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शनिवार, 1 अप्रैल 2023

"Game of Thrones" । Charector। Episodes । WHAT IS "Game of Thrones" ?? HBO

 "Game of Thrones" । Charector। Episodes । WHAT IS  "Game of Thrones" ??



Here know about  the information "Game of Thrones" ।


"Game of Thrones" is a popular fantasy television series that was first aired on HBO in April 2011. The show is based on George R.R. Martin's "A Song of Ice and Fire" book series and is set in the fictional continents of Westeros and Essos. The series comprises eight seasons and a total of 73 episodes.


"Game of Thrones"


The show is known for its intricate plotlines, complex characters, and its brutal depiction of violence, sex, and politics. It follows the story of several noble families vying for control of the Iron Throne, which is the seat of the King of the Seven Kingdoms of Westeros. The show is also known for its unexpected plot twists and the sudden and often violent deaths of major characters.

The show's main characters include Jon Snow, Daenerys Targaryen, Tyrion Lannister, Cersei Lannister, Arya Stark, Sansa Stark, and Bran Stark. Each of these characters has their own unique storylines that interweave with each other, creating a complex and engrossing narrative. As the series progresses, the characters face numerous challenges and obstacles, including battles, betrayals, and personal struggles.

The show's popularity has led to numerous awards and nominations, including 59 Primetime Emmy Awards, 8 Screen Actors Guild Awards, and a Peabody Award. It has also broken several records, including the record for the most Emmy Awards won by a drama series.


"Game of Thrones" । Charector। Episodes । WHAT IS  "Game of Thrones" ??


However, the show's final season was met with mixed reviews from fans and critics alike, with some praising it while others criticized the rushed pacing and lack of character development. Despite this, the show remains a cultural phenomenon, with a dedicated fan base and merchandise ranging from clothing to board games.

See more Olympic games


Famous Episodes of Game of Thrones

One of the most famous episodes of Game of Thrones is "The Rains of Castamere," also known as the "Red Wedding." It is the ninth episode of the third season and features a shocking and brutal massacre of several major characters, including Robb Stark, his mother Catelyn Stark, and his wife Talisa Stark, at the hands of their enemies, the Freys and the Boltons. The episode is widely considered a turning point in the series and is known for its emotional impact and stunning plot twist.


Game of Thrones has a vast and diverse cast of characters, but here are some of the most prominent ones:

  • Jon Snow
  • Daenerys Targaryen
  • Tyrion Lannister
  • Cersei Lannister
  • Sansa Stark
  • Arya Stark
  • Bran Stark
  • Robb Stark
  • Ned Stark
  • Catelyn Stark
  • Joffrey Baratheon
  • Jaime Lannister
  • Brienne of Tarth
  • Melisandre
  • Stannis Baratheon
  • Davos Seaworth
  • Samwell Tarly
  • Theon Greyjoy
  • Yara Greyjoy
  • Euron Greyjoy
  • Varys
  • Littlefinger (Petyr Baelish)
  • The Hound (Sandor Clegane)
  • The Mountain (Gregor Clegane)
  • Tormund Giantsbane
  • Gendry Baratheon
  • Missandei
  • Grey Worm

This is not an exhaustive list, but these characters play significant roles throughout the show's eight seasons.

In conclusion, "Game of Thrones" is a captivating and intense television series that has captured the hearts of millions of fans worldwide. Its complex characters, intricate plotlines, and visceral depiction of violence and politics make it a show that is both thrilling and thought-provoking. While the final season may have been divisive, it cannot detract from the show's overall impact and legacy in the entertainment industry.




"Game of Thrones" । Charector। Episodes । WHAT IS "Game of Thrones"



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गुरुवार, 30 मार्च 2023

श्री राम जन्मोत्सव। श्री राम। राम नवमी । श्री राम के जीवन के महत्वपूर्ण आदर्श।


भगवान राम, सबसे प्रतिष्ठित हिंदू देवताओं में से एक हैं, जिन्हें धार्मिकता, सदाचार और करुणा का अवतार माना जाता है।

श्री राम जन्मोत्सव। श्री राम। राम नवमी । श्री राम के जीवन के महत्वपूर्ण आदर्श।


यहां उनके कुछ महत्वपूर्ण उद्धरण और आदर्श दिए गए हैं जिनका अनुसरण हमें अवश्य करना चाहिए :

"सबसे बड़ा धन संतोष है और सबसे बड़ी खुशी तृप्ति की भावना है।"  यह उद्धरण अपने भीतर खुशी खोजने और जो कुछ है उससे संतुष्ट होने के महत्व पर जोर देता है।

"सच बोलो, अपनी बात रखो, और दूसरों को नुकसान मत पहुँचाओ।"  भगवान राम सत्यवादिता, अखंडता और अहिंसा के सिद्धांतों में विश्वास करते थे और अपने अनुयायियों को उनका पालन करने के लिए प्रोत्साहित करते थे।

"एक सच्चा नेता वह है जो उदाहरण के द्वारा नेतृत्व करता है।"  भगवान राम को अक्सर एक आदर्श नेता माना जाता है, जिन्होंने विनम्रता, साहस और करुणा के साथ अपने लोगों का नेतृत्व किया।

"क्षमा एक ऐसा गुण है जो आत्मा को मुक्त करता है और आंतरिक शांति लाता है।"  रावण सहित अपने शत्रुओं के प्रति भगवान राम की क्षमा, उनकी करुणा और क्षमा की शक्ति में उनके विश्वास का एक वसीयतनामा है।


"अपने माता-पिता से प्यार और सम्मान करें, क्योंकि वे आपके पहले शिक्षक और आपके आजीवन समर्थक हैं।"  भगवान राम का अपने माता-पिता, राजा दशरथ और रानी कौशल्या के प्रति गहरा प्रेम और सम्मान, पितृनिष्ठा और बड़ों के सम्मान के लिए एक प्रेरणा के रूप में काम करता है।

"अपने धर्म (कर्तव्य) के प्रति सच्चे रहें और कठिन परिस्थितियों में भी सही काम करें।"  भगवान राम ने एक राजकुमार के रूप में और बाद में एक राजा के रूप में अपने कर्तव्य को बरकरार रखा, और कठिन विकल्पों का सामना करने पर भी धार्मिकता के प्रति अपनी प्रतिबद्धता से पीछे नहीं हटे।

"दूसरों की सेवा ही पूजा का सर्वोच्च रूप है।"  भगवान राम दूसरों की निस्वार्थ सेवा करने में विश्वास करते थे, और यह आदर्श उनके कार्यों में परिलक्षित होता है, जैसे कि जब वे रानी कैकेयी को अपने पिता के वचन का सम्मान करने के लिए जंगल गए थे।

भगवान राम के जीवन के ये उद्धरण और आदर्श लाखों लोगों को अपने दैनिक जीवन में धार्मिकता, करुणा और निस्वार्थता के लिए प्रयास करने के लिए प्रेरित करते हैं।

यहां श्री राम के जीवन के कुछ अन्य महत्वपूर्ण उद्धरण और आदर्श दिए गए हैं इन्हें भी जानें :

"सत्य बोलो, धर्म का आचरण करो, और धर्म के मार्ग से विचलित मत हो।"  - श्री राम की अपने भाई लक्ष्मण को सलाह।

"किसी के चरित्र की असली परीक्षा यह नहीं है कि उसके पास कितनी संपत्ति या शक्ति है, बल्कि यह है कि वह दूसरों के साथ कैसा व्यवहार करता है।"  - श्रीराम का करुणा और सहानुभूति के महत्व में विश्वास।

"प्रतिकूल परिस्थितियों में शांत और स्थिर रहना चाहिए, और हमेशा वही करने का प्रयास करना चाहिए जो सही हो।"  - श्री राम का आंतरिक शक्ति और नैतिक साहस के महत्व पर बल।

"किसी को हमेशा अपने शब्द का सम्मान करना चाहिए, भले ही इसके लिए अपने हितों का त्याग करना पड़े।"  - श्री राम का वचन पालन के सिद्धांत का पालन करना।

"लोगों का कल्याण सर्वोच्च कानून है।"  - समाज की बेहतरी की दिशा में काम करने और बेहतर सेवा करने के महत्व में श्री राम का विश्वास।

"हमें हमेशा दूसरों की जरूरतों के प्रति सचेत रहना चाहिए और उनकी पीड़ा को कम करने का प्रयास करना चाहिए।"  -श्री राम का सहानुभूति और निःस्वार्थता के महत्व पर बल।

"व्यक्ति को हमेशा विनम्र रहना चाहिए और सफलता या शक्ति को अपने सिर पर नहीं चढ़ने देना चाहिए।"  - श्री राम का विनय और विनय के महत्व में विश्वास।

"जीवन का असली उद्देश्य आध्यात्मिक ज्ञान और जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति पाना है।"  - आध्यात्मिक विकास और आत्म-साक्षात्कार के महत्व पर श्री राम का जोर।

‌ श्री राम के जीवन के ये उद्धरण और आदर्श आज भी लोगों को प्रेरित और मार्गदर्शन करते हैं, और सदाचार और धार्मिकता के प्रतिमान के रूप में उनकी विरासत हिंदू संस्कृति और परंपरा का एक महत्वपूर्ण हिस्सा है।

धन्यवाद ।  आप सभी को भगवान श्री राम के जन्मोत्सव की हार्दिक शुभकामनाएं।।

श्री राम
श्रीरामनवमी
हिंदू धर्म
बजरंग दल
हिन्दू
राम
श्री राम जन्मोत्सव 

श्री राम जन्मोत्सव। श्री राम। राम नवमी । श्री राम के जीवन के महत्वपूर्ण आदर्श।

सोमवार, 7 नवंबर 2022

Digital Rupee ₹ (DIGITAL CURRENCY):- जानिए क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे? क्या बदल जाएगा ट्रांजेक्शन का तरीका???


Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):- जानिए क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे? क्या बदल जाएगा ट्रांजेक्शन का तरीका???


Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):-
देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद क्या होंगे बदलाव ???

Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):- RBI ने मंगलवार 1 नवम्बर 2022 को देश की पहले डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है। पायलट प्रोजेक्ट के जरिए विशिष्ट उपयोग के लिए डिजिटल रुपये का शुभारंभ हो गया है। डिजिटल रुपये का इस्तेमाल फिलहाल केवल थोक लेन-देन के लिए होगा। आरबीआई के मुताबिक नौ बैंकों को फिलहाल डिजिटल रुपये में ट्रांजैक्शन की इजाजत दी गई है।

जानिए क्या हैं डिजिटल रुपी के फायदे? क्या बदल जाएगा ट्रांजेक्शन का तरीका???


Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):-  देश में आरबीआई की डिजिटल करेंसी (E-Rupee) आने के बाद आपको अपने पास कैश रखने की जरूरत कम हो जाएगी।


Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):- भारत में डिजिटल करेंसी यानि वर्चुअल करेंसी (Digital Rupee) की एक नवंबर से शुरुआत हो गई है। रिजर्व बैंक ने 01 नवंबर 2022 को अपनी डिजिटल करेंसी को लॉन्च कर दिया है. इसे सेंट्रल बैंक डिजिटल करेंसी (CBDC) के नाम से भी जाना जाता है। शुरूआत में इस प्रोजेक्ट में सरकारी और प्राइवेट सेक्टर के करीब 9 बैंकों को जोड़ा गया है । हालांकि, अभी इसे पायलट प्रोजेक्ट के तौर पर शुरू किया गया है । अभी होलसेल ट्रांजेक्शन में इस्तेमाल किया जाएगा। 1 महीने के अंदर इसका रिटेल इस्तेमाल भी शुरू हो जाएगा । बता दें कि डिजिटल रूपी ब्लॉकचेन टेक्नोलॉजी पर आधारित होगा. इसका इस्तेमाल उसी तरह से होगा, जैसे क्रिप्टोकरेंसी का इस्तेमाल होता है।

Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):- कैसे कर सकेंगे डिजिटल रूपी का इस्‍तेमाल? किन किन चीजों को खरीदने में आएगा काम


रोजमर्रा के लेनदेन में होगी आसानी
Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):-
डिजिटल रुपी के 2 फॉर्म हैं। पहला रिटेल (CBDC-R) और दूसरा होलसेल (CBDC-W) इस्तेमाल के लिए. रिटेल CBDC सभी कंज्यूमर यानी प्राइवेट सेक्टर, नॉन फाइनेंशियल कंज्यूमर्स और बिजनेस के लिए होगा. जबकि होलसेल CBDC सेलेक्टेड फाइनेंशियल इंस्टीट्यूशंस के लिए होगा. रिटेल CBDC रिटेल ट्रांजेक्शन का ही इलेक्ट्रॉनिक वर्जन है. इसका इस्तेमाल लोग रोजमर्रा के लेनदेन के लिए भी कर सकेंगे. जिससे लोगों को कैश ले जाने से राहत मिलेगी. इसके साथ ही कई समस्याओं से भी छुटकारा मिल जाएगा।




Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):-
डिजिटल करेंसी से अभी इन 9 बैंकों को किया गया है सेलेक्‍टट

Digital Rupee (DIGITAL CURRENCY):-
रिजर्व बैंक ने 1 नवंबर से बड़े ट्रांजैक्शन के लिए इस्तेमाल होने वाले डिजिटल रुपी के लिए कुल 9 बैंकों का चयन किया है. इन बैंकों में भारतीय स्टेट बैंक, बैंक ऑफ बड़ौदा, यूनियन बैंक ऑफ इंडिया, एचडीएफसी बैंक, आईसीआईसीआई बैंक, कोटक महिंद्रा बैंक, यस बैंक, आईडीएफसी फर्स्ट बैंक और एचएसबीसी शामिल हैं. इस प्रोजेक्ट की कामयाबी के बाद इसमें और बैंकों को भी जोड़ा जाएगा ।

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रविवार, 6 फ़रवरी 2022

नहीं रहीं भारत रत्न स्वर कोकिला। लता मन्गेशकर । सुरों ने अपना एक वतन खो दिया....

नहीं रहीं भारत रत्न स्वर कोकिला  :-

सुरों ने अपना एक वतन खो दिया....
भारत ने अपना एक  रतन खो दिया...



लताजी नहीं रहीं।
ये सरस्वती का सुर विराम है।

भारत में 2 दिन का राष्ट्रीय शोक, तिरंगा आधा झुका रहेगा; शिवाजी पार्क में आज शाम 6.30 बजे अंतिम संस्कार

लता जी ने 4-5 दिन पहले काफी रिकवर किया था, कोरोना और निमोनिया दोनों से लड़ीं

लता मंगेश्कर जी की उम्र 92 साल हो चली थी। कोरोना और निमोनिया से 29 दिन लड़ीं भी, लेकिन आखिरकार दिनांक 6 फरवरी 2022 की रविवार सुबह 8: 12 बजे हम सबको, देश को, दुनिया को ना कह गईं। इलाज मुंबई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में चल रहा था। लताजी के निधन पर 2 दिन का राष्ट्रीय शोक रहेगा। देशभर में झंडा आधा झुका रहेगा।

पार्थिव देह को दोपहर 12 बजे प्रभु कुंज स्थित घर पर ले जाया जाएगा। अंतिम संस्कार आज शाम शिवाजी पार्क के श्मशान में किया जाएगा। शाम साढ़े छह बजे।

लताजी की कोरोना रिपोर्ट 8 जनवरी को पॉजिटिव आई थी। इसके बाद अस्पताल में भर्ती कराया गया था। हालांकि भर्ती होने की खबर भी दो दिन बाद, यानी 10 जनवरी को सामने आई।

सुबह 8.12 बजे लता जी ने अंतिम सांस ली
मुम्बई के ब्रीच कैंडी अस्पताल में डॉ. प्रतीत समधानी की देखरेख में ही डॉक्टर्स की टीम लता जी का इलाज कर रही थी। इलाज के दौरान उनकी हेल्थ में सुधार भी देखा जा रहा था। उन्हें लगातार ऑब्जर्वेशन में रखा गया। करीब 5 दिन पहले उनकी सेहत में सुधार होना भी शुरू हो गया था। ऑक्सीजन निकाल दी गई थी, लेकिन ICU में ही रखा गया, लेकिन रविवार को सुबह 8.12 बजे उनका निधन हो गया। डॉ. प्रतीत ने बताया कि मल्टी ऑर्गन फेल्योर उनकी मौत की वजह रही।

घर के नौकर के पॉजिटिव आने के बाद आईं कोरोना की चपेट में
लता जी लगभग दो साल से घर से नहीं निकली थीं। वे कभी-कभी सोशल मीडिया के जरिए अपने फैंस के लिए संदेश देती थीं। बढ़ती उम्र और गिरती सेहत के कारण वे ज्यादातर समय अपने कमरे में ही गुजारती थीं। उनके घर के एक स्टॉफ मेंबर की रिपोर्ट कोरोना पॉजिटिव आने के बाद उनका टेस्ट कराया गया था। 8 जनवरी को उनकी रिपोर्ट पॉजिटिव आई थी।

संगीत की दुनिया के उनके 8 सुरमयी दशक
92 साल की लता जी ने 36 भाषाओं में 50 हजार गाने गाए, जो किसी भी गायक के लिए एक रिकॉर्ड है। करीब 1000 से ज्यादा फिल्मों में उन्होंने अपनी आवाज दी। 1960 से 2000 तक एक दौर था, जब लता मंगेशकर की आवाज के बिना फिल्में अधूरी मानी जाती थीं। उनकी आवाज गानों के हिट होने की गारंटी हुआ करती थी। सन 2000 के बाद से उन्होंने फिल्मों में गाना कम कर दिया और कुछ चुनिंदा फिल्मों में ही गाने गाए। उनका आखिरी गाना 2015 में आई फिल्म डुन्नो वाय में था।

करीब 80 साल से संगीत की दुनिया में सक्रिय लता मंगेशकर का जन्म 28 सितंबर 1929 को मध्य प्रदेश के इंदौर में हुआ था। 13 साल की छोटी उम्र में 1942 से उन्होंने गाना शुरू कर दिया था। लता जी के पिता पं. दीनानाथ मंगेशकर संगीत की दुनिया और मराठी रंगमंच के जाने पहचाने नाम थे। उन्होंने ही लता जी को संगीत की शिक्षा दी थी। 5 भाई-बहनों में सबसे बड़ी लता जी की तीन बहनें आशा भोसले, उषा मंगेशकर, मीना मंगेशकर और भाई हृदयनाथ मंगेशकर हैं।

लता मंगेश्कर जी का संछिप्त जीवन परिचय
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लता मंगेशकर का जन्म 28 सितम्बर 1929 को इन्दौर में हुआ जो कि अब मध्यप्रदेश में स्थित है। वे पंडित दीनानाथ मंगेशकर और शेवंती की बड़ी बेटी हैं। लता के पिता पंडित दीनानाथ मंगेशकर एक मराठी संगीतकार, शास्त्रीय गायक और थिएटर एक्टर थे जबकि मां गुजराती थीं। शेवंती उनकी दूसरी पत्नी थी। उनकी पहली पत्नी का नाम नर्मदा था जिसकी मृत्यु के बाद दीनानाथ ने नर्मदा की छोटी बहन शेवंती को अपनी जीवन संगिनी बनाया। 
लता के जन्म के समय उनका नाम हेमा रखा गया था जिसे बदल कर लता कर दिया गया। यह नाम दीनानाथ को अपने नाटक 'भावबंधन' के एक महिला किरदार लतिका के नाम से सूझा। लता के बाद मीना, आशा, उषा और हृदयनाथ का जन्म हुआ। 

 

हार्डीकर से मंगेशकर बनीं

पंडित दीनानाथ का सरनेम हार्डीकर था जिसे बदल कर उन्होंने मंगेशकर कर दिया। वे गोआ में मंगेशी के रहने वाले थे और इसके आधार पर उन्होंने अपना नया सरनेम चुना। 


प्रभु कुंज में स्वरों का सन्नाटा :-


लता मंगेशकर अपनी बहन उषा और भाई हृदयनाथ के साथ मुंबई के पेडर रोड स्थित प्रभुकुंज में पहले फ्लोर पर रहती थीं। कई सालों से वे यहां रह रही थीं। बहन आशा भोसले भी यहां से कुछ दूरी पर ही रहती हैं। सालों तक प्रभाकुंज सोसायटी की सुबह लता मंगेशकर के संगीत के रियाज से ही शुरू होती रहीं। खराब सेहत के कारण करीब 4 साल से उनका रियाज लगभग बंद सा ही था। नवंबर 2019 में भी लता जी को निमोनिया और सांस की तकलीफ के कारण ब्रीच कैंडी अस्पताल में भर्ती कराया जा चुका था। जहां वे 28 दिन भर्ती रही थीं। नवंबर 2019 के बाद से उनका घर से निकलना भी लगभग बंद हो चुका था।


लता मंगेशकर की जान लेने की की गई थी कोशिश ? 

वर्ष 1962 में लता की जान लेने की कोशिश की गई। लता को एक दिन सुबह उठते ही उन्हें पेट में जबरदस्त दर्द हुआ। उनकी हालत ऐसी थी कि अपनी जगह से हिलने में भी उन्हें दिक्कत होने लगी। लता जी को स्लो प्वॉइजन दिया गया था। हालांकि उन्हें मारने की कोशिश किसने की, इस बारे में आज तक खुलासा नहीं हो पाया। 

 
कितने गीत गाए लता जी ने? 

लता ने कितने गाने गाए इसको लेकर भी बढ़ा-चढ़ा कर दावे किए गए हैं । लता ने कहा कि वे नहीं जानती कि उन्होंने कितने गाने गाए क्योंकि उन्होंने इसका कोई रिकॉर्ड नहीं रखा। गिनीज़ बुक में भी उनका नाम शामिल किया गया था, लेकिन इसको लेकर भी खासा विवाद हुआ। लगभग 25 या 30 हजार गानों की बातें करना बेमानी है। हांलाकि लगभग 5 से 6 हजार गीतों में लता ने अपनी आवाज जरूर दी है। 

 
भारत सरकार द्वारा लता जी को दिये गए विभिन्न पुरस्कार 


2001 में मिला था भारत रत्न
लता मंगेशकर को 2001 में संगीत की दुनिया में उनके योगदान के लिए भारत के सर्वोच्च नागरिक सम्मान भारत रत्न से नवाजा गया था। इससे पहले भी उन्हें कई सम्मान दिए गए, जिसमें पद्म विभूषण, पद्म भूषण और दादा साहेब फाल्के सम्मान भी शामिल हैं। कम ही लोग जानते हैं कि लता जी गायिका के साथ संगीतकार भी थीं और उनका अपना फिल्म प्रोडक्शन भी था, जिसके बैनर तले बनी फिल्म "लेकिन" थी, इस फिल्म के लिए उन्हें बेस्ट गायिका का नेशनल अवॉर्ड भी मिला था, 61 साल की उम्र में गाने के लिए नेशनल अवॉर्ड जीतने वाली वे एकमात्र गायिका रहीं। इसके अलावा भी फिल्म "लेकिन" को 5 और नेशनल अवॉर्ड मिले थे।अन्य पुुुरस्कार   नीचे  देखें  ~~


1969 - पद्म भूषण

1989 - दादा साहेब फाल्के पुरस्कार

1999 - पद्म विभूषण

2001 - भारत रत्न

 

 

राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार 

1972 - फिल्म परी के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

1974 - फ़िल्म कोरा कागज़ के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फ़िल्म पुरस्कार

1990 - फिल्म लेकिन के गीतों के लिए सर्वश्रेष्ठ महिला पार्श्व गायिका का राष्ट्रीय फिल्म पुरस्कार

 

फिल्मफेयर अवार्ड्स
लता जी को निम्न लिखित फिल्मफेयर अवार्ड दिए गए ।
1959 - "आजा रे परदेसी" (मधुमती) 

1963 - "काहे दीप जले कही दिल" (बीस साल बाद)

1966 - "तुम मेरे मंदिर तुम मेरी पूजा" (खानदान)

1970 - "आप मुझसे अच्छे लगने लगे" (जीने की राह से)

1993 - फ़िल्मफ़ेयर लाइफटाइम अचीवमेंट अवार्ड

1994 - "दीदी तेरा देवर दीवाना" (हम आपके हैं कौन) के लिए विशेष पुरस्कार

2004 - फ़िल्मफ़ेयर स्पेशल अवार्ड : 50 साल पूरे करने वाले फ़िल्मफ़ेयर अवार्ड्स के अवसर पर एक गोल्डन ट्रॉफी प्रदान की गई

 

महाराष्ट्र राज्य फिल्म पुरस्कार

1966 - सर्वश्रेष्ठ पार्श्वगायिका

1966 - सर्वश्रेष्ठ संगीत निर्देशक ('आनंदघन' नाम से)

1977 - जैत रे जैत के लिए सर्वश्रेष्ठ पार्श्व गायिका 

1997 - महाराष्ट्र भूषण पुरस्कार 

2001 - महाराष्ट्र रत्न

 

बंगाल फिल्म जर्नलिस्ट्स एसोसिएशन अवार्ड्स

बेस्ट फीमेल प्लेबैक सिंगर निम्न लिखित फिल्मों के लिए प्रदान किया गया ।

1964 - वो कौन थी

1967 - ‍मिलन

1968 - राजा और रंक

1969 - सरस्वतीचंद्र

1970 - दो रास्ते 

1971 - तेरे मेरे सपने

1972 - पाकीज़ा

1973 - बॉन पलाशिर पदबाली (बंगाली फिल्म)

1973 - अभिमान

1975 - कोरा कागज़

1981 - एक दूजे के लिए

1983 - A Portrait Of Lataji (ए पोट्रेट ऑफ लताजी)

1985 - राम तेरी गंगा मैली

1987 - अमरसंगी (बंगाली फिल्म)

1991 - लेकिन

 

इनके अलावा अन्य  ढेर सारे पुरस्कार, सम्मान और ट्रॉफियांलता जी को प्रदान की गईं । मध्यप्रदेश सरकार ने लता मंगेशकर के नाम पर पुरस्कार भी जारी किया है। 























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