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शुक्रवार, 29 नवंबर 2019

KANYA SUMANGLA YOJNA। कन्या सुमंगला योजना । HOW TO APPLY । FULL DETAIL

KANYA SUMANGLA YOJNA कन्या सुमंगला योजना 

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·         राज्य मे कन्या की स्वास्थ्य एवम शिक्षा की की स्थिति को सुधारना
·         राज्य मे कन्या भ्रूण हत्या को समाप्त करना
·         राज्य मे समान लिंगानुपात स्थापित करना
·         बाल विवाह को रोकना
·         नवजात कन्या के परिवार को आर्थिक सहायता प्रदान करना



कन्या सुमंगला योजना ऑनलाइन आवेदन

     ·     इस योजना को उत्तर प्रदेश सरकार ध्वारा बेटियो के लिए लागू किया गया है।·         इस योजना का मुख्य आशय बेटियो को आर्थिक सहायता प्रदान करना है।·         इस योजना का कुल बजट 1200 करोड़ रुपए है।·         इस योजना के तहत बेटियो का जन्म दर को बढ़ानासमाज मे पुरुष समान स्थान देनापढ़ाई करने के लिए प्रोत्साहित करनाबाल-विवाह को रोकना आदि जैसे आशय को पूरा करना है।·         इस योजना के तहत आवेदक दो बेटियो के तहत आवेदन कर सकता है।·         इस योजना का लाभ दोनों बेटियो को बराबर प्राप्त होगा।·         योजना का लाभ बेटी के जन्म से उसके स्नातक तक के अभ्यास तक प्राप्त होगा।·         योजना के तहत मिलने वाले लाभ आवेदन की तिथि से महीने के भीतर मे आवेदक के बैंक खाते मे जमाहोगे।·         इसके तहत भुगतान जूनसितम्बरदिसंबर व फरवरी माह मे होगे।·         इसके तहत मिलने वाली धनराशि Online रूप से सीधे लाभार्थी के बैंक खाते मे जमा होगी।·         इस योजना का लाभ लेने के लिए बैंक खाता राष्ट्रीयकृत बैंक मे होना अनिवार्य है।·         नाबालिग आवेदको के लिए मिलने वाला लाभ उसके माता पिता या अभिभावक के खाते मे जमा होगा।



·         राशन कार्ड
·         आधार कार्ड (माता-पिता अभिभावक का यदि उपलब्ध हो तो बालिका का) \ PAN कार्ड \ Voter ID \ Driving Licence \ Passport \ बैंक पासबूक
·         परिवार की वार्षिक आय के संबंध मे स्व-सत्यापन।
·         बालिका का नवीनतम फोटो।
·         शपथ पत्र 10 रुपए के स्टम्प पेपर पर।
·         बैंक पासबूक
·         आवेदक व बालिका का नवीनतम सयुंक्त फोटो
·         परिवार आई. डी. हेतु पहेले से पंजीकृत बालिका की कन्या सुमंगला पहचान पंजीकरण संख्या / रशीद (यदि लागू हो)
·         गोद लेने का प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)
·         मृत्यु प्रमाणपत्र (यदि लागू हो)


Online Registration for Kanya Sumangala Yojana
Online Registration के लिए आपको Website, CSC Centre, साइबर कैफे आदि के जरिये हो सकता है।
·         Online Registration के लिए आपको सबसे पहेले योजना की अधिकृत Website पर जाना होगा।
(अभी इस योजना की अधिकृत Website का निर्माण कार्य हो रहा हैजैसे ही यह हो जाता है हम आपको आगे की प्रक्रिया से अवगत करेंगे।)
Offline Apply
  • कन्या सुमंगला योजना में ऑनलाइन आवेदन करने के लिए आपको इसकी आधिकारिक वेबसाइट पर जाना होगा
  • आप जैसे ही होम पर जायेंगे आपके सामने कन्या सुमंगला योजना का एक लिंक प्राप्त होगा, आपको इस लिंक पर क्लिक करना है, इसके बाद आपके सामने इसका आवेदन फॉर्म ओपन हो जायेगा
  • आपको आवेदन फॉर्म में पूछी गयी सभी सूचना को सही से भरना होगा,  सभी सूचनाए भरने के बाद आपको नीचे एक कैप्चा कोड को भरना है,  अब आपको सबमिट पर क्लिक करना है,  इस प्रकार आप इस योजना के लिए ऑनलाइन आवेदन कर सकते है,  यह योजना 1 अप्रैल 2019 से शुरू की जाएगी इसके बाद आप आवेदन कर सकते है


·         सबसे पहेले आपको Kanya Sumangala Yojana Application Form प्राप्त करना होगा।
·         अब आपको Form को सही से भरना है और उसके साथ सभी जरूरी दस्तावेज़ को जोड़ना है।
·         याद रखे हर श्रेणी के लिए आपको हर बार अलग से आवेदन करना होगा।
·         अब प्राप्त सभी Offline आवेदनो को जिला परिवीक्षा अधिकारी ध्वारा Online अपलोड किया जाएगा। अब आगे की सारी प्रक्रिया Online रूप से होगी।
·         ध्यान दे डाक ध्वारा भेजे गए आवेदन मान्य नहीं होगे ।
·         आपको इसके तहत आवेदन करने के लिए जो भी श्रेणी लागू होती है उसके लिए आप आवेदन कर सकते है।
·         जब आप एक बार इस YOJNA के तहत आवेदन करते है तब आपको एक पहचान संख्या नंबर या Login ID मिलता हैउसे आवेदक को संभाल कर रखना होगा। क्योकि आगे के सभी आवेदन के लिए यह आपको काम आएगा।




श्रेणी 1 – नवजात बालिकाओ हेतु



·         इस श्रेणी के तहत 01-04-2019 या उसके बाद जन्मी बालिका के लिए ही आवेदन कर सकती है।
·         इसके तहत आवेदन बालिका की जन्म तिथि के माह के भीतर करना अनिवार्य है।
·         बालिका का जन्म प्रमाणपत्र अपलोड करना है।
·         संस्थागत प्रसव पंजीकरण का प्रमाणपत्र अपलोड करना है।
·         शपथ पत्र


श्रेणी 2 – टिकाकरण पूर्ण करने वाली बालिकाओ हेतु



·         टिकाकरण कार्ड अपलोड करना होगा।
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


श्रेणी 3 – कक्षा मे प्रवेश प्राप्त करने वाली बालिकाओ हेतु



·         प्रार्थना पत्र किसी सरकारीअनुदानित या मान्यता प्राप्त विधालय मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 31 जुलाई तक या विधालय मे दाखिले की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         बालिका के कक्षा मे प्रवेश लेने संबंधी प्रमाणपत्र विधालय का U-DISE कोड या विधालय का कोड
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


श्रेणी 4 – कक्षा मे प्रवेश प्राप्त करने वाली बालिकाओ हेतु



·         प्रार्थना पत्र किसी सरकारीअनुदानित या मान्यता प्राप्त विधालय मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 31 जुलाई तक या विधालय मे दाखिले की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         बालिका के कक्षा मे प्रवेश लेने संबंधी प्रमाणपत्र विधालय का U-DISE कोड या विधालय का कोड
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


·         प्रार्थना पत्र किसी सरकारीअनुदानित या मान्यता प्राप्त विधालय मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 30 सितम्बर तक या बोर्ड मे पंजीकरण की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         बालिका के कक्षा मे प्रवेश लेने संबंधी प्रमाणपत्र विधालय का U-DISE कोड या विधालय का कोड
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।


श्रेणी 6 – स्नातकडिग्री तथा दो साल के डिप्लोमा मे प्रवेश प्राप्त करने वाली बालिकाओ हेतु



·         प्रार्थना पत्र स्नातकडिग्री तथा दो साल के डिप्लोमा मे दाखिला लेने के बाद उसी वर्ष 30 सितम्बर तक या चालू सत्र मे पंजीकरण की अंतिम तिथि के 45 दिन के अंदर (जो भी बाद मे हो) तक जमा करना अनिवार्य है।
·         12वी कक्षा का प्रमाणपत्र
·         किसी महाविधालय विश्वविधालय अन्य शैक्षणिक संस्थान मे स्नातकडिग्री तथा दो साल के डिप्लोमा मे दाखिला लेने का प्रवेश शुल्क की रशीद तथा संस्थान का परिचय पत्र की छायाप्रति।
·         शपथ पत्र अपलोड करना होगा।



शपथ पत्र SHAPATH PATRA  :-

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APPLY LINK :-

यहाँ पर हमनें आपको कन्या सुमंगल योजना के विषय में जानकारी उपलब्ध करायी है, यदि इस जानकारी से सम्बन्धित आपके मन में किसी प्रकार का प्रश्न आ रहा है, अथवा इससे सम्बंधित अन्य कोई जानकारी प्राप्त करना चाहते है, तो कमेंट बाक्स के माध्यम से पूँछ सकते है,  हम आपके द्वारा की गयी प्रतिक्रिया और सुझावों का इंतजार कर रहे है |



मंगलवार, 26 नवंबर 2019

खानवा का युद्ध/Battle of Khanwa 1527

खानवा का युद्ध - Battle of Khanwa 1527

पानीपत के बाद बाबर द्वारा भारत में लड़े गए युद्धों में सबसे महत्त्वपूर्ण खानवा का युद्ध था. जहाँ पानिपत के युद्ध ने बाबर को दिल्ली और आगरा का शासक बना दिया, वहीं खानवा के युद्ध (Battle of Khanwa) ने बाबर के प्रबलतम शत्रु राणा सांगा का अंत कर बाबर की विजयों को एक स्थायित्व प्रदान किया.

खानवा युद्ध के कारण:-

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बाबर (Babar) और राणा सांगा के बीच युद्ध के अनेक कारण (causes) थे. इनमें से कुछ निम्नलिखित थे -
राणा सांगा (Rana Sanga) भी अफगानों की सत्ता समाप्त कर अपना राज्य स्थापित करना चाहता था. उसने अपनी शक्ति बहुत बढ़ा ली थी. उसके राज्य की सीमा आगरा के निकट तक पहुँच गई थी. बाबर को उससे किसी भी समय खतरा उत्पन्न हो सकता था.
राणा सांगा समझता था कि बाबर भी अन्य मध्य एशियाई लूटेरों की तरह लूट-पाट करके चला जायेगा. फिर उसके जाने के बाद वह दिल्ली पर अधिकार कर लेगा. परन्तु जब उसे अहसास हुआ कि बाबर दिल्ली छोड़कर कहीं नहीं जाने वाला तो वह सोच में पड़ गया.
सिन्धु-गंगा घाटी में बाबर के वर्चस्व ने सांगा के लिए खतरा बढ़ा दिया. उसने बाबर को देश से भगाने का निर्णय लिया.
इसी बीच जब बाबर ने अफगान विद्रोहियों को कुचलने का निर्णय लिया तब अनेक अफगान सरदार राणा सांगा के शरण में जा पहुँचे. इनमें प्रमुख थे इब्राहीम लोदी का भाई महमूद लोदी और मेवात का सूबेदार हसन खां मेवाती. इन लोगों ने राणा सांगा को बाबर के विरुद्ध युद्ध करने को उकसाया और अपनी सहायता का वचन भी दिया.
राणा सांगा बाबर द्वारा कालपी, बयाना, आगरा और धौलपुर पर अधिकार किए जाने से गुस्से में था क्योंकि वह इन क्षेत्रों को अपने साम्राज्य के अन्दर मानता था.


खानवा का युद्ध   :-


राणा सांगा ने बाबर पर आक्रमण करने के पहले ही अपनी स्थिति सुदृढ़ कर ली थी. उसकी सहायता के लिए हसन खां मेवाती, महमूद लोदी और अनेक राजपूत सरदार अपनी-अपनी सेना के साथ एकत्रित हो गए. वह हौसले के साथ एक विशाल सेना के साथ बयाना और आगरा पर अधिकार करने के लिए बढ़ा. बायाना के शासक ने बाबर से सहायता माँगी. बाबर ने ख्वाजा मेंहदी को मदद के रूप में भेजा पर राणा सांगा ने उसे परास्त कर बयाना पर अधिकार कर लिया. सीकरी के पास भी आरंभिक मुठभेड़ में मुग़ल सेना को पराजय का मुंह देखना पड़ा. लगातार मिल रही पराजय से मुग़ल सैनिक आतंकित हो गए. उनका मनोबल गिर गया.
अपनी सेना का मनोबल गिरते देखकर बाबर ने धैर्य से काम लिया. उसने 'जिहाद” की घोषणा की. उसने शराब न पीने की कसम खाई. उसने मुसलामानों पर से तमगा (एक प्रकार का सीमा कर) भी उठा लिया और अपनी सेना को कई तरह के प्रलोभन दिए . उसने अपने-अपने सैनिकों से निष्ठापूर्वक युद्ध करने और प्रतिष्ठा की सुरक्षा करने का वचन लिया. फलस्वरूप बाबर के सैनकों में उत्साह का संचार हुआ I
बाबर राणा सांगा का मुकाबला करने के लिए फतेहपुर सिकरी के निकट खानवा नामक जगह पर पहुँचा. राणा सांगा उसकी प्रतीक्षा में था. बाबर ने जिस चक्रव्यूह-रचना का प्रयोग पानीपत में किया था उसी रचना को खानवा में भी किया !
 16 मार्च, 1527 को खानवा के मैदान में दोनों सेनाओं की मुठभेड़ हुई. राजपूत वीरता से लड़े पर बाबर ने गोला-बारूद का जमकर इस्तेमाल कर राणा के सेना को पराजित कर दिया. राणा रणक्षेत्र से भाग निकला ताकि वह पुनः बाबर से युद्ध कर सके. पर कालांतर में उसके ही सामंतों ने उसे विष देकर मार डाला. बाबर के लिए यह एक बड़ी जीत थी!



युद्ध के परिणाम     :-
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                                 खानवा का युद्ध बाबर के लिए बहुत महत्त्वपूर्ण इसलिए था कि क्योंकि उसने एक वीर शासक को हराया और यह बात पूरे भारत में फ़ैल गई. इस युद्ध ने उसे भारत में पाँव फैलाने का अवसर प्रदान किया.
इस युद्ध के बाद राजपूत-अफगानों का संयुक्त 'राष्ट्रीय मोर्चा” ख़त्म हो गया.
भारत में 'हिन्दू राज्य” राज्य स्थापित करने का सपना भंग हो गया.
खानवा युद्ध के बाद बाबर की शक्ति का आकर्षण केंद्र अब काबुल नहीं रहा, बल्कि आगरा-दिल्ली बन गया.

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