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शनिवार, 13 जुलाई 2019

Agent Smith Virus :- भारत के 1.5 करोड़ स्मार्टफोन और विश्व भर में 2.5 करोड़ डिवाइस "Agent Smith" मालवेयर की चपेट में !! चोरी हो सकता है आपका बैंकिंग डेटा । जरूर जानें इससे बचने के तरीके और रहें सतर्क

Agent Smith Virus :- भारत के 1.5 करोड़ स्मार्टफोन और विश्व भर में 2.5 करोड़ डिवाइस "Agent Smith" मालवेयर की चपेट में !! चोरी हो सकता है आपका बैंकिंग डेटा , जरूर जानें इससे बचने के तरीके और रहें सतर्क  :-



विश्व भर में 2.5 करोड़ एंड्रॉयड फोन में घुसा Agent Smith वायरस पहुंचने की रिपोर्ट्स के बाद गूगल भी सतर्क हो गया है। रिपोर्ट में खुलासा हुआ था कि अकेले भारत में ही 1.5 करोड़ फोन इस वायरस से प्रभावित हुए हैं। वहीं गूगल ने भी प्ले स्टोर से ऐसी संदेहास्पद एप्स को हटा दिया है। अगर आपके फोन में ये एप्स इंस्टॉल हैं, तो समझिये कि आपके फोन में भी Agent Smith वायरस अपनी पैठ बना चुका है।
आइये जानते हैं कौन सी हैं ये एप्स...
सिक्योरिटी फर्म चेकप्वाइंट ने अपनी रिपोर्ट में दावा किया था कि दुनियाभर के 2.5 करोड़ एंड्रॉयड फोन एजेंट स्मिथ (Agent Smith) मैलवेयर की चपेट में हैं।
Check Point Research ने एक नए किस्म के मोबाइल वायरस की खोज की है जिसकी चपेट में दुनियाभर के 2.5 करोड डिवाइस हैं ।
इस वायरस की खासियत है यह एंड्रॉयड स्मार्टफोन्स में यूजर्स की जानकारी के बिना पहुंचा है, वहीं फोन में इसकी एंट्री गूगल से संबंधित एप के जरिए हुई है। ऐसे में लोगों को इसकी जरा सी भी भनक नहीं लगी है।




 Check Point Research ने बताया है कि ये वायरस यूजर्स शानदार रिटर्न वाले बैंकिंग विज्ञापन दिखा कर यूजर्स का डेटा चोरी कर रहा है। कंपनी ने स्मार्टफोन यूजर्स को थर्ड पार्टी ऐप स्टोर से ऐप डाउनलोड न करने को कहा है। अपनी रिपोर्ट में कंपनी ने बताया है कि एजेंट स्मिथ वायरस को पहली बार 9 App से डाउनलोड किया गया था। रिपोर्ट सामने आने के बाद 9 App ने बयान जारी कर बताया है कि वे मामले की जांच कर रहे हैं और कंपनी लगातार Google के संपर्क में है।


गुपचुप रिप्लेस कर देता है एप


सबसे डराने वाली बात ये है कि ये बिना यूजर की परमिशन के ही इंसटाल कर लिया जाता है । Check Point के मोबाइल थ्रेड डिटेक्शन रिसर्च हेड Jonathan Schimonovich ने कहा है, ‘ये मैलवेयर चुपके से यूजर्स द्वारा इंस्टॉल किए गए ऐप्स को अटैक करता है और ये आम एंड्रॉयड यूजर्स के लिए इसे ढूंढ पाना चैलेंजिंग बनाता है’ ।




यह Agent Smith मैलवेयर डिवाइस में ब्रॉड ऐक्सेस लेकर यूजर्स को फ्रॉड वाले विज्ञापन दिखाता है ताकि अटैकर्स को इसका फायदा हो सके । हालांकि यह मैलवयेर इससे बड़े मकसद के लिए यूज किया जा सकता है। 


रिपोर्ट के मुताबिक इस मैलवेयर से बैंकिंग क्रेडेंशियल यानी जानकारियां चोरी हो सकती हैं। आपको  "CopyCat " मैलवेयर के  बारे में याद होगा, ये उसी तरह से काम करता है ।


यदि यह वायरस आपके फोन में पहुंच गया है, तो वह आपकी इजाजत के बिना डिवाइस का पूरा एक्सेस ले चुका होगा। जैसे कि कैमरा, लोकेशन, कॉल, मैसेज आदि के एक्सेस उसके पास होंगे। इसके बाद यह एप आपके फोन में तमाम तरह की वित्तीय धोखाधड़ी वाले विज्ञापन दिखा रहा होगा। इन विज्ञापनों की मदद से यह वायरस आपकी वित्तीय जानकारी भी चोरी कर सकता है। यह एप आपके फोन में मौजूद व्हाट्सएप और गूगल जैसे लोकप्रिय एप को रिप्लेस कर सकता है।

कंपनी का यह भी कहना है कि उनकी संस्था Google के साथ मिलकर काम कर रही है और फिलहाल Google Play Store में कोई हानिकारक ऐप अब मौजूद नहीं है।









1⃣ Ludo Master - New Ludo Game 2019
For Free 

2⃣ Blockman Go: Free Realms & Mini Games

3⃣ Crazy Juicer - Hot Knife Hit Game & Juice Blast

4⃣ Sky Warriors: General Attack

5⃣ Bio Blast - Infinity Battle Shoot virus

6⃣ Shooting Jet

7⃣ Photo Projector

8⃣ Gun Hero — Gunman Game for Free

9⃣ Cooking Witch

🔟 Color Phone Flash - Call Screen Theme

11⃣ Clash of Virus

12⃣ Angry Virus

13⃣ Rabbit Temple

14⃣ Star Range

15⃣ Kiss Game: Touch Her Heart

16⃣ Girl Cloth Xray Scan Simulator





फोन की सेटिंग्स में जाएं
Apps या एप्लिकेशन मैनेजर पर क्लिक करें
अब नीचे की स्क्रॉल करके देखें
अब ऐसे किसी भी एप को अन-इंस्टॉल कर दें जिसे आप नहीं जानते हैं या फिर उसे आपने डाउनलोड नहीं किया है।
यदि कोई संदिग्ध एप नजर नहीं आता है तो हाल ही में इंस्टॉल किए गए सभी एप्स को अन-इंस्टॉल कर दें।
इससे आप एजेंट स्मिथ वायरस से अपने डिवाइस को बचा सकते हैं और अपने डेटा को सुरक्षित रख सकते हैं ।
तो सतर्क रहें और सुरक्षित रहें और अपडेट रहें ।
धन्यवाद ।

सोमवार, 8 जुलाई 2019

आर्टिकल 15 क्या है ??? क्यों है विवाद हिंदी फिल्म "आर्टिकल 15" पर ??

आर्टिकल 15 क्या है ???
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क्यों है विवाद हिंदी फिल्म "आर्टिकल 15" पर ??
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आप जानते हैं कि हमारे देश में हर वर्ष सैकड़ों, हज़ारों फ़िल्में बनती हैं और इनमें से कुछ फिल्में समय-समय पर चर्चा एवं विवाद का विषय भी बन जाती हैं। इसी कड़ी में हाल ही में रिलीज़ हुई अनुभव सिन्हा और गिन्ग्गर शंकर निर्देशित हिंदी फीचर फिल्म "आर्टिकल 15 ( ARTICLE 15 )" लगातार चर्चा का विषय बनी हुई है। 


RAKSHA BANDHAN OFFER!!! ,Get up to 80% discount बताया जा रहा है कि यह फिल्म सच्ची घटनाओं से प्रेरित है, लेकिन इसके कंटेंट को लेकर कई लोगों को आपत्ति भी है। सवर्णों के एक संगठन ने इसे सर्वोच्च न्यायालय में चुनौती दी है। फिल्म में उत्तर प्रदेश के एक गाँव की कहानी दर्शाई गई है और इसका टाइटल संविधान   से लिया गया है, जिसका नाम है आर्टिकल 15 ■



आइये जानते हैं , क्या है आर्टिकल 15 ?
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भारतीय संविधान अनुच्छेद 15 (Article 15 in Hindi) -
धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग या जन्मस्थान के आधार पर विभेद का प्रतिषेध
संविधान के आर्टिकल संख्या 14 से लेकर आर्टिकल 18 तक में देश के सभी नागरिकों को  समानता का मौलिक अधिकार देने की बात कही गई है।भारतीय संविधान में सभी नागरिकों को बिना किसी भेदभाव के छः मौलिक अधिकार दिये गए हैं। इन अधिकारों का उद्देश्य है कि हर नागरिक सम्मान के साथ अपना जीवन व्यतीत कर सके और किसी के साथ ,किसी भी आधार पर भेदभाव न हो।
आर्टिकल -15 के मुख्य चार बिंदु हैं , जो नीचे दिए गए हैं :- जानें 👉👉👉


1⃣  राज्य, किसी नागरिक के विरुद्ध के केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर कोई विभेद नहीं करेगा।

2⃣  कोई नागरिक केवल धर्म, मूलवंश, जाति, लिंग, जन्मस्थान या इनमें से किसी के आधार पर----
(क)   ➡  दुकानों, सार्वजनिक भोजनालयों, होटलों और सार्वजनिक मनोरंजन के स्थानों में प्रवेश, या
(ख)  ➡ पूर्णतः या भागतः राज्य-निधि से पोषित या साधारण जनता के प्रयोग के लिए समर्पित कुओं, तालाबों, स्नानघाटों, सड़कों और सार्वजनिक समागम के स्थानों के उपयोग,
के संबंध में किसी भी निर्योषयता, दायित्व, निर्बन्धन या शर्त के अधीन नहीं होगा।


3⃣   इस अनुच्छेद की कोई बात राज्य को स्त्रियों और बालकों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।


4⃣  इस अनुच्छेद की या अनुच्छेद 29 के खंड (2) की कोई बात राज्य को सामाजिक और शैक्षिक दृष्टि से पिछड़े हुए नागरिकों के किन्हीं वर्गों की उन्नति के लिए या अनुसूचित जातियों और अनुसूचित जनजातियों के लिए कोई विशेष उपबंध करने से निवारित नहीं करेगी।




मौलिक अधिकारों भी जानें , क्या हैं मौलिक अधिकार ????👉👉


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➡ मौलिक अधिकार उन अधिकारों को कहा जाता है जो व्यक्ति के जीवन के लिये अनिवार्य होने की वज़ह से संविधान द्वारा नागरिकों को प्रदान किये गए हैं और जिनमें राज्य द्वारा कोई  हस्तक्षेप नहीं किया जा सकता।
➡ये ऐसे अधिकार हैं जो किसी के व्यक्तित्व के पूर्ण विकास के लिये आवश्यक हैं और जिनके बिना मनुष्य अपना पूर्ण विकास नही कर सकता।
➡इन अधिकारों को मौलिक इसलिये कहा जाता है क्योंकि इन्हें देश के संविधान में स्थान दिया गया है तथा संविधान में संशोधन की प्रक्रिया के अतिरिक्त इनमें किसी भी प्रकार से संशोधन नही किया जा सकता।
➡ये अधिकार व्यक्ति के प्रत्येक पक्ष के विकास हेतु मूल रूप में आवश्यक हैं तथा इनके अभाव में व्यक्ति के व्यक्तित्व का विकास अवरुद्ध हो जाएगा।
➡इन अधिकारों का उल्लंघन नही किया जा सकता। मौलिक अधिकार न्याय योग्य हैं तथा समाज के प्रत्येक व्यक्ति को समान रूप से प्राप्त होते हैं।
👉 44वाँ संशोधन होने से पहले संविधान में दिये गए मौलिक अधिकारों की सात श्रेणियाँ थीं, परंतु इस संशोधन के द्वारा संपत्ति के अधिकार को सामान्य कानूनी अधिकार बना दिया गया।


ये हैं मौलिक अधिकार ➡
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1⃣  समानता का अधिकार: इसमें कानून के समक्ष समानता, धर्म, वंश, जाति लिंग या जन्‍म स्‍थान के आधार पर भेदभाव का निषेध तथा रोज़गार के संबंध में समान अवसर शामिल है।
2⃣  स्वतंत्रता का अधिकार: भाषा और विचार प्रकट करने की स्‍वतंत्रता का अधिकार, एकत्र होने संघ या यूनियन बनाने, आने-जाने, निवास करने और कोई भी जीविकोपार्जन एवं व्‍यवसाय करने की स्‍वतंत्रता का अधिकार (इनमें से कुछ अधिकार राज्‍य की सुरक्षा, विदेशों के साथ भिन्‍नतापूर्ण संबंध, सार्वजनिक व्‍यवस्‍था, शालीनता और नैतिकता के तहत दिये जाते हैं)।
3⃣  शोषण के विरुद्ध अधिकार: इसमें बेगार, बाल श्रम और मनुष्‍यों के व्‍यापार का निषेध किया गया है।
4⃣   धार्मिक स्वतंत्रता का अधिकार: आस्‍था एवं अंत:करण की स्‍वतंत्रता, किसी भी धर्म का अनुयायी बनना, उस पर विश्‍वास करना एवं धर्म का प्रचार करना इसमें शामिल हैं।
5⃣  सांस्कृतिक तथा शिक्षा संबंधी अधिकार: किसी भी वर्ग के नागरिकों को अपनी संस्‍कृति सुरक्षित रखने, भाषा या लिपि बचाए रखने और अल्‍पसंख्‍यकों को अपनी पसंद की शैक्षिक संस्थाएँ चलाने का अधिकार।
6⃣   संवैधानिक उपचारों का अधिकार: मौलिक अधिकार के प्रवर्तन के लिये संवैधानिक उपचार का अधिकार।
आशा करते हैं ये जानकारी आपको अच्छी लगी होंगी ।
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ABHIDFAITH

शनिवार, 6 जुलाई 2019

ओडिशा के जगन्नाथ पुरी में किया गया विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ यात्रा का आयोजन

ओडिशा के पुरी में किया गया विश्व प्रसिद्ध श्री जगन्नाथ यात्रा का आयोजन➡➡
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ओडिशा के पूरी में जगन्नाथ यात्रा का आयोजन किया गया , जिसमें भगवान  श्री जगन्नाथ के लाखों  श्रद्धालुओं ने  भाग लिया ।







कहते हैं कि राजा इन्द्रद्युम्न, जो सपरिवार नीलांचल सागर (उड़ीसा) के पास रहते थे, को समुद्र में एक विशालकाय काष्ठ दिखा। राजा के उससे विष्णु मूर्ति का निर्माण कराने का निश्चय करते ही वृद्ध बढ़ई के रूप में विश्वकर्मा जी स्वयं प्रस्तुत हो गए। उन्होंने मूर्ति बनाने के लिए एक शर्त रखी कि मैं जिस घर में मूर्ति बनाऊँगा उसमें मूर्ति के पूर्णरूपेण बन जाने तक कोई न आए। राजा ने इसे मान लिया। आज जिस जगह पर श्रीजगन्नाथ जी का मन्दिर है उसी के पास एक घर के अंदर वे मूर्ति निर्माण में लग गए। राजा के परिवारजनों को यह ज्ञात न था कि वह वृद्ध बढ़ई कौन है। कई दिन तक घर का द्वार बंद रहने पर महारानी ने सोचा कि बिना खाए-पिये वह बढ़ई कैसे काम कर सकेगा। अब तक वह जीवित भी होगा या मर गया होगा। महारानी ने महाराजा को अपनी सहज शंका से अवगत करवाया। महाराजा के द्वार खुलवाने पर वह वृद्ध बढ़ई कहीं नहीं मिला लेकिन उसके द्वारा अर्द्धनिर्मित श्री जगन्नाथ, सुभद्रा तथा बलराम की काष्ठ मूर्तियाँ वहाँ पर मिली।
महाराजा और महारानी दुखी हो उठे। लेकिन उसी क्षण दोनों ने आकाशवाणी सुनी, 'व्यर्थ दु:खी मत हो, हम इसी रूप में रहना चाहते हैं मूर्तियों को द्रव्य आदि से पवित्र कर स्थापित करवा दो।' आज भी वे अपूर्ण और अस्पष्ट मूर्तियाँ पुरुषोत्तम पुरी की रथयात्रा और मन्दिर में सुशोभित व प्रतिष्ठित हैं। रथयात्रा माता सुभद्रा के द्वारिका भ्रमण की इच्छा पूर्ण करने के उद्देश्य से श्रीकृष्ण व बलराम ने अलग रथों में बैठकर करवाई थी। माता सुभद्रा की नगर भ्रमण की स्मृति में यह रथयात्रा पुरी में हर वर्ष होती है।


यह घटना भगवान जगन्नाथ को अपने भाई, भगवान बलराम और बहन सुभद्रा के साथ रथ में यात्रा करते हुए चिह्नित करती है।
यह दुनिया भर से तीर्थयात्रियों और आगंतुकों को आकर्षित करता है। यह त्योहार प्राचीन काल से मनाया जाता रहा है। इसकी उत्पत्ति के बारे में एक किंवदंती के अनुसार, जगन्नाथ ने प्रति वर्ष एक सप्ताह के लिए अपने जन्मस्थान पर जाने की इच्छा व्यक्त की है। इस प्रकार, देवताओं को हर साल गुंडिचा मंदिर, पुरी, ओडिशा ले जाया जाता है। एक अन्य किंवदंती के अनुसार, सुभद्रा, अपने माता-पिता के घर द्वारका जाना चाहती थीं, और उनके भाई इस दिन उन्हें वापस द्वारका ले गए। रथ यात्रा उस यात्रा का एक स्मरणोत्सव है ।

👉 देवर्षि नारद को वरदान

श्री जगन्नाथ जी की रथयात्रा की कथा कुछ इस प्रकार प्रचलित है - द्वारिका में श्री कृष्ण रुक्मिणी आदि राज महिषियों के साथ शयन करते हुए एक रात निद्रा में अचानक राधे-राधे बोल पड़े। महारानियों को आश्चर्य हुआ। जागने पर श्रीकृष्ण ने अपना मनोभाव प्रकट नहीं होने दिया, लेकिन रुक्मिणी ने अन्य रानियों से वार्ता की कि, सुनते हैं वृन्दावन में राधा नाम की गोपकुमारी है जिसको प्रभु ने हम सबकी इतनी सेवा निष्ठा भक्ति के बाद भी नहीं भुलाया है। राधा की श्रीकृष्ण के साथ रहस्यात्मक रास लीलाओं के बारे में माता रोहिणी भली प्रकार जानती थीं। उनसे जानकारी प्राप्त करने के लिए सभी महारानियों ने अनुनय-विनय की। पहले तो माता रोहिणी ने टालना चाहा लेकिन महारानियों के हठ करने पर कहा, ठीक है। सुनो, सुभद्रा को पहले पहरे पर बिठा दो, कोई अंदर न आने पाए, भले ही बलराम या श्रीकृष्ण ही क्यों न हों।
माता रोहिणी के कथा शुरू करते ही श्री कृष्ण और बलरम अचानक अन्त:पुर की ओर आते दिखाई दिए। सुभद्रा ने उचित कारण बता कर द्वार पर ही रोक लिया। अन्त:पुर से श्रीकृष्ण और राधा की रासलीला की वार्ता श्रीकृष्ण और बलराम दोनो को ही सुनाई दी। उसको सुनने से श्रीकृष्ण और बलराम के अंग अंग में अद्भुत प्रेम रस का उद्भव होने लगा। साथ ही सुभद्रा भी भाव विह्वल होने लगीं। तीनों की ही ऐसी अवस्था हो गई कि पूरे ध्यान से देखने पर भी किसी के भी हाथ-पैर आदि स्पष्ट नहीं दिखते थे। सुदर्शन चक्र विगलित हो गया। उसने लंबा-सा आकार ग्रहण कर लिया। यह माता राधिका के महाभाव का गौरवपूर्ण दृश्य था।
अचानक नारद के आगमन से वे तीनों पूर्व वत हो गए। नारद ने ही श्री भगवान से प्रार्थना की कि हे भगवान आप चारों के जिस महाभाव में लीन मूर्तिस्थ रूप के मैंने दर्शन किए हैं, वह सामान्य जनों के दर्शन हेतु पृथ्वी पर सदैव सुशोभित रहे। महाप्रभु ने तुरंत तथास्तु कह दिया।



👉 रथ यात्रा से पहले स्नान यात्रा

जगन्नाथ, बलभद्र और सुभद्रा की मूर्तियों को `जय जगन्नाथ` और` हरिबोल` के अनुष्ठानों और मंत्रोच्चार के बीच जप-तप और स्नान के दौरान स्नान के रूप में जाना जाता है, और जयंती माह की पूर्णिमा के दिन शंखनाद किया जाता है।

👉 रथ यात्रा से पहले अनावर्ष

स्नान समारोह चित्रित लकड़ी के देवताओं को अलग करता है। इसलिए मुख्य पुजारी को छोड़कर किसी को भी 15 दिनों की अवधि के लिए श्रद्धांजलि अर्पित करने और दर्शन करने की अनुमति नहीं है, जिसे अनावर्ष समय के रूप में जाना जाता है। कहा जाता है कि भगवान जगन्नाथ ने स्वयं राजा इंद्रद्युम्न को इस अनावर्ष काल के बारे में आदेश दिया था।


👉 रथ यात्रा से पहले नेत्रोत्सव

भगवान जगन्नाथ के कट्टर भक्त के लिए, अनावर्ष समय वास्तव में अलगाव का एक कठिन समय है। चित्रों को फिर से चित्रित किया जाता है और श्रद्धालुओं को देखने और श्रद्धांजलि देने के लिए रत्नावेदी या मुख्य मंच पर लाया जाता है। इस समारोह को नेत्रोत्सव नाम दिया गया है। इस दिन लोग सभी नए और युवा रूप में देवताओं को देखने का अवसर लेते हैं। इसे `नव यौवन दर्शन` कहा जाता है।

👉रथ यात्रा से पहले नबाकलेबेरा

नबाकलेबारा पुरी और दुनिया के अधिकांश जगन्नाथ मंदिरों से जुड़ा एक प्राचीन अनुष्ठान है, जब भगवान जगन्नाथ, बलभद्र, सुभद्रा और सुदर्शन की मूर्तियों को मूर्तियों के नए सेट से बदल दिया जाता है।


👉मुख्य रथ यात्रा महोत्सव

“कार फेस्टिवल” की मुख्य यात्रा में भगवान जगन्नाथ, बलदेव और सुभद्रा की बड़ी प्रतिमाएँ शामिल हैं, जिन्हें प्रत्येक वर्ष, प्रत्येक रथ पर, मंदिर से, जहाँ जगन्नाथ का रथ, नंदीघोष, 35 फीट का चौकोर है, मंदिर से ले जाया जाता है।बलभद्र के रथ को तलध्वज कहा जाता है, जिसका रंग नीला होता है और इसमें 14 पहिए होते हैं। सुभद्रा का रथ सबसे छोटा है, जिसमें 12 पहिए हैं और इसे देवदलन कहा जाता है।

👉भगवान जगन्नाथ की मासिर बारी

फिर मंदिर से चित्रों को दो मील दूर गुंडिचा बारी के जगन्नाथ के घर में ले जाया जाता है। वे एक पखवाड़े के लिए एकांत स्थान पर सीमित रहते हैं जहाँ उनका उपचार किया जाता है, उन्हें विशेष आयुर्वेदिक दवा और कुछ विशेष तरल आहार दिए जाते हैं जिन्हें सरपना कहा जाता है। एक सप्ताह के आराम के बाद, उन्हें पुरी के मंदिर में वापस ले जाया जाता है। यह वापसी कार उत्सव या बाहुडा यात्रा `आषाढ़ शुक्ल दशमी` से शुरू होती है। रथयात्रा के दिन, मंदिर के कर्मचारी और मंडली के सदस्य भारी मात्रा में खाद्य पदार्थों को पकाते हैं, और हर कोई महाप्रसादम का आनंद लेने के लिए उतना ही आनंद लेता है जितना कि वे उपभोग करने के लिए करते हैं। पुरी की रथ यात्रा की निरंतर सफलता ओडिशा के लिए इतनी महत्वपूर्ण है कि राज्य सरकार ने यात्रा को “राज्य उत्सव” घोषित किया है।


👉जनकपुर में है भगवान श्री जगन्नाथ जी की मौसी का घर



जनकपुर में भगवान जगन्नाथ दसों अवतार का रूप धारण करते हैं। विभिन्न धर्मो और मतों के भक्तों को समान रूप से दर्शन देकर तृप्त करते हैं। इस समय उनका व्यवहार सामान्य मनुष्यों जैसा होता है। यह स्थान जगन्नाथ जी की मौसी का है। मौसी के घर अच्छे-अच्छे पकवान खाकर भगवान जगन्नाथ बीमार हो जाते हैं। तब यहाँ पथ्य का भोग लगाया जाता है जिससे भगवान शीघ्र ठीक हो जाते हैं। रथयात्रा के तीसरे दिन पंचमी को लक्ष्मी जी भगवान जगन्नाथ को ढूँढ़ते यहाँ आती हैं। तब द्वैतापति दरवाज़ा बंद कर देते हैं जिससे लक्ष्मी जी नाराज़ होकर रथ का पहिया तोड़ देती है और हेरा गोहिरी साही  पुरी का एक मुहल्ला जहाँ लक्ष्मी जी का मन्दिर है, वहाँ लौट जाती हैं। बाद में भगवान जगन्नाथ लक्ष्मी जी को मनाने जाते हैं। उनसे क्षमा माँगकर और अनेक प्रकार के उपहार देकर उन्हें प्रसन्न करने की कोशिश करते हैं। इस आयोजन में एक ओर द्वैताधिपति भगवान जगन्नाथ की भूमिका में संवाद बोलते हैं तो दूसरी ओर देवदासी लक्ष्मी जी की भूमिका में संवाद करती है। लोगों की अपार भीड़ इस मान-मनौव्वल के संवाद को सुनकर खुशी से झूम उठती हैं। सारा आकाश जै श्री जगन्नाथ के नारों से गूँज उठता है। लक्ष्मी जी को भगवान जगन्नाथ के द्वारा मना लिए जाने को विजय का प्रतीक मानकर इस दिन को विजयादशमी और वापसी को बोहतड़ी गोंचा कहा जाता है। रथयात्रा में पारम्परिक सद्भाव, सांस्कृतिक एकता और धार्मिक सहिष्णुता का अद्भुत समन्वय देखने को मिलता है।
👉श्री जगन्नाथ जी का महाप्रसाद

रथयात्रा में सबसे आगे ताल ध्वज पर श्री बलराम, उसके पीछे पद्म ध्वज रथ पर माता सुभद्रा व सुदर्शन चक्र और अन्त में गरुण ध्वज पर या नन्दीघोष नाम के रथ पर श्री जगन्नाथ जी सबसे पीछे चलते हैं। तालध्वज रथ ६५ फीट लंबा, ६५ फीट चौड़ा और ४५ फीट ऊँचा है। इसमें ७ फीट व्यास के १७ पहिये लगे हैं। बलभद्र जी का रथ तालध्वजऔर सुभद्रा जी का रथ को देवलन जगन्नाथ जी के रथ से कुछ छोटे हैं। सन्ध्या तक ये तीनों ही रथ मन्दिर में जा पहुँचते हैं। अगले दिन भगवान रथ से उतर कर मन्दिर में प्रवेश करते हैं और सात दिन वहीं रहते हैं। गुंडीचा मन्दिर में इन नौ दिनों में श्री जगन्नाथ जी के दर्शन को आड़प-दर्शन कहा जाता है। श्री जगन्नाथ जी के प्रसाद को महाप्रसाद माना जाता है जबकि अन्य तीर्थों के प्रसाद को सामान्यतः प्रसाद ही कहा जाता है। श्री जगन्नाथ जी के प्रसाद को महाप्रसाद का स्वरूप महाप्रभु बल्लभाचार्य जी के द्वारा मिला। कहते हैं कि महाप्रभु बल्लभाचार्य की निष्ठा की परीक्षा लेने के लिए उनके एकादशी व्रत के दिन पुरी पहुँचने पर मन्दिर में ही किसी ने प्रसाद दे दिया। महाप्रभु ने प्रसाद हाथ में लेकर स्तवन करते हुए दिन के बाद रात्रि भी बिता दी। अगले दिन द्वादशी को स्तवन की समाप्ति पर उस प्रसाद को ग्रहण किया और उस प्रसाद को महाप्रसाद का गौरव प्राप्त हुआ। नारियल, लाई, गजामूंग और मालपुआ का प्रसाद विशेष रूप से इस दिन मिलता है।
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श्रोत - विकीपीडिया एवं अन्य

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शुक्रवार, 5 जुलाई 2019

बजट 2019 । BUDGET 2019 । जानिए क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा,आपकी जेब पर इतना पड़ेगा असर । क्या है ख़ास( MODI -2) के बजट में ?:


[बजट 2019] जानिए क्या हुआ सस्ता और क्या महंगा,आपकी जेब पर इतना पड़ेगा असर ।
क्या है ख़ास( MODI -2) के बजट में ?:-
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पहली बार किसी महिला वित्त मंत्री (पूर्णकालिक) ने देश का आम बजट पेश किया।यहां बता दें कि पूरे विश्व मे वर्तमान में 16 महिला वित्तमंत्री हैं जिनमे भारत भी शामिल है । नरेंद्र मोदी सरकार के दूसरे कार्यकाल (MODI -2 )का पहला बजट इस लिहाज से ऐतिहासिक रहा। बजट में की गई घोषणाओं के आधार पर देखा जाए तो इसमें जहां मिडिल क्‍लास को कोई विशेष रियायत नहीं दी गई वहीं अमीरों पर सरकार ने सरचार्ज लगा दिया। इसके अलावा कई ऐसी घोषणाएं की गई, जिसकी उम्मीद नहीं थी। बजट को लेकर शेयर बाजार की भी प्रतिक्रिया  निराशाजनक रही। हालांकि, इन सबके बावजूद ऐसी घोषणाएं बजट वर्ष 2019 में की गई, जो बेहद अहम हैं और आपके लिए जानना जरूरी है
केन्द्रीय वित्तमंत्री निर्मला सीतारमरण शुक्रवार को केन्द्रीय बजट पेश किया। इस बजट में पेट्रोल और डीजल पर एक रुपए एक्साइज ड्‍यूटी लगाने की घोषणा की गई। 

➡ वित्तमंत्री की घोषणा के चलते पेट्रोल और डीजल एक रुपए महंगे हो जाएंगे, जबकि इलेक्ट्रिक वाहनों पर जीएसटी की दर 12 से घटाकर 5 प्रतिशत कर दी गई। इसके चलते इस तरह के वाहन सस्ते हो जाएंगे।

➡ वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने कहा भारत का कर्ज जीडीपी का 5 फीसदी से भी कम है. 1,2,5,10,20 रुपये के सिक्‍के जारी किए जाएंगे।

➡ सोने और बेशकीमती धातुओं पर सीमा शुल्क 10 फीसदी से बढ़ाकर 12.5 फीसदी कर दी गई है। जिसके बाद अब ये उत्पाद महंगे हो जाएंगे। देश में नहीं बनने वाले रक्षा उत्पाद सीमा शुल्क से मुक्त रहेंगे।

➡ 45 लाख रुपए तक के हाउसिंग लोन के ब्याज पर छूट 2 लाख से बढ़ाकर 3.5 लाख रुपए कर दी गई है। इससे मध्यम वर्ग को इनकम टैक्स में फायदा होगा। दूसरी ओर मध्यम वर्ग को आयकर में कोई छूट नहीं दी गई है। सरकार ने धनाढ्‍य वर्ग पर टैक्स बढ़ाने की घोषणा की है।
➡इसके साथ ही कॉरपोरेट टैक्स की दरों में कटौती की घोषणा की गई है। 400 करोड़ रुपये तक के रेवेन्यू वाले कंपनियों को अब 30 फीसदी के मुकाबले 25 फीसदी कॉरपोरेट टैक्स देना होगा।


➡ अमीरों पर टैक्स की मार, लेकिन मिडिल क्लास को भूले
हर बार की तरह इस बार भी मिडिल क्लास की नजर टैक्स स्लैब पर थी ।लेकिन वित्त मंत्री ने सैलरी क्लास को निराश किया ।
➡ नौकरीपेशा लोगों को इस बजट में कोई राहत नहीं दी गई है। सरकार ने आयकर स्लैब में किसी तरह का कोई बदलाव नहीं किया है।

 ➡2 लाख हो या तीन लाख या चाहे 10 लाख की आय वाला व्यक्ति क्यों ना हो, किसी को भी राहत नहीं मिली है । टैक्स स्लैब में किसी तरह का चेंज नहीं है, लेकिन अमीरों पर इस बार टैक्स का भार बढ़ाया गया है । 

 ➡ जिनकी आय 2 करोड़ से 5 करोड़ के बीच है, उन पर 3 फीसदी का अतिरिक्त सेस लगाया जाएगा।

 ➡  5 करोड़ से अधिक की सालाना आय वालों पर 7  फीसदी का सेस ठोका गया है ।

➡ नकदी इस्तेमाल को हतोत्साहित करने के लिए सरकार ने अहम घोषणा की है। एक साल के भीतर एक करोड़ रुपये से अधिक की नकदी निकासी पर अब दो फीसदी टीडीएस का भुगतान करना होगा।

जानें क्या हुआ सस्ता ???👉
क्या हुआ मंहगा ???👉
👇👇👇👇👇👇👇👇👇

➡ सस्ता : 
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रक्षा उपकरण,

 चमड़े का सामान,

 इलेक्ट्रिक वाहन, 

45 लाख रुपए तक का घर।

➡ महंगा : 
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सोना,
 सीसीटीवी, 
ऑटो पार्ट्‍स,
 मार्बल टाइल्स,
 पीवीसी, 
किताबें,
 पेट्रोल-डीजल,
 काजू, 
मेटल फिटिंग, 
सिंथेटिक रबर,
 डिजिटल वीडियो कैमरा।

📝ABHI D FAITH


शनिवार, 29 जून 2019

GENERAL STUDIES । GS । सामान्य अध्ययन । GK ।One Liner QUESTIONS

GENERAL STUDIES  सामान्य अध्ययन GK
One Liner QUESTIONS by ABHI D FAITH



👉नशीले पदार्थ के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस - 26 जून🔹
👉अत्याचार के पीड़ितों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस - 26 जून🔹
👉विश्व प्रशीतन दिवस मनाया जाता है - 26 जून🔹
किसी स्थान, या पदार्थ, को उसके वातावरण के ताप के नीचे तक ठंढा करने की क्रिया को प्रशीतन (Refrigeration) कहते हैं।
G20 सम्मेलन 2019 का आयोजन स्थान यह है- ओसाका🔹
👉अत्याचार के पीड़ितों के समर्थन में अंतर्राष्ट्रीय दिवस - 26 जून🔹
👉केंद्र सरकार ने वर्ष 2025 तक देश से जिस बीमारी के उन्मूलन के लिये राष्ट्रीय रणनीतिक योजना तैयार की है- टीबी🔹
👉 पहले खाड़ी देश का नाम यह है जिसने मनी लॉन्ड्रिंग के खिलाफ goAML एप्लीकेशन को अपनाया है- संयुक्त अरब अमीरात🔹
👉हाल ही में जिस देश में जलवायु परिवर्तन के खिलाफ महिलाओं ने Birth Strike नामक अभियान आरंभ किया है- ब्रिटेन🔹
👉ऑस्ट्रेलियाई सरकार ने अवैध रूप से देश में प्रवेश करने की कोशिश कर रहे लोगों के बीच जागरूकता बढ़ाने के लिये जिस नाम से अभियान आरंभ किया है- Zero Chance🔹
👉हाल ही में संसद में पेश किये गये आवधिक श्रम बल सर्वेक्षण (The Periodic Labour Force Survey) के अनुसार भारत के जिस राज्य में बेरोजगारी दर सबसे अधिक है- नागालैंड🔹
👉वह राज्य जिसके मुख्यमंत्री ने राज्य के अधिकारियों, ज़िलाधिकारियों और पुलिस अधीक्षकों को हर हाल में सुबह 9 बजे तक दफ्तर पहुंचने का निर्देश दिया है- उत्तर प्रदेश🔹
👉हाल ही में जिस देश की सरकार ने नीरव मोदी और उसकी बहन पूर्वी मोदी के बैंक अकाउंट को फ्रिज कर दिया है- स्विट्जरलैंड 🔹
👉हाल ही में जिस राज्य में ‘इम्प्रेस्ड कछुआ’ की खोज की गई है- अरुणाचल प्रदेश 🔹
👉 दक्षिण भारतीय फिल्मों की जानीमानी जिस अभिनेत्री एवं निर्देशक का हाल ही में दिल का दौरा पड़ने से निधन हो गया- विजया निर्मला🔹
👉नशीले पदार्थ के दुरुपयोग और अवैध तस्करी के खिलाफ अंतर्राष्ट्रीय दिवस - 26 जून.🔹
GENERAL STUDIES  सामान्य अध्ययन GK
One Liner QUESTIONS by ABHI D FAITH
👉पिछले पांच साल में भारत के अंदर सरकारी बैंकों में विलफुल डिफॉल्टरों की संख्या में इतनी बढ़ोतरी हुई - 60 फीसदी (बढ़कर 8,582)🔹
👉जनता के लिए आरबीआई द्वारा विनियमित संस्थाओं के खिलाफ शिकायतों दर्ज के लिए भारतीय रिज़र्व बैंक द्वारा शुरू किया गया सॉफ्टवेयर एप्लीकेशन – काम्प्लेन्ट मैनेजमेंट सिस्टम (सीएमएस)🔹
👉भारत में राष्ट्रीयकृत बैंकों की संख्या – 17🔹
👉पहला अरब देश जिसे वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) की पूर्ण सदस्यता प्रदान की जाएगी - सऊदी अरब.🔹
👉रिविगो के "नेशनल फ्रेट इंडेक्स (एनएफआई) 2019" के अनुसार, 2018 के लिए अनुमानित भारतीय सड़क माल बाजार मूल्य - 150-160 अरब डॉलर🔹
👉मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 2019 की प्रबंधन श्रेणी के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों की राष्ट्रीय रैंकिंग में भारतीय विदेश व्यापार संस्थान (आईआईएफ़टी) का क्रमांक - 31🔹
👉मानव संसाधन विकास मंत्रालय की 2019 की प्रबंधन श्रेणी के तहत उच्च शिक्षा संस्थानों की राष्ट्रीय रैंकिंग में पहला स्थान – भारतीय प्रबंधन संस्थान (आईआईएम) बैंगलोर🔹
👉संयुक्त राष्ट्र खाद्य एवं कृषि संगठन (एफएओ) के नव-निर्वाचित महानिदेशक – कू दोंगयू  (चीन)🔹
👉वह राज्य जिसने 2001 से 2018 की अवधि में उपग्रह इमेजरी के माध्यम से एक अद्वितीय फ़्लड हजार्ड एटलस विकसित किया - ओडिशा🔹
👉भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) – स्थापना वर्ष: 1935; मुख्यालय: मुंबई (महाराष्ट्र)🔹
👉भारतीय रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर - सर ओस्बोर्न स्मिथ (1935-1937)🔹
👉भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर - सर सी. डी. देशमुख (1943-1949)🔹
👉संयुक्त राष्ट्र (यूएन) - स्थापना वर्ष: 1945; मुख्यालय: न्यूयॉर्क (अमरीका)🔹
👉भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) - स्थापना वर्ष: 1992; मुख्यालय: मुंबई🔹
👉संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (यूएन एफ़एओ) - स्थापना वर्ष: 1945; मुख्यालय: रोम (इटली)🔹
👉वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) - स्थापना वर्ष: 1989; मुख्यालय: पेरिस (फ्रांस)🔹
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One Liner QUESTIONS by ABHI D FAITH
👉भारतीय रिज़र्व बैंक (आरबीआई) – स्थापना वर्ष: 1935; मुख्यालय: मुंबई (महाराष्ट्र)🔹
👉भारतीय रिजर्व बैंक के पहले गवर्नर - सर ओस्बोर्न स्मिथ (1935-1937)🔹
👉भारतीय रिजर्व बैंक के पहले भारतीय गवर्नर - सर सी. डी. देशमुख (1943-1949)🔹
👉संयुक्त राष्ट्र (यूएन) - स्थापना वर्ष: 1945; मुख्यालय: न्यूयॉर्क (अमरीका)🔹
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One Liner QUESTIONS by ABHI D FAITH
👉भारतीय प्रतिभूति और विनिमय बोर्ड (सेबी) - स्थापना वर्ष: 1992; मुख्यालय: मुंबई🔹
👉संयुक्त राष्ट्र खाद्य और कृषि संगठन (यूएन एफ़एओ) - स्थापना वर्ष: 1945; मुख्यालय: रोम (इटली)🔹
👉 वित्तीय कार्रवाई कार्य बल (एफएटीएफ) - स्थापना वर्ष: 1989; मुख्यालय: पेरिस (फ्रांस)🔹

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