यह ब्लॉग खोजें

गुरुवार, 28 फ़रवरी 2019

क्या है जेनेवा संधि ??? जेनेवा समझौता क्या है ?? जानें ...




इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है!

यहां पर बता दें कि पाकिस्तान ,भारत के मिग 21 पायलेट विंग कमांडर श्री अभिनन्दन जी को भारत भेजने के लिए तैयार हो गया है । 

अंतरराष्ट्रीय राजनीतिक दवाव व केंद्र सरकार के प्रयासों की वजह से ये संभव हो सका है ।
पाकिस्तान के दावे पर पुष्टि करते हुए भारत के विदेश मंत्रालय ने बुधवार शाम एक बयान जारी किया था ।बयान में कहा गया था कि हमारा एक पायलट पाकिस्तान की कस्टडी में है और हम पाकिस्तान से मांग करते हैं कि वह भारतीय वायुसेना के उस पायलट को तुरंत सुरक्षित वापस भेजें । भारत ने यह भी कहा कि पाकिस्तान यह सुनिश्चित करे कि सैनिक को कोई नुकसान नहीं पहुंचे ।

अब बात करते हैं जेनेवा सन्धि की जिसकी वजह से यह सम्भव हुआ ।
जेनेवा संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है।
किसी भी युद्धबंदी[ PRISONER OF WAR ] के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता ।
संधि के मुताबिक युद्धबंदी[ POW ]को डराया-धमकाया नहीं जा सकता।
जेनेवा समझौते के तहत पाकिस्तान भारत के पायलट को नुकसान नहीं पहुंचा सकता ।
युद्धबंदियों  के अधिकारों को बरकरार रखने के जेनेवा समझौते [ GENEVA CONVENTION ]   में कई  अधिकार दिए गए हैं । जेनेवा समझौते में चार संधियां और तीन अतिरिक्त प्रोटोकॉल [मसौदे] शामिल हैं, जिसका मकसद युद्ध के वक्त मानवीय मूल्यों को बनाए रखने के लिए कानून तैयार करना है।
मानवता को बरकरार रखने के लिए पहली संधि 1864 में हुई थी ।
इसके बाद दूसरी और तीसरी संधि 1906 और 1929 में हुई।
द्वितीय विश्व युद्ध के बाद 1949 में 194 देशों ने मिलकर चौथी संधि की थी ।
इंटरनेशनल कमेटी ऑफ रेड क्रास के मुताबिक जेनेवा समझौते में युद्ध के दौरान गिरफ्तार सैनिकों और घायल लोगों के साथ कैसा बर्ताव करना है इसको लेकर दिशा निर्देश दिए गए हैं. इसमें साफ तौर पर ये बताया गया है कि युद्धबंदियों [POW]के क्या अधिकार हैं ।
साथ ही समझौते में युद्ध क्षेत्र में घायलों की उचित देखरेख और आम लोगों की सुरक्षा की बात कही गई है. जेनेवा समझौते में दिए गए अनुच्छेद 3 के मुताबिक युद्ध के दौरान घायल होने वाले युद्धबंदी का अच्छे तरीके से उपचार होना चाहिए।
युद्धबंदियों के साथ बर्बरतापूर्ण व्यवहार नहीं होना चाहिए। उनके साथ किसी भी तरह का भेदभाव नहीं होना चाहिए। साथ ही सैनिकों को कानूनी सुविधा भी मुहैया करानी होगी ।जेनेवा संधि के तहत युद्धबंदियों को डराया-धमकाया नहीं जा सकता।
इसके अलावा उन्हें अपमानित नहीं किया जा सकता। इस संधि के मुताबिक युद्धबंदियों पर मुकदमा चलाया जा सकता है ।इसके अलावा युद्ध के बाद युद्धबंदियों को वापस लैटाना होता है।
कोई भी देश युद्धबंदियों को लेकर जनता में उत्सुकता पैदा नहीं कर सकता। युद्धबंदियों से सिर्फ उनके नाम, सैन्य पद, नंबर और यूनिट के बारे में पूछा जा सकता है।



~~~~~जेनेवा संधि से जुड़ी मुख्य बातें ~[GENEVA CONVENTION RULES ] ~~~~~~



इस संधि के तहत घायल सैनिक की उचित देखरेख की जाती है।
➡ संधि के तहत उन्हें खाना पीना और जरूरत की सभी चीजें दी जाती है।
➡ इस संधि के मुताबिक किसी भी युद्धबंदी के साथ अमानवीय बर्ताव नहीं किया जा सकता।
➡ किसी देश का सैनिक चाहे वह स्त्री हो या पुरुष  जैसे ही पकड़ा जाता है उस पर ये संधि लागू होती है ।
➡ संधि के मुताबिक युद्धबंदी को डराया-धमकाया नहीं जा सकता ।
➡  युद्धबंदी की जाति, धर्म ,जन्म आदि के बारे में नहीं पूछ सकता ।
ईश्वर से  कामना है कि पाकिस्तान से जल्द ही विंग ✈ कमांडर अभिनंदन वर्धमान भारत अपनी सरजमीं पर सकुशल लौट आएं ।
धन्यवाद ।।
Abhi D faith ....📝

कोई टिप्पणी नहीं:

एक टिप्पणी भेजें

Thanx

DO YOU KNOW BENIFITS OF GREEN COFFEE ☕??Wait loose with Green cofee.Green cofee ke fayde

  DO YOU KNOW BENIFITS OF GREEN COFFEE ☕?? Green coffee is coffee that has not been roasted, and it has gained popularity in recent years du...