है। लेकिन यह मुद्दा कानून या संविधान के स्तर पर कोई नया विषय नहीं है।
भारत में जाति और धर्म के आधार पर अलग-अलग कानून और मैरिज एक्ट हैं। इसके कारण सामाजिक ढ़ांचा बिगड़ा हुआ है। यही कारण है कि देश में यूनिफॉर्म सिविल कोड की मांग उठती रही है जो सभी जाति, धर्म, वर्ग और संप्रदाय को एक ही सिस्टम में लेकर आए।
हालांकि, अभी तक भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिए कोई आपातकालीन निर्णय नहीं लिया गया है। विवादों और सामाजिक विभाजन के कारण, यह एक विषय है जिस पर राष्ट्रीय स्तर पर विवाद चल रहा है और संविधानिक सुधार की आवश्यकता को लेकर विभिन्न धार्मिक और सामाजिक समुदायों के बीच अलगाव है। वैवाहिक, धर्मिक और विरासत संबंधित मामलों में, भारतीय कानून धर्मशास्त्र और श्राद्ध प्रथाओं पर आधारित होता है जो अलग-अलग धर्मीय समुदायों के लिए अलग-अलग होते हैं।
भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड (समान नागरिक संहिता) को लागू करने के लिए क्यों आ रही हैं समस्याएं जानें 👉
भारत में यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिए कई समस्याएं उठाई जा रही हैं, जो इसको लागू होने से रोक रही हैं। यहां कुछ प्रमुख समस्याएं बताई जा रहीं हैं:👉
☑️ धार्मिक समानता: भारत धर्मनिरपेक्षता का देश है, और यहां धर्म और संस्कृति का गहरा संबंध है। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने से कुछ धर्मिक और सांस्कृतिक समुदायों की भावनाओं और आचार-अनुष्ठानों को खतरे में डाल सकती है, जिसके कारण धार्मिक समानता के मुद्दे उठ रहे हैं ।
☑️ सांस्कृतिक विविधता: भारत में अनेक सांस्कृतिक समुदाय हैं जो अपनी अलग-अलग संस्कृति, भाषा और परंपराओं के लिए प्रसिद्ध हैं। यूनिफॉर्म सिविल कोड के अनुपालन में, यह सांस्कृतिक विविधता को ध्वंस कर सकती है और अलग-अलग समुदायों की आवश्यकताओं को पूरा नहीं कर सकती है।ये भी एक समस्या हो सकती है।
☑️ विरोध और समर्थन: यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने पर समाज में विभाजन का आशंका है। इसके समर्थन कर्ता व विपक्षी समुदायों के बीच में इस विषय पर विवाद है। विशेष रूप से धार्मिक संगठन और राजनैतिक दल यूनिफॉर्म सिविल कोड को लेकर अलग-अलग मत रखते हैं। जिसके कारण, इसके लागू होने के लिए समाज का विरोध देखा जा रहा है।
☑️ संविधानिक प्रक्रिया: यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने के लिए संविधानिक संशोधन की आवश्यकता होगी। संविधानिक संशोधन प्रक्रिया लंबी और विवादास्पद हो सकती है, जिसमें संविधानिक सदन की सहमति और राज्य सभाओं की अनुमति भी आवश्यक होगी।
इन मुख्य समस्याओं के कारण, यूनिफॉर्म सिविल कोड को लागू करने की प्रक्रिया भारत में विवादों और चर्चाओं के बीच अटकी हुई है। सरकार को इस मुद्दे पर विशेष सावधानी बरतनी पड़ती है, क्योंकि इसके संबंध में सामरिक, संविधानिक और सामाजिक प्रश्नों का सामना करना पड़ता है।
क्या है यूनिफॉर्म सिविल कोड या समान नागरिक संहिता ?
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) एक कानूनी प्रणाली है जो एक देश में सभी नागरिकों के लिए एक सामान ( एक देश एक कानून) नागरिक नियमों, विवाह, विवादों, संपत्ति, विरासत, तलाक आदि के मामलों में एक समान नियमानुसारीता की प्रदान करती है। इसका उद्देश्य नागरिकों को धार्मिक या सांस्कृतिक भेदभाव से मुक्ति, सामान्यता, और समानता के साथ नियमितता की प्राप्ति कराना है।
भारत में, यूनिफॉर्म सिविल कोड का प्रावधान भारतीय संविधान के तहत किया जा रहा है। भारतीय संविधान में धारा 44 इसे संविधानिक रूप से प्रावधानित करती है, जो राष्ट्रीय स्तर पर सामान्य सिविल कोड का संचालन करने का आदेश देती है। इसका उद्देश्य समग्र भारतीय सामाजिक समानता और सामान नागरिक अधिकारों की सुरक्षा की प्राप्ति है।
यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से, इसका मतलब होगा कि सभी नागरिकों के लिए समान नियमों की प्राथमिकता होगी, और धर्म और संस्कृति से अभिप्रेत नियमों को लागू करने की आवश्यकता कम होगी। इससे सामाजिक और न्यायिक तंत्र को समर्पित, सुविधाजनक और समान बनाने का प्रयास होगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड का अंतिम रूप और इसके लागू होने की विधि भारतीय संविधान की संशोधन प्रक्रिया के माध्यम से निर्धारित होगी। इसमें संविधानिक संसदीय समिति की राय, विशेष संदर्भ और न्यायालयों के निर्णयों का महत्वपूर्ण योगदान होगा।
यूनिफॉर्म सिविल कोड (Uniform Civil Code) भारत में लागू होने पर क्या बदलाव होंगे ??
यूनिफॉर्म सिविल कोड के भारत में लागू होने पर कई बदलाव हो सकते हैं। यहां कुछ मुख्य बदलावों की संभावित सूची है:
1= विवाह और तलाक: यूनिफॉर्म सिविल कोड के अंतर्गत, विवाह और तलाक के नियम एक सामान्य नियमानुसारीता पर आधारित होंगे। इससे सभी नागरिकों के लिए समान विवाह और तलाक के अधिकार और जिम्मेदारियाँ सुनिश्चित होंगी।
2=संपत्ति और विरासत: यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर, संपत्ति के वितरण और विरासत में समानता होगी। इससे धर्म और जाति के आधार पर विरासत में भेदभाव कम होगा और संपत्ति के नियम सभी के लिए समान होंगे।
3=सामाजिक न्याय: यूनिफॉर्म सिविल कोड के अंतर्गत, सामाजिक न्याय और न्यायिक प्रक्रियाएं सुविधाजनक और समान होंगी। धार्मिक या सांस्कृतिक मानदंडों पर आधारित न्याय प्रणाली को कम होगा और सभी नागरिकों को समान न्याय मिलेगा।
4=महिला सुरक्षा और अधिकार: यूनिफॉर्म सिविल कोड के लागू होने से, महिलाओं को और अधिक सुरक्षा और अधिकार मिलेंगे। इसके तहत, स्त्री शिक्षा, निकासी और पुनर्वास के नियम समान होंगे। यह महिलाओं को समानता, स्वतंत्रता और सुरक्षा की प्राप्ति में मदद करेगा।
5= सामाजिक सुधार: यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर, सामाजिक सुधार की प्रक्रिया गति पाएगी। इसके अंतर्गत, जाति और धर्म से मुक्त नियमानुसारीता नवीनीकरण होगा और सामाजिक बदलाव को बढ़ावा मिलेगा।
अंत में यही कहना चाहेंगे कि सभी बदलाव समान नागरिक नियमों की प्राथमिकता, सामान्यता और समानता की प्राप्ति को सुनिश्चित करने के लिए होंगे। यूनिफॉर्म सिविल कोड लागू होने पर भारतीय समाज में एकता, इंसानी अधिकारों का प्रभावी संरक्षण और समान नागरिकता की दृष्टि से सुधार होगा।
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क्या है #यूनिफॉर्म #सिविल #कोड ??
क्यों यह सामाजिक ढांचे के लिए जरूरी है?
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