सावधान ! FaceApp समझकर फर्जी ऐप डाउनलोड कर रहे हैं यूज़र्स, फोन में आ रहा है खतरनाक वायरस
सावधान ! FaceApp समझकर फर्जी ऐप डाउनलोड कर रहे हैं यूज़र्स, फोन में आ रहा है खतरनाक वायरस
फेस ऐप की तरह हूबहू दिखने वाली कुछ फर्जी ऐप्स मौजूद हैं, जिससे यूज़र्स की प्राइवेसी, डेटा और सिक्योरिटी को बड़ा खतरा है ।
सोशल मीडिया पर तेजी से पॉपुलर हो रहे FaceApp को लेकर प्राइवेसी के सवालों के बाद एक और चौकाने वाला खुलासा हुआ है । फेस ऐप की चर्चा को देखते हुए हैकर्स ने कुछ इसी की तरह ही 'Fake Apps' बनाई हैं । सिक्योरिटी फर्म Kaspersky ने यूज़र्स को चेतावनी दी है कि फेस ऐप की तरह हूबहू दिखने वाली कुछ फर्जी ऐप्स मौजूद हैं, जिससे यूज़र्स की प्राइवेसी, डेटा और सिक्योरिटी को बड़ा खतरा है ।
बताया गया कि इन ऐप्स को ऐसे डिज़ाइन किया गया है कि यूज़र्स इसके बहकावे में आसानी से आ सकते हैं और इसे असली ऐप समझकर डाउनलोड कर सकते हैं ।
जानकारी के मुताबिक, अगर जैसे ही कोई यूज़र इसे किसी अनऑफिशियल सोर्स से इंस्टॉल करके डाउनलोड करता है, तो उसके फोन में MobiDash नाम का ऐडवेयर मॉड्युल आ जाता है, जो कि फोन में विज्ञापन दिखाने लगता है ।
Kaspersky के मुताबिक, सिर्फ दो दिनों में 500 लोगों ने फेक ऐप को डाउनलोड कर लिया था । फेक ऐप से जुड़ा पहला मामला 7 जुलाई को सामने आया था । हम यूज़र्स से आग्रह करते हैं कि किसी भी नुकसान से बचने के लिए अनऑफिशियल सोर्स से एप्लिकेशन डाउनलोड ना करें ।
सिक्योरिटी को लेकर फोर्सपॉइंट के सिक्योरिटी स्ट्रटेजिस्ट Alvin Rodrigues का कहना है कि आपका चेहरा आपका पर्सनल कॉपीराइट है । तो अगर आप फेस ऐप जैसी ऐप का इस्तेमाल कर रहे हैं तो आप उसे अपनी डिवाइस, फाइल्स लॉगइन करने की अनुमति दे रहे हैं । जैसे कि बहुत सारी मोबाइल कंपनियां फोन लॉक/अनलॉक करने के लिए फेशियल रिकग्निशन(Facial Recognition) टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल करती हैं ।
उन्होंने कहा कि फेशियल पासवर्ड, आपका चेहरा ऐसी चीज़ें हैं जो कभी बदल नहीं सकती । ये पर्सनल है और पर्मानेंट भी उनका कहना है कि क्लाउड पर अपलोड की जा रही फोटोज़ का हैक होने का खतरा बहुत ज़्यादा है । सोशल मीडिया पर लोग 'फेस ऐप' का इस्तेमाल करके अपने बुढ़ापे की फोटो पोस्ट कर रहे हैं ।
👉 प्राइवेसी को खतरा है? सर्वर से इस तरह डिलीट करा सकते हैं अपना डेटा
👉 क्या है ?? फेसऐप को इस्तेमाल करने की शर्त ???
फेसऐप (FaceApp) को जब आप इस्तेमाल करते हैं तो उसे आपकी तस्वीर किसी भी पर्पस के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति मिल जाती है। इसकी पॉलिसी ये साफ कहती है कि यूजर की फोटोज और डेटा कंपनी के पास रहेगी और इसे विज्ञापन के लिए नहीं बेचा जाएगा। हालांकि यहां ये भी कहा गया है कि अगर इस ग्रुप की कंपनी को इसकी जरूरत पड़े तो वो यूजर का डेटा यूज कर सकती है। यानी फेसऐप (FaceApp) किसी भी तस्वीर या डेटा का इस्तेमाल अपने बिजनेस के लिए कर सकता है।
👉 क्या है ?? फेसऐप को इस्तेमाल करने की शर्त ???
फेसऐप (FaceApp) को जब आप इस्तेमाल करते हैं तो उसे आपकी तस्वीर किसी भी पर्पज के लिए इस्तेमाल करने की अनुमति मिल जाती है। इसकी पॉलिसी ये साफ कहती है कि यूजर की फोटोज और डेटा कंपनी के पास रहेगी और इसे विज्ञापन के लिए नहीं बेचा जाएगा।
हालांकि यहां ये भी कहा गया है कि अगर इस ग्रुप की कंपनी को इसकी जरूरत पड़े तो वो यूजर का डेटा यूज कर सकती है। यानी फेसऐप (FaceApp) किसी भी तस्वीर या डेटा का इस्तेमाल अपने बिजनेस के लिए कर सकता है।
👉 FaceApp के फाउंडर ने क्या कहा?
हालाँकि इस एप की प्राइवेसी पॉलिसी को लेकर उठते सवालों पर इसके फाउंडर ने कहा है कि इससे यूजर्स को प्राइवेसी का कोई खतरा नहीं है। उन्होंने कहा है कि कंपनी यूजर डेटा किसी थर्ड पार्टी को सेल नहीं करती है। हाँ ,अगर यूजर चाहें तो फेस ऐप से अपना डेटा डिलीट भी करा सकते हैं। कंपनी ने ये साफ कर दिया है कि यूजर का डेटा सेफ है और भले ही ये ऐप रूस का है, लेकिन आपका डेटा रूस नहीं जाता है।
👉 FaceApp से कैसे डिलीट करें अपना डेटा :-
अगर आपने देखादेखी या उत्साह में आकर FaceApp डाउनलोड किया और अब आपको लगता है कि कुछ गड़बड़ झाला है तो FaceApp से अपना डेटा डिलीट भी कर सकते हैं।
इसके लिए आपको इस ऐप की सेटिंग्स में जाना है। यहां सपोर्ट का विकल्प मौजूद है।
इसके बाद Report a bug पर क्लिक करें। यहां आप सबजेक्ट लाइन में Privacy लिख कर अपनी क्वेरी सेंड कर सकते हैं।
इसके लिए आपको इस ऐप की सेटिंग्स में जाना है। यहां सपोर्ट का विकल्प मौजूद है।
इसके बाद Report a bug पर क्लिक करें। यहां आप सबजेक्ट लाइन में Privacy लिख कर अपनी क्वेरी सेंड कर सकते हैं।
👉 दावा है कि Face App से फोटो बदल, 18 साल पहले किडनैप हुआ बच्चा खोजा :-
ऐसी खबर है कि 18 साल पहले किडनैप हुए एक बच्चे को आखिरकार तलाश लिया गया है । इस बच्चे को ढूंढने में अहम भूमिका निभाई फेस ऐप टेक्नोलॉजी ने ।यहाँ बता दें कि FaceApp इस वक्त दुनिया में काफी चर्चा में है ।
2001 में वीफेंग को किडनैप कर लिया गया था ।तब वह 3 साल का था । metro.co.uk की रिपोर्ट के मुताबिक, शुरुआती कुछ सालों के बाद उन्हें ढूंढने की कोशिश बंद कर दी गई ।
लेकिन शेनझेन के जांचकर्ताओं ने दोबारा इस केस को खोला और आर्टिफिशियल इंटेलिजेंस सॉफ्टवेयर की मदद ली । इसके बाद 100 लोगों के फेस से बच्चे की एडल्ट वाली तस्वीर को मैच कराया ।
आखिरकार वीफेंग का पता चल गया । मालूम हुआ कि वह गुआंगझोऊ में पढ़ाई कर रहा है। शुरुआत में उसने ये मानने से इनकार कर दिया कि उसे किडनैप किया गया था । लेकिन डीएनए रिपोर्ट में उसके बायोलॉजिकल पैरेंट्स की पुष्टि हुई। हालांकि, वह अभी भी गोद लिए गए पैरेंट्स के साथ ही रहेगा ।
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